World Cup 2019: धोनी-शमी ने तो दूर कर दी चिंता, पर विश्व कप तक नहीं सुलझेगी नंबर-4 की समस्या
Advertisement
trendingNow1497939

World Cup 2019: धोनी-शमी ने तो दूर कर दी चिंता, पर विश्व कप तक नहीं सुलझेगी नंबर-4 की समस्या

विश्व कप से पहले टीम इंडिया को सिर्फ 5 वनडे मैच खेलने हैं. प्रयोग का वक्त निकल चुका है और अंबाती रायडू टीम प्रबंधन का भरोसा नहीं जीत पा रहे हैं. 

मोहम्मद शमी न्यूजीलैंड के खिलाफ और एमएस धोनी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुने गए. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड दौरे पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर स्वदेश लौट रही है. यह आगामी विश्व कप (World Cup 2019) से पहले भारतीय टीम का आखिरी विदेशी दौरा था. इसलिए इसे वर्ल्ड कप की तैयारियों से जोड़कर देखा गया. अब जबकि दौरा पूरा हो गया है तो इस पर बात हो रही है कि टीम ने इस दौरे पर क्या खोया या क्या पाया. ‘विराट ब्रिगेड’ ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में जिस अंदाज में वनडे मैच जीते, उससे यह तो तय है कि उसकी कुछ मुश्किलें हल हो गई हैं. खासकर एमएस धोनी (MS Dhoni) की बैटिंग की चिंता दूर हो गई है. तीसरे पेसर की तलाश भी पूरी हो गई है. लेकिन एक गुत्थी ऐसी है, जो अब विश्व कप (ICC World Cup 2019) से पहले शायद ही सुलझे. यह गुत्थी है नंबर-4 के बल्लेबाज की, जो अब मौजूदा टीम की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. 

भारतीय टीम जब नवंबर में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड पर रवाना हुई तो कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने टेस्ट सीरीज के अलावा वनडे टीम के कॉम्बिनेशन पर भी खुलकर बात की. विराट ने तब कहा था कि टीम की नंबर-4 की गुत्थी सुलझ गई है. अंबाती रायडू  (Ambati Rayudu) इस नंबर के लिए पूरी तरह फिट हैं. वे जरूरत पड़ने पर तेजी से रन बनाते हैं और मुश्किल वक्त पर क्रीज पर खड़े रहने की काबिलियत रखते हैं. लेकिन, ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैड सीरीज पूरी होने के साथ ही रायडू की काबिलियत पर शक किया जाने लगा है.

यह भी पढ़ें: World Cup 2019: रिकी पोंटिंग ने भारत के अलावा इन 2 टीमों को बताया विश्व कप जीतने का दावेदार

बहरहाल, हम इस विदेशी दौरे का जिक्र टीम के पॉजिटिव्स से शुरू करते हैं. साल 2018 में एमएस धोनी बुरी तरह फ्लॉप रहे थे. भारतीय टीम जब ऑस्ट्रेलिया पहुंची तो सबसे बड़ा सवाल यही था कि धोनी कैसा प्रदर्शन करेंगे. कप्तान कोहली उन पर पूरा भरोसा जता रहे थे. दूसरी ओर, दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत का अच्छा खेलकर धोनी पर दबाव बना रहा था. धोनी के आलोचक पूछ रहे थे कि क्या धोनी को सिर्फ इसलिए टीम में रखा जा रहा है ताकि वे डीआरएस पर अपनी राय दे सकें. लेकिन 2019 ने सब कुछ बदलकर रख दिया. 

धोनी ने 2019 में 6 मैच में बनाए 242 रन 
एमएस धोनी ने साल 2019 में छह वनडे मैच खेले हैं. उन्होंने इन मैचों में 121 की औसत से 242 रन बनाए हैं. वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीन फिफ्टी लगाकर ‘मैन ऑफ द सीरीज’ का खिताब भी ले उड़े. उन्होंने अपने इस प्रदर्शन से ना सिर्फ आलोचकों को जवाब दिया, बल्कि टीम प्रबंधन की चिंता भी दूर कर दी. उन्होंने जता दिया कि वे अभी चुके नहीं हैं. और रही बात स्टंपिंग की तो, दुनिया में शायद ही कोई विकेटकीपर ऐसा हो जो धोनी से ज्यादा फुर्ती से गिल्लियां उड़ा सके. कुल मिलाकर धोनी ने विश्व कप से पहले अपना आखिरी टेस्ट पूरे नंबरों से पास कर लिया है. 

fallback
कोच रवि शास्त्री के साथ मोहम्मद शमी. (फोटो: IANS)

शमी के 7 मैचों ने दूर की पेस अटैक की चिंता
टीम इंडिया के पास जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार के रूप में पेस अटैक के लिए बेहतरीन जोड़ी है. लेकिन तीसरे पेसर को लेकर लगातार प्रयोग चल रहे थे. साल 2016-18 के बीच इस प्रयोग में उमेश यादव, मोहम्मद सिराज, खलील अहमद, सिद्धार्थ कौल जैसे अनेक नाम आए. इनमें से कोई भी टीम की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा नहीं उतरा. उधर, चयनकर्ता उन मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को लगभग भुला चुके थे, जिन्होंने 2015 के वर्ल्ड कप में 17 विकेट लिए थे. इस गेंदबाज को 2016 में एक भी वनडे मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया. शमी ने 2017 में तीन और 2018 में दो वनडे मैच खेले. फिर 2019 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका मिला. शमी ने यह मौका दोनों हाथों से लपका और इस साल सात मैचों में 14 विकेट झटक लिए. शमी की गेंदबाजी की खासियत यह रही कि उन्होंने नई और पुरानी दोनों गेंदों से प्रभावी प्रदर्शन किया. उनके इस प्रदर्शन ने पेस अटैक को लेकर टीम इंडिया की चिंता दूर कर दी है. 

यह भी पढ़ें: मोहम्मद शमी ने 2016-18 के बीच खेले थे महज 5 वनडे मैच, इस साल 3 हफ्ते में ही बन गए सबसे खास

टीम इंडिया नंबर-4 की समस्या के साथ ही विश्व कप जाएगी 
अब बात नंबर-4 के बल्लेबाज की. भारत ने 2015 विश्व कप के बाद इस नंबर पर 10 से अधिक बल्लेबाजों को आजमाया है. कई बार लगा कि यह समस्या सुलझ गई है. कभी इस नंबर पर एमएस धोनी फिट नजर आए तो कभी अजिंक्य रहाणे. फिर साल 2018 में अंबाती रायडू को इस नंबर के लिए फिट माना गया. लेकिन इस नंबर पर बल्लेबाजी को लेकर जिस तरह से बयान सामने आ रहे हैं, वे बताते हैं कि टीम प्रबंधन ने अंदरखाने यह मान लिया है कि रायडू इस नंबर पर फिट नहीं हैं. हाल ही में टीम के उप कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि एमएस धोनी को नंबर-4 पर खेलना चाहिए. इसके कुछ दिन बाद कोच रवि शास्त्री ने कहा कि विराट कोहली को नंबर-4 पर उतारा जा सकता है. अब न्यूजीलैंड दौरा खत्म होने के बाद प्रमुख चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा है कि ऋषभ पंत, विजय शंकर और अजिंक्य रहाणे भी विश्व कप की रेस में शामिल हैं. 
 

fallback
अंबाती रायडू 52 वनडे मैचों में 50.33 की औसत से 1661 रन बना चुके हैं. (फोटो: IANS) 

 

ध्यान रहे, ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले रवि शास्त्री ने ही कहा था कि विश्व कप के लिए कोर टीम चुन ली गई है. अब  नए खिलाड़ियों को प्रयोग के नाम पर मौके नहीं दिए जाएंगे. इसी 20-22 सदस्यीय टीम कोर टीम से विश्व कप की टीम चुनी जाएगी. मजेदार बात यह है कि तब शास्त्री की इस कोर टीम में ना तो विजय शंकर शामिल थे और ना ही अजिंक्य रहाणे. अब जबकि एमएसके प्रसाद इन दोनों के विश्व कप की रेस में शामिल होने की बात कह रहे हैं तो यह भी साफ है कि ये दोनों नंबर-4 पर बल्लेबाजी के दावेदार ही हैं. उन्होंने तीसरा नाम ऋषभ पंत का लिया, जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में नंबर-4 पर बल्लेबाज कर ली. 

और अंत में. टीम इंडिया में नंबर-4 की रेस भले ही ओपन हो. लेकिन यह तय मानिए कि यह रेस 30 मई से शुरू हो रहे विश्व कप से पहले पूरी नहीं होगी. टीम इंडिया नंबर-4 के लिए चाहे जिस खिलाड़ी को चुने, उसके प्रदर्शन और टीम में स्थान को लेकर भी संशय बनी ही रहेगी. नंबर-4 की समस्या कोई ऐसा खिलाड़ी ही सुलझाएगा, जो फिलहाल वर्ल्ड कप की कोर टीम में नहीं है. जाहिर है, उस खिलाड़ी को तभी मौका मिलेगा, जब विश्व कप खत्म हो जाएगा. तब तक नंबर-4 टीम का सिरदर्द बना रहेगा. 

Trending news