Paris Paralympic 2024: फाइनल में मोना मजबूती से सामने आई और उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग की चुनौती को पीछे छोड़ते हुए 250.7 के स्कोर के साथ शीर्ष पोडियम स्थान हासिल किया. झांग ने 248.8 अंक हासिल कर सिल्वर मेडल जीता.
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Paris Paralympic 2024: भारत की मोना अग्रवाल ने करियर के चौथे इंटरनेशनल टूर्नामेंट में कमाल कर दिया. मोना ने शनिवार को डब्ल्यूएसपीएस पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीत लिया. उन्होंने विमेन्स 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 कैटेगरी में गोल्ड जीता. इसके साथ ही उन्होंने देश के लिए 2024 पेरिस पैरालंपिक का कोटा हासिल कर लिया. 2020 टोक्यो पैरालंपिक की गोल्ड मेडल विजेता अवनी लेखरा ने इसी कैटगरी में ब्रॉन्ज जीता.
2021 में शूटिंग को अपनाया
37 वर्षीय मोना ने शॉट पुट और पावरलिफ्टिंग में स्टेट लेवल पर अपनी छाप छोड़ने के बाद दिसंबर 2021 में शूटिंग को अपनाया था. वह पेरिस में जगह पक्की करने वाली नौवीं भारतीय पैरा शूटर बन गई हैं. दो बच्चों की मां मोना ने कर्णी सिंह रेंज में क्वालीफिकेशन राउंड में 618 का मामूली स्कोर बनाकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में सातवें स्थान पर प्रवेश किया. अवनी ने क्वालीफिकेशन में शानदार प्रदर्शन करते हुए 623.9 का शानदार स्कोर बनाया और फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं.
चीन की खिलाड़ी को हराया
फाइनल में मोना मजबूती से सामने आई और उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग की चुनौती को पीछे छोड़ते हुए 250.7 के स्कोर के साथ शीर्ष पोडियम स्थान हासिल किया. झांग ने 248.8 अंक हासिल कर सिल्वर मेडल जीता. वहीं, 2022 में पेरिस कोटा बुक करने वाली अवनी 227.0 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.
घरेलू धरती पर जीतना खास: मोना
मोना अपने जन्म के कुछ महीनों के भीतर ही पोलियो से पीड़ित हो गई थीं. वह व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती हैं. मोना ने कहा, "मैं अपने चौथे इंटरनेशनल टूर्नामेंट में देश के लिए कोटा स्थान हासिल करके बेहद खुश हूं। भारत द्वारा आयोजित किए जा रहे पहले वर्ल्ड कप में गोल्ड जीतना खास है. घरेलू धरती पर देश के लिए गौरव हासिल करने की भावना कुछ ऐसी है जिसे समझाना मुश्किल है.'' मौजूदा पैरा वर्ल्ड कप पहली बार भारत द्वारा आयोजित किया जा रहा है. 46 देशों के 270 से अधिक शूटर रिकॉर्ड संख्या में 20 पेरिस पैरालंपिक कोटा सुरक्षित करने के लिए इस मेगा इवेंट में उतरे हैं.