सिंधु को बैडमिंटन चैंपियनशिप में नहीं मिला गोल्ड, दीपिका पादुकोण के पिता ने दिया ये बयान
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सिंधु को बैडमिंटन चैंपियनशिप में नहीं मिला गोल्ड, दीपिका पादुकोण के पिता ने दिया ये बयान

भारत में एकल वर्ग के खिलाड़ियों में अधिक प्रतिभा है और युगल वर्ग में हिस्सा लेने वाली जोड़ियों को अधिक सुधार की आवश्यकता है.

प्रकाश पादुकोण ने कहा कि खिलाड़ियों का पदक जीतना इस पर भी निर्भर करेगा कि मैच वाले दिन वह किस तरह से खेलते हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. भारत के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी और फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के पिता प्रकाश पादुकोण ने कहा है कि पीवी सिंधु दिग्गज भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों में शुमार हो गई हैं. पादुकोण के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि वह विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतने के द्वंद को एक दिन जरूर तोड़ेंगी. सिंधु को हाल ही में विश्व पियनशिप के फाइनल में एक बार फिर स्पेन की दिग्गज कैरोलिना मारिन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. सिंधु को लगातार दूसरी बार फाइनल में सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा है.

  1. विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में सिंधु का प्रदर्शन दमदार रहा था.
  2. पीवी सिंधु लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियनशिप के महिला एकल वर्ग के फाइनल जीतने में नाकाम रहीं.
  3. अभी तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक नहीं जीत सका है.
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23 साल की सिंधु को इस वर्ष लगातार चार टूर्नामेंटों इंडिया ओपन, राष्ट्रमंडल खेल, थाईलैंड ओपन और विश्व पियनशिप के फाइनल में हारकर दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा है. इससे बड़े टूर्नामेंटों के फाइनल में जीतने की उनकी क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे हैं. वर्ष 1980 में वर्ल्ड नंबर-1 बनने और उसी साल आल इंग्लैंड जीतने वाले पहले भारतीय बने पादुकोण ने कहा कि शीर्ष स्तर पर लगातार अच्छे प्रदर्शन करते रहना आसान नहीं होता है.

पादुकोण ने यहां पीएनबी मेटलाइफ द्वारा आयोजित एक बैडमिंटन टूर्नामेंट के दौरान कहा, "उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है. लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचना बड़ी बात है. शीर्ष पर मुकाबले आसान नहीं होते है, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें अगली बार स्वर्ण जीतने के बारे में सोचना चाहिए."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक विश्वसनीय प्रदर्शन है. उन्होंने दो अच्छे जापानी खिलाड़ियों (नोजोमी ओकुहारा और अकाने यामागुची) को हराया, जिनसे वह आमतौर पर हार जाती है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह फाइनल जीत नहीं सकी."

यह पूछे जाने पर कि क्या सिंधु को दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों में शामिल किया जा सकता है. पादुकोण ने कहा, "निश्चित रूप से वह दिग्गज खिलाड़ियों में से एक है. वह अभी बहुत छोटी हैं और उन्हें लंबा सफर तय करना है." उन्होंने कहा, " वह अभी केवल 23 साल की है. मुझे लगता है कि जब वह संन्यास लेगी तो कई उपलब्धि अपने नाम कर चुकी होगी."

भारत में एकल में अधिक प्रतिभा: प्रकाश पादुकोण
प्रकाश पादुकोण ने माना कि भारत में एकल वर्ग के खिलाड़ियों में अधिक प्रतिभा है और युगल वर्ग में हिस्सा लेने वाली जोड़ियों को अधिक सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि भारत में एकल वर्ग में अधिक प्रतिभाएं हैं. हम युगल वर्ग में भी लगातार बेहतर हो रहे हैं. एक, दो जोड़ियां हैं जो लगातार अपना सर्वश्रेष्ठ दे रही हैं. अगर आप दो साल पहले से तुलना करें, तो हमारी स्थिति बहुत बेहतर है और सुधार करने में समय लगता है." उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले कई वर्षों में विश्व के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों को हराया है लेकिन एशियाई खेलों में चुनौती आसान नहीं होगी और पदक जीतना भी मुश्किल होगा.

प्रकाश पादुकोण ने कहा, "इन खेलों में पदक जीतना मुश्किल होगा क्योंकि बैडमिंटन खेलने वाले शीर्ष देश अधिकर भारत में हैं और वह भी इन खेलों के लिए अधिक मेहनत कर रहे हैं. खिलाड़ियों का पदक जीतना इस पर भी निर्भर करेगा कि मैच वाले दिन वह किस तरह से खेलते हैं."

विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में सिंधु का प्रदर्शन दमदार रहा था, लेकिन फाइनल में उन्हें एक बार फिर स्पेन की दिग्गज कैरोलिना मारिन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था.

प्रकाश पादुकोण ने कहा, "सिंधु पर किसी प्रकार का मैंटल ब्लॉक नहीं है और वह अगली बार फाइनल में जरूर जीतेंगी. वह अभी भी बहुत युवा हैं और हमें उन पर दबाव बनाने की आवश्यकता नहीं है. वह अच्छा प्रदर्शन कर रही है, उन्होंने विश्व के शीर्ष खिलाड़ियों को मात दी है और हमारा ध्यान इस पर केंद्रित होना चाहिए कि हम कैसे उनको टूर्नामेंट जीतने के लिए उत्साहित कर सकते हैं."

(इनपुट-एजेंसी)

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