ईंट का जवाब पत्थर से और पत्थर का जवाब जीप से दे दिया तो क्या गलत कर दिया : योगेश्वर दत्त
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ईंट का जवाब पत्थर से और पत्थर का जवाब जीप से दे दिया तो क्या गलत कर दिया : योगेश्वर दत्त

योगेश्वर दत्त पहले भी भारतीय सेना के समर्थन में ट्वीट करते रहे हैं. 

योगेश्वर दत्त ने नौहट्टा मामले में किया भारतीय सेना का समर्थन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट (कुश्ती) योगेश्वर दत्त ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना का समर्थन किया है. नौहट्टा में सुरक्षा बल की गाड़ी की चपेट में आए एक युवक की मौत के बाद से इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है. दरअसल, श्रीनगर के नौहट्टा में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष के दौरान दो युवक कथित रूप से सीआरपीएफ की गाड़ी की चपेट में आए गए थे. दोनों को सौरा के एसकेआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां कैसर भट नाम के युवक ने दम तोड़ दिया था. युवक की मौत के बाद से इस मामले लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. गौतम गंभीर के बाद भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी इस मामले में सेना का समर्थन किया है और अपनी राय बेबाकी से रखी है. 

  1. जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा में सुरक्षा बल की गाड़ी से युवक की मौत
  2. सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर आए दिन हो रही है पत्थरबाजी
  3. योगेश्वर दत्त पहले भी कर चुके हैं भारतीय सेना का समर्थन

योगेश्वर दत्त ने इस मामले में भारतीय सेना का पक्ष लेते हुए ट्वीट किया है और पत्थरबाजों को जवाब देने की बात कही है. योगेश्वर दत्त ने अपना यह ट्वीट जेएनयू छात्रसंघ की नेता शहला राशिद के ट्वीट का जवाब देते हुए किया है. शहला राशिद ने इस मामले को शर्मनाक बताते हुए एक ट्वीट किया था. 

इसी ट्वीट का जवाब देते हुए योगेश्वर दत्त ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'ईंट का जवाब पत्थर से और पत्थर का जवाब जीप से दे दिया तो क्या ग़लत कर दिया #JaiHind #Hindkisena'

दरअसल, जेएनयू छात्रसंघ की नेता शहला राशिद ने ट्वीट करते हुए कहा था- शर्मनाक! जम्मू कश्मीर सरकार ने विरोध को दबाने का नया तरीका निकाला है. यकीनन यह दिल जीत लेगा.

योगेश्वर दत्त ने इसके बाद एक और ट्वीट किया. उन्होंने लिखा- देश को आजाद कराने के लिए देशभक्तों ने अनेक अत्याचार सहे. देशभक्तों को तब भी सज़ा होती थी देशभक्तों को आज भी सज़ा होती है. फ़र्क़ इतना है कि तब सजा़ देने वाले हाथ परायों के थे और अब अपनों के.कुछ नहीं बदला तो यह कि सज़ा दिलाने में तब भी अपनों का हाथ होता था और आज भी अपनों का हाथ है

योगेश्वर दत्त ने यह ट्वीट भी एक दूसरे ट्वीट का जवाब देते हुए किया था.

बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब योगेश्वर दत्त भारतीय सेना के पक्ष में खड़े हुए हैं. इससे पहले फरवरी में भी योगेश्वर दत्त ने पत्थरबाजों पर सेना की फायरिंग का समर्थन किया था. सेना के समर्थन में उन्होंने कहा था कि पत्थर बरसाने वालों पर सेना अपनी फायरिंग जारी रखे. योगेश्वर दत्त ने कहा था, "पत्थर बरसाने वालों पर सेना फूल नहीं बरसा सकती. सेना को भी अपनी आत्मरक्षा में फायरिंग करने का अधिकार है." 

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