Zee जानकारी : तो यह है सचिन तेंदुलकर की 'पहाड़' वाली चिंता
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Zee जानकारी : तो यह है सचिन तेंदुलकर की 'पहाड़' वाली चिंता

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत रत्न सचिन तेंदुलकर अपने एक दोस्त की विवादित प्रॉपर्टी को लेकर चिंतित हैं। सचिन की ये चिंता अपने दोस्त की मसूरी में एक विवादित प्रॉपर्टी को लेकर है, जिसे बचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मामले में दखल देने की मांग की। लेकिन रक्षा मंत्री ने इससे इनकार कर दिया। वैसे सचिन के दोस्त इस प्रॉपर्टी केस को सुप्रीम कोर्ट में भी हार चुके हैं। 

Zee जानकारी : तो यह है सचिन तेंदुलकर की 'पहाड़' वाली चिंता

नई दिल्ली : क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत रत्न सचिन तेंदुलकर अपने एक दोस्त की विवादित प्रॉपर्टी को लेकर चिंतित हैं। सचिन की ये चिंता अपने दोस्त की मसूरी में एक विवादित प्रॉपर्टी को लेकर है, जिसे बचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मामले में दखल देने की मांग की। लेकिन रक्षा मंत्री ने इससे इनकार कर दिया। वैसे सचिन के दोस्त इस प्रॉपर्टी केस को सुप्रीम कोर्ट में भी हार चुके हैं। 

अगर किसी आम इंसान ने ऐसा किया होता, तो ये कहा जाता है कि वो अपने दोस्त के लिए प्रॉपर्टी डीलिंग कर रहा था। लेकिन सचिन तेंदुलकर के लिए ये सब नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि सचिन को क्रिकेट का भगवान माना जाता है और भगवान कभी प्रॉपर्टी डीलर नहीं हो सकता। अब आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला है क्या? 

-ये पूरा मामला मसूरी के लंढौर कैन्टोनमेंट एरिया के पास बने देहलिया बैंक नाम के एक रिसॉर्ट का है। जो सचिन तेंदुलकर के दोस्त संजय नारंग का बताया जाता है। 
-रिसॉर्ट के बगल में Defence Research and Development Organisation यानी DRDO का Institute of Technology Management है। 
-आरोप है कि संजय नारंग ने अपने रिसॉर्ट के बगल में एक टेनिस कोर्ट बनाने की इजाज़त ली थी, लेकिन इसके बाद यहां एक पूरी इमारत बना दी गई।
-नियमों के मुताबिक किसी भी रक्षा संस्थान से 50 मीटर के दायरे में कोई भी प्राइवेट निर्माण नहीं हो सकता है, लेकिन इस केस में इस नियम को तोड़ा गया। 
-मामला पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, और सुप्रीम कोर्ट ने संजय नारंग के ही खिलाफ फैसला सुनाया। 
-बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सचिन तेंदुलकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने के लिए पहुंचे थे। लेकिन रक्षा मंत्री ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया।

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