Survey Of Gyanvapi: ज्ञानवापी में आज दूसरे दिन भी ASI का सर्वे जारी है. आज सर्वे के दौरान अंजुमन इंतजामिया कमेटी के सदस्य सर्वे के दौरान मौजूद हैं. सर्वे के पहले दिन सिर्फ हिंदू पक्ष के लोग मौजूद थे. पहले दिन कई हिंदू कलाकृतियां पश्चिमी दीवार पर मिलीं.
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Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में ASI सर्वे का आज (शनिवार को) दूसरा दिन है. सर्वे करने वाली ASI की टीम सुबह ठीक 9 बजे ज्ञानवापी परिसर पहुंची और सर्वे शुरू किया. आज परिसर में हिंदू (Hindu) और मुस्लिम (Muslim) दोनों पक्ष मौजूद हैं. जानकारी के मुताबिक, आज रेडिएशन के जरिए परिसर की जांच की जा रही है. ज्ञानवापी परिसर में हिन्दू मंदिर के प्रतीकों और दीवारों की जांच को सर्वे टीम आगे बढ़ा रही है. वहीं, ज्ञानवापी के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पहले दिन ASI सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से कोई भी शामिल नहीं हुआ था लेकिन आज हो रहे सर्वे में अंजुमन इंतजामिया कमेटी के सदस्य सर्वे के दौरान मौजूद हैं.
सर्वे टीम ने हिंदू धर्म के चिह्नों को जुटाया
बता दें कि ASI की टीम ने सर्वे के पहले दिन हिंदू धर्म के चिह्नों को जुटाया. ASI सर्वे के पहले दिन ज्यादातर पेपर वर्क किए गए. लेकिन टीम का सबसे ज्यादा ध्यान ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर रहा. दीवार पर मौजूद हिंदू स्मृति चिह्नों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई. ASI की टीम ने पूरे परिसर का डिजाइन तैयार किया. तीन गुंबद के नीचे और तहखानों में भी सर्वे की टीम पहुंची. लेकिन मुस्लिम पक्ष की ओर से किसी के मौजूद ना रहने की वजह से तहखानों और गुंबद के नीचे मौजूद कमरों की चाबी नहीं मिल सकी लेकिन टीम ने पूरे परिसर की रूपरेखा तैयार की. ASI की 41 सदस्यीय टीम को सर्वे के लिए 4 भागों में बांटा गया है.
पश्चिमी दीवार पर मिलीं ये कलाकृतियां
आपको बता दें कि ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर ही हिंदू मंदिरों में मिलने वाली कलाकृतियां मिली हैं जिनमें स्वास्तिक, कलशफूल, कमल के फूल और त्रिशूल शामिल हैं. हिंदू पक्ष का दावा है कि पश्चिमी दीवार ही मां शृंगार गौरी के मंदिर का प्रवेश द्वार है. वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज करते हुए ASI सर्वे को हरी झंडी दिखा दी जिसके बाद ASI सर्वे का काम जारी है.
ओवैसी ने उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले और ASI के सर्वे को लेकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है उन्होंने ट्वीटकर लिखा कि एक बार जब ज्ञानवापी की ASI रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी. उम्मीद है कि 23 दिसंबर और 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति नहीं होगी. आशा ये है कि एक हजार बाबरियों के लिए द्वार नहीं खोले जाएंगे.
Once the #Gyanvapi ASI reports are made public, who knows how things will pan out. One hopes that neither 23rd December nor 6th December will repeat. The observation of the Supreme Court in the Ayodhya judgement regarding the sanctity of the Places of Worship Act must not be…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 5, 2023
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