CERT-In को ऐप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और मोज़िला जैसी कंपनियों के सॉफ्टवेयर और डिवाइसों में सुरक्षा खामियों को तेजी से ढूंढने के लिए जाना जाता है. इस बार भी उन्होंने टीपी-लिंक राउटरों में एक बड़े खतरे को उजागर किया है, जिसके बारे में शायद बहुत से यूजर्स को अभी पता न हो.
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भारत की इंटरनेट व्यवस्था में इस्तेमाल होने वाले लोकप्रिय टीपी-लिंक राउटरों में एक बड़ी सुरक्षा खामी ढूंढी गई है. भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन रिस्पांस टीम (CERT-In) ने इस बारे में तुरंत एक चेतावनी जारी की है. CERT-In को ऐप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और मोज़िला जैसी कंपनियों के सॉफ्टवेयर और डिवाइसों में सुरक्षा खामियों को तेजी से ढूंढने के लिए जाना जाता है. इस बार भी उन्होंने टीपी-लिंक राउटरों में एक बड़े खतरे को उजागर किया है, जिसके बारे में शायद बहुत से यूजर्स को अभी पता न हो.
TP-Link राउटर
जिस बड़ी समस्या की बात हो रही है, वो उन TP-Link राउटरों से जुड़ी है. ये राउटर स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट जैसे डिवाइसों को वायरलेस नेटवर्क के जरिए इंटरनेट से जोड़ते हैं. ये राउटर एक तरह से बिचौलिए का काम करते हैं, जो यूजर्स और उनके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के बीच में रहता है. आसान शब्दों में कहें तो राउटर की वजह से ही हम बिना किसी तार के इंटरनेट चला पाते हैं.
पाई गई ये खामी
CERT-In ने बताया है कि TP-Link राउटरों में एक खामी पाई गई है जिसका फायदा उठाकर बाहर से कोई भी चोर आपके राउटर को अपना बना सकता है. ये खामी सिर्फ उन TP-Link Archer मॉडल्स में है जो वर्जन C5400X(EU)_V1_1.1.7 Build 20240510 से पहले के हैं. आसान भाषा में समझें तो मान लीजिये आपका राउटर आपके घर का मेन गेट है. इस खामी की वजह से बाहर का कोई इंसान (चोर) आपके मेन गेट को कंट्रोल कर सकता है.
एक फाइल से बढ़ी टेंशन
टीपी-लिंक राउटर में एक खामी है जिसका कारण "rf test" नाम की फाइल में है. इस फाइल में कुछ खास चीजों को सही तरीके से मैनेज नहीं किया गया है. इस वजह से राउटर पर एक ऐसा नेटवर्क सर्विस एक्टिव हो जाता है जिसे कोई भी बाहरी व्यक्ति कंट्रोल कर सकता है. उसे पासवर्ड डालने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
समस्या को कैसे ठीक करें
- सबसे जरूरी है कि आप अपने राउटर का लेटेस्ट सॉफ्टवेयर जल्द से जल्द डाउनलोड कर लें. कंपनियां अक्सर ऐसे सॉफ्टवेयर अपडेट्स जारी करती रहती हैं जिनमें सुरक्षा की खामियों को दूर किया जाता है.
- राउटर पर आने वाले डिफ़ॉल्ट यूजरनेम और पासवर्ड को बदल दें. आसानी से मिलने वाले या कमजोर पासवर्ड का इस्तेमाल न करें.
- अपने वाई-फाई नेटवर्क की सुरक्षा मजबूत करने के लिए WPA3 या WPA2 जैसी एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करें. ये एन्क्रिप्शन आपके डाटा को चुराने से रोकता है.
- राउटर के रिमोट मैनेजमेंट फीचर को बंद कर दें. इससे कोई बाहरी व्यक्ति इंटरनेट के जरिए आपके राउटर की सेटिंग्स नहीं बदल सकेगा.