I4C ने एक सार्वजनिक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें लोगों को ईमेल के माध्यम से प्राप्त होने वाले ई-नोटिस की सत्यता की जांच करने की सलाह दी गई है. यह यूनिट लोगों से अपील कर रही है कि वे सरकारी ई-नोटिस के रूप में भेजे गए 'नकली ईमेल' में न फंसें.
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Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) ने एक सार्वजनिक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें लोगों को ईमेल के माध्यम से प्राप्त होने वाले ई-नोटिस की सत्यता की जांच करने की सलाह दी गई है. I4C गृह मंत्रालय के तहत एक साइबर क्राइम यूनिट है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यह यूनिट लोगों से अपील कर रही है कि वे सरकारी ई-नोटिस के रूप में भेजे गए 'नकली ईमेल' में न फंसें.
क्या है I4C की एडवायजरी?
सार्वजनिक विज्ञापन में, I4C लोगों को उन फर्जी ईमेल से सावधान रहने की अपील करता है जो लोगों को धोखा देने और उन्हें 'साइबर धोखाधड़ी का शिकार' बनाने के लिए भेजे जा रहे हैं.
कैसे रहें सुरक्षित?
- ईमेल का असली पता पता करने के लिए, I4C लोगों को सलाह देता है कि वे जांचें कि ईमेल का पता gov.in पर खत्म होता है या नहीं.
- ईमेल में बताए गए अधिकारियों के बारे में जानकारी के लिए इंटरनेट पर सर्च करें. ईमेल की पुष्टि के लिए बताए गए विभाग को फोन करें.
पिछले साल भी I4C ने इसी तरह की चेतावनी जारी की थी जिसमें उसने लोगों को अपने सीईओ के नाम का इस्तेमाल करके भेजे जाने वाले नकली ईमेल से सावधान रहने के लिए कहा था. इन ईमेल के विषय में 'अर्जेंट नोटिफिकेशन' और 'कोर्ट नोटिफिकेशन' जैसे शब्द लिखे होते हैं. I4C ने कहा था कि ये गुमराह करने वाले ईमेल कई सरकारी दफ्तरों और लोगों को भेजे जा रहे हैं जिनमें उन पर साइबर अपराध करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है और उन्हें जवाब देने के लिए कहा जा रहा है.
इस महीने वित्त मंत्रालय ने भी पब्लिक एडवायजरी जारी की थी, जिमसें फेक ईमेल के बारे में बताया गया था. कहा गया था कि स्कैमर्स नाम, सिग्नेचर, दिल्ली पुलिस साइबर क्राइम, सीईआईबी, इंटेलीजेंस ब्यूरो के स्टैम्स का इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं. एडवायजरी में कहा गया कि अगर किसी को इस तरह का मेल आता है तो तुरंत पास के पुलिस स्टेशन पर शिकायत दर्ज कराएं.