CERT-In को ब्राउजर के डेस्कटॉप ऐप में कई कमजोरियां मिली हैं. उनका कहना है कि अगर इन कमजोरियों का फायदा उठाया गया तो हैकर आपके कंप्यूटर को रिमोट से एक्सेस कर सकता है और मनचाहे कार्यक्रम चला सकता है.
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Google Chrome दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंटरनेट ब्राउजर है. फरवरी 2024 तक, 65% लोगों ने डेस्कटॉप पर इंटरनेट ब्राउज़ करने के लिए Chrome का इस्तेमाल किया. यह आंकड़ा 2023 में 63.87% और 2013 में 35.82% से भी ज्यादा है. यही वजह है कि भारत सरकार की हालिया चेतावनी और भी गंभीर हो जाती है. भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने Google Chrome डेस्कटॉप ऐप इस्तेमाल करने वालों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है.
CERT-In को ब्राउजर के डेस्कटॉप ऐप में कई कमजोरियां मिली हैं. उनका कहना है कि अगर इन कमजोरियों का फायदा उठाया गया तो हैकर आपके कंप्यूटर को रिमोट से एक्सेस कर सकता है और मनचाहे कार्यक्रम चला सकता है.
गूगल क्रोम पर पाई खामी
भारत की सरकारी साइबर सुरक्षा एजेंसी ने बताया है कि Google Chrome के डेस्कटॉप ऐप में एक खामी है. यह खामी उन Chrome वर्जनों को प्रभावित करती है जो 125.0.6422.141/.142 से पुराने हैं. यह खामी Windows, Mac और Linux सभी ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रभावित करती है. इस खामी का फायदा उठाकर हैकर आपके कंप्यूटर को दूर से कंट्रोल कर सकता है और आपकी फाइलों को चुरा सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप जल्द से जल्द Google Chrome को अपडेट कर लें.
सरकार की चेतावनी
CERT-इन की चेतावनी के अनुसार, गूगल क्रोम डेस्कटॉप ऐप में कुछ कमजोरियां पाई गई हैं जिनका फायदा उठाकर हमलावर यूजर्स को धोखा देकर उनके कंप्यूटर को अपना कंट्रोल में ले सकता है. यह कमजोरियां मीडिया सेशन, डॉन और प्रेजेंटेशन एपीआई, कीबोर्ड, स्ट्रीम एपीआई और वेबआरटीसी जैसे कई चीजों में हैं.
लिंक्स पर दें ध्यान
भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने चेतावनी दी है कि गूगल क्रोम डेस्कटॉप ऐप में कुछ कमजोरियां हैं. ये कमजोरियां क्रोम के कई हिस्सों जैसे मीडिया, पेश करने वाला एपीआई, कीबोर्ड, स्ट्रीम और वेबआरटीसी में हैं. इन कमजोरियों का फायदा उठाकर हैकर किसी खास तरह का वेबपेज बनाकर आपको उसे खोलने के लिए फंसा सकते हैं. यानी क्रोम इस्तेमाल करने वालों को खासतौर पर उन लिंक्स पर ध्यान देना चाहिए जिन्हें वे अपने ब्राउजर पर देखते हैं, चाहे वो कोई पॉप-अप हो या किसी अनजान सोर्स से ईमेल या एसएमएस में आया हुआ लिंक हो.