साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने कई आईटी फर्मों को निशाना बनाने वाले एक फिशिंग अभियान का पता लगाया है, जहां स्कैमर्स सीईओ बनकर टॉप लेवल के कर्मचारियों के व्यक्तिगत नंबरों पर वॉट्सएप संदेश भेज रहे थे.
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Online Scam के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लोग नए-नए तरीकों से लोगों को लाखों का चूना लगा रहे हैं. सोमवार को साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने कहा कि उन्होंने कई आईटी फर्मों को निशाना बनाने वाले एक फिशिंग अभियान का पता लगाया है, जहां स्कैमर्स सीईओ बनकर टॉप लेवल के कर्मचारियों के व्यक्तिगत नंबरों पर वॉट्सएप संदेश भेज रहे थे. क्लाउडएसईके के विश्लेषकों के मुताबिक, आरोपी खुद को कंपनी का सीईओ बताते हुए बड़े अधिकारियों के व्यक्तिगत फोन नंबरों पर वॉट्सएप संदेश भेजता है.
कैसे शुरू होता है यह स्कैम?
स्कैमर्स सबसे पहले कंपनी के CEO की प्रोफाइल तैयार करते हैं. वो प्रोफाइल पिक्चर से लेकर हर वो चीज करते हैं, जिससे लगे कि वो सच में CEO का वॉट्सएप अकाउंट है. क्लाउडएसईके के विश्लेषकों ने खुलासा किया कि इन स्कैमर्स द्वारा निजी फोन नंबर निकालने के लिए लीड जनरेशन और बिजनेस इंफॉर्मेशन टूल्स का दुरुपयोग किया जा रहा है.
बैंक अकाउंट हो सकता है खाली
यह स्कैमर की शुरुआत कर्मचारियों को मैसेज भेजने से शुरू होती है. मैसेज पढ़कर ऐसा लगता है कि इस कंपनी के टॉप रेंकिंग के कर्मचारी द्वारा भेजा गया है. इससे कर्मचारियों के मन में घबराहट पैदा होती है. यदि मैसेज प्राप्त करने वाला प्रोसेस को फॉलो करता है तो सामने वाला उनसे गिफ्ट कार्ड खरीदने या धनराशि मांगता है.
रिपोर्ट में कहा गया है, कुछ मामलों में स्कैमर कर्मचारियों से व्यक्तिगत जानकारी (जैसे पिन और पासवर्ड) तीसरे पक्ष को भेजने के लिए कह सकता है, अक्सर अनुरोध को पूरा करने के लिए एक प्रशंसनीय कारण प्रदान करता है. सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने इस तरह से स्कैम से बचने के लिए कहा है और कर्मचारियों को सर्तक रहने को कहा है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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