आपका स्मार्टफोन बन जाएगा 'सुपर सेफ', अपनाइए ये टिप्स
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आपका स्मार्टफोन बन जाएगा 'सुपर सेफ', अपनाइए ये टिप्स

बैंक खाते की जानकारी, डिजिटल वॉलेट के साथ अन्य महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स भी फोन में ही स्टोर होते हैं. इसलिए गोपनीय जानकारी को गलत हाथों में पड़ने से रोकने के लिए प्राइवेसी (privacy) और सिक्योरिटी (security) फीचर का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है.

 

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: कोविड 19 (Covid-19) की वजह से अभी भी बहुत सारे लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. ऑफिस से कनेक्ट रहने के लिए स्मार्टफोन बहुत बड़ा रोल निभा रहा है. कॉन्फ्रेंस कॉल हो या फिर ई-मेल बाजी. स्मार्टफोन आपका सबसे बड़ा साथी है. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आपका स्मार्टफोन सिर्फ कहने को ही स्मार्ट न रहे बल्कि सच में स्मार्ट हो. फोन में ऐसे तमाम डेटा होते हैं जो काफी संवेदनशील होते हैं. जैसे बैंक खातों की जानकारी, डिजिटल वॉलेट, आपकी पर्सनल फोटो वगैरह. आप कभी नहीं चाहेंगे कि किसी की बुरी नजर इन पर पड़े. तो इसके लिए करें क्या कि ये सारे डेटा एकदम सुरक्षित और गलत हाथों से दूर रहें. इसके लिए आपको कुछ बेहद आसान टिप्स को फॉलो करना है. इसके बाद आपका फोन हो जाएगा एकदम सुपर फूल प्रूफ. 

  1. स्मार्टफोन के लिए जरूरी है मजूबत पासवर्ड
  2. सॉफ्टवेयर को हमेशा रखें अपडेट
  3. थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करने से बचें
  4.  

मजबूत पासकोड है जरूरी

 

सबसे पहले आपको कुछ प्राइवेसी और सिक्योरिटी फीचर्स का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जैसे अगर आप अपने स्मार्टफोन के लिए पासवर्ड या फिर पिन का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो ये समझ लीजिए कि आपके फोन पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है. केवल फोन के लिए ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया ऐप्स, बैंकिंग ऐप्स के लिए भी पासकोड होना जरूरी है. साथ ही एक बात का ध्यान हमेशा रखें कि जिन ऐप्स का इस्तेमाल आप नहीं कर रहे हैं उन्हें लॉग-ऑफ करके ही रखें. अगर आप ये उपाय कर लेते हैं, तो फिर कोई दूसरा व्यक्ति इन ऐप्स में सेंध नहीं लगा पाएगा. 

सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें

आमतौर पर फोन में आने वाली सॉफ्टवेयर अपडेट को लोग नजरअंदाज कर देते हैं या फिर बाद के लिए टाल देते हैं. लेकिन आपकी यह आदत फोन की सिक्योरिटी को कमजोर कर सकता है. कंपनियां सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए फोन की सिक्योरिटी से जुड़े मुद्दे और बग को दूर करने की कोशिश करती है. स्मार्टफोन के सॉफ्टवेयर (Android या iOS) अपडेट करने से मैलवेयर के खतरे को कम करने में मदद मिलती है.

जरूरत पर ही ब्लूटूथ को ऑन करें

ज्यादातर स्मार्टफोन यूजर अपने ब्लूटूथ को हमेशा ऑन रखते हैं. ऐसा वो वायरलेस इयरफोन, फिटनेस ट्रैकर्स या फिर कार में हैंड्स-फ्री इस्तेमाल करने के लिए भी करते हैं. लेकिन जब आप किसी डिवाइस का इस्तेमाल नहीं कर रहे होते हैं, तो आपको ब्लूटूथ को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि ब्लूटूथ ऑन रखने से हैकर्स आपकी जानकारी तक पहुंच सकते हैं, आपकी कॉल को रोक सकते हैं या फिर मीडिया का दुरुपयोग कर सकते हैं.

रूटिंग और जेलब्रेक से बचें
एंड्रॉयड डिवाइस को रूट या फिर आईफोन को जेलब्रेक करने से यूजर को कई सारी सुविधाएं मिल जाती हैं. कस्टमाइजेशन के विकल्प मिलने के साथ उन ऐप्स को भी डाउनलोड करना आसान हो जाता है, जिनकी अप्रूवल नहीं होती है. लेकिन इससे डिवाइस की सिक्योरिटी कमजोर हो जाती है और हैकर्स आपकी डिवाइस को आसानी से हैक कर सकते हैं. इसलिए ऑरिजनल ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना एक अच्छा विचार हो सकता है.

डेटा एनक्रिप्ट करें
बैंक पासवर्ड के साथ फोन में बहुत सारी निजी जानकारियां और ऑफिस डॉक्यूमेंट्स भी होते हैं. अगर डेटा संवेदनशील है, तो फिर डेटा को एनक्रिप्ट रखना एक अच्छा उपाय हो सकता है. एंड्रॉयड और आईओएस दोनों में यह ऑप्शन है कि आप अपने फोन पर डेटा को एनक्रिप्ट कर सकते हैं. इसके बाद भले ही आपका फोन हैक हो जाए या फिर चोरी, आपके डेटा तक पहुंचना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा.

एंटी-वायरस का उपयोग जरूर करें
जिस तरह आप पर्सनल कंप्यूटर और लैपटॉप में एंटी-वायरस इंस्टॉल करते हैं, वैसे ही स्मार्टफोन में भी इंस्टॉल किया जा सकता है. आज जिस तरह से वायरस, मैलवेयर, हैकिंग से जुड़ी घटनाएं बढ़ रही हैं, उसमें एंटी-वायरस का इस्तेमाल जरूरी हो गया है. यह इस तरह के खतरों से डिवाइस को बचा सकता है. अगर आप एंटी-वायरस के लिए पैसे खर्च नहीं करना चाहते हैं, तो फ्री वाले ऑप्शन भी खूब उपलब्ध हैं. फ्री एंटी-वायरस में भी आपको बेसिक प्रोटेक्शन से जुड़े टूल मिल जाएंगे.

ऐप डाउनलोड के दौरान रहें सावधान
कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले आपको सावधान रहना चाहिए, भले ही आप ऑफिशियल ऐप स्टोर से ही क्यों न कर रहे हों. ऐप डाउनलोड करने से पहले रिव्यू और ऑफिशियल वेबसाइट को भी देखना जरूरी है. इसके अलावा, थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म से एंड्रॉयड डिवाइस के लिए एपीके डाउनलोड करने से बचना चाहिए. ये ऐप आपकी गोपनीय जानकारी को चुरा सकते हैं. कभी-कभी ये ऐप्स अपडेट मांगते हैं, फिर ये इसके जरिए जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं. इसलिए थर्ड पार्टी ऐप्स को डाउनलोड करने से बचना चाहिए.

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