फेक न्यूज रोकने के लिए व्हॉट्सएप का एक और अभियान
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फेक न्यूज रोकने के लिए व्हॉट्सएप का एक और अभियान

इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हॉट्सएप (Whatsapp) ने फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए देशभर में अपना दूसरे चरण का अभियान 'खुशी साझा करो, अफवाह नहीं' शुरू कर दिया है.

फेक न्यूज रोकने के लिए व्हॉट्सएप का एक और अभियान

नई दिल्ली : इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हॉट्सएप (Whatsapp) ने फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए देशभर में अपना दूसरे चरण का अभियान 'खुशी साझा करो, अफवाह नहीं' शुरू कर दिया है. यह अभियान रीजनल लेंग्वेज में भी चलाया जा रहा है. व्हॉट्सएप के इस अभियान को टीवी, प्रिंट और रेडियो के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी चलाया जाएगा. व्हॉट्सएप की तरफ से बयान में कहा गया कि अप्रैल में भारत में आम चुनाव शुरू हो रहे हैं. व्हॉट्सएप ने अपना दूसरे चरण का अभियान 'खुशी साझा करो, अफवाह' नहीं शुरू कर दिया है.

गूगल ने स्वैच्छिक रूप से इस पर हस्ताक्षर किए
पहले चरण का अभियान ग्रामीण व शहरी इलाकों में लाखों लोगों तक पहुंचा है. व्हॉट्सएप का दूसरे चरण का अभियान एक सुरक्षित चुनाव प्रक्रिया पर केंद्रित है. व्हॉट्सएप के प्लेटफार्म से फर्जी खबरों के प्रसार के बाद भीड़ की हिंसा की घटनाओं की वजह से वह लगातार आलोचनाओं के घेरे में है. प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों फेसबुक, ट्विटर और गूगल ने स्वैच्छिक रूप से इस पर हस्ताक्षर किए हैं कि आम चुनाव के दौरान उनके मंच का इस्तेमाल फर्जी खबरों के प्रसार के लिए नहीं होने दिया जाएगा.

व्हॉट्सएप के भारत में प्रमुख अभिजीत बोस ने कहा, 'चुनाव आयोग और स्थानीय भागीदारों के साथ सुरक्षित चुनाव के लिए काम करना हमारी प्राथमिकता है. हम अपने अभियान के जरिये लोगों को इस बात के लिए जागरूक करेंगे कि वे आसानी से दुर्भावना वाले संदेशों को पहचान सकें.' यह अभियान 10 भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़, तेलुगू, असमिया, गुजराती, मराठी, मलयालम और तमिल में शुरू किया गया है.

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