सफर के दौरान होने वाली घबराहट, बेचैनी, चक्कर और उल्टियों को मोशन सिकनेस कहा जाता है
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए रेल व हवाई (Flight) यात्रा पर कई तरह के प्रतिबंध (Ban) लगा दिए गए हैं. सजग यात्री खुद भी ट्रेन (Train), कार (Car) और बस (Bus) जैसे सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करने में हिचकिचा रहे हैं. ऐसे में फिलहाल यात्रा करने के लिए प्राइवेट (Private) और पब्लिक (Public) कार की सुविधा को ही सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है. अगर आपको भी किसी एमर्जेंसी (Emergency) के तहत इस दौरान किसी सफर पर जाना है बेहद सावधानियां बरतते हुए ही बाहर निकलें. खैर, अगर जाना बहुत जरूरी है मगर आप मोशन सिकनेस (motion sickness) की समस्या से परेशान हैं तो हमारे टिप्स (Tips) से आपको कुछ मदद मिल सकती है. दरअसल, बहुत से लोगों को कार या बस में उल्टी, चक्कर या घबराहट होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं. इस वजह से उनकी छोटी सी जर्नी भी उनके लिए काफी तकलीफदेह साबित होने लगती है.
क्या है मोशन सिकनेस
आपने देखा होगा कि सफर के दौरान कुछ लोगों की तबियत खराब होने लगती है, जिसकी वजह से उनके साथ वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सफर के दौरान होने वाली घबराहट, बेचैनी, चक्कर और उल्टियों को मोशन सिकनेस कहा जाता है. यह समस्या आमतौर पर जेनेटिक होती है. अगर आपके माता-पिता को मोशन सिकनेस की समस्या है तो आपको भी ऐसा ही होने की आशंका बढ़ जाती है. दरअसल हमारा दिमाग स्पीड, इमेज और साउंड में होने वाले संकेतों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता है, जिसका बुरा असर शरीर पर जी घबराने , चक्कर आने और उल्टी होने के रूप में सामने आता है. जब बस या कार ज्यादा ऊपर या नीचे होती है या कहीं मुड़ती है तो यह प्रभाव और बढ़ जाता है. खाने-पीने के सामान या पेट्रोल-डीजल की तेज गंध से भी कुछ लोगों में मोशन सिकनेस बढ़ने लगती है. अगर आपको या आपके किसी परिचित को ऐसी परेशानी होती है तो उन्हें सफर के दौरान ये टिप्स जरूर ट्राई करने चाहिए. इससे उनका सफर मजेदार बन जाएगा.
फ्रंट सीट पर बैठें
सफर के दौरान इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप फ्रंट सीट पर ही बैठें. जिस दिशा में गाड़ी चल रही हो, उसकी विपरीत दिशा में मुंह करके या पिछली सीट पर न बैठें. इससे घबराहट ज्यादा बढ़ जाती है. इसलिए हमेशा बीच की या सबसे आगे की सीट पर ही बैठें. अगर संभव हो तो खिड़की के पास बैठें और ताजी हवा का आनंद लेते रहें.
खाली पेट सफर करने से बचें
अगर आप ये सोचते हैं कि खाली पेट सफर करने से उल्टी नहीं आएगी तो आपकी सोच बिल्कुल गलत है. खाली पेट यात्रा करने से सिर ज्यादा घूमता है और मोशन सिकनेस भी ज्यादा होती है. इसीलिए हमेशा कुछ न कुछ खा कर ही सफर के लिए निकलें. हालांकि, सफर पर जाने से पहले तला-भुना खाने से बचना चाहिए. फलों के ठंडे जूस या रसेदार फलों का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा.
गुणी अदरक का साथ
सफर के दौरान अपने साथ अदरक का छोटा टुकड़ा जरूर रखें. घबराहट होने की स्थिति में उसे थोड़ा-थोड़ा खाते रहें. इससे मोशन सिकनेस से बचा जा सकता है. अदरक में एंटी-एमेटिक गुण होते हैं, जो उल्टी और चक्कर आने से बचाते हैं. सफर से पहले अदरक की चाय पी कर निकलना भी लाभदायक रहेगा.
नींबू के फायदे से न रहें अनजान
सफर के दौरान किसी चीज की तेज गंध महसूस होने पर भी कई लोगों का जी घबराने लगता है. ऐसे में नींबू सूंघने से आराम मिल सकता है. दरअसल, नींबू में सिट्रिक एसिड मौजूद होता है. यह गैस, बदहजमी और उल्टी जैसी परेशानियों में आराम पहुंचाता है. अगर सफर के दौरान आपका जी मिचलाता है तो नींबू पानी या लेमन सोडा पीने से तुरंत आराम मिल सकता है.
संगीत का मोल
संगीत में बहुत ताकत होती है. यह आपको बहुत आसानी से हील कर सकता है. अगर आप संगीत सुनना पसंद करते हैं तो अपने फेवरिट गानों का कलेक्शन अपने मोबाइल में सेव करिए और सफर के दौरान जब आपको लगने लगे कि आपकी तबियत बिगड़ रही है तो आंखें बंद करके संगीत का आनंद लेने लगिए. इससे आप बहुत अच्छा महसूस करेंगे.
अगर मुमकिन हो तो सफर के दौरान कुछ-कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद कर लें या सो जाएं. इससे भी आप मोशन सिकनेस महसूस होने से बच सकते हैं.
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