Madhya Pradesh Politics: कांग्रेस इस बार बहुमत का आंकड़ा पाने की उम्मीद कर रही है तो वहीं बीजेपी सत्ता में वापसी की. दोनों ने चुनाव प्रचार अभियान में कोई कमी नहीं छोड़ी है. दोनों तरफ के दिग्गज नेता प्रचार में उतरे और जमकर बयानबाजी देखने को मिली.
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Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए शुक्रवार को वोटिंग हुई. पीटीआई-भाषा के मुताबिक राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि 76 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है. उन्होंने कहा, ‘अंतिम आंकड़ा सामने आने से पहले हम कुछ विवरणों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसमें कुछ समय लगेगा.’ मतदान का आंकड़ा 2018 में दर्ज 75 प्रतिशत को पार कर गया है और आगे भी बढ़ सकता है. राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है. जनता ने किसे चुना है यह 3 दिसंबर को साफ होगा जब वोटों की गिनती होगी.
बीजेपी 2003 विधानसभा चुनाव से इस राज्य में सत्ता पर काबिज है. 2008 और 2013 में बीजेपी को चुनाव जीतने में कोई खास मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा. हालांकि 2018 में मुकाबला करीबी रहा. कांग्रेस को सबसे अधिक 114 सीटें मिली. वहीं बीजेपी का मत प्रतिशत अधिक रहा लेकिन वह 109 सीटें ही पा सकी. बहुमत का जादुई आंकड़ा 116 किसी पार्टी को नहीं मिल पाया. सरकार कांग्रेस की बनी जो सिर्फ डेढ़ साल ही चल पाई. इसके बाद फिर सत्ता में शिवराज सिंह चौहान की वापसी हुई.
कांग्रेस इस बार बहुमत का आंकड़ा पाने की उम्मीद कर रही है तो वहीं बीजेपी सत्ता में वापसी की. दोनों ने चुनाव प्रचार अभियान में कोई कमी नहीं छोड़ी है. दोनों तरफ के दिग्गज नेता प्रचार में उतरे और जमकर बयानबाजी देखने को मिली. अब देखना है कि राज्य के वोटर किसे सत्ता सौंपना पसंद करते हैं या हालात 2018 जैसै बन सकते हैं जब कोई भी पार्टी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई थी.
कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में
शुक्रवार को राज्य में सभी 230 निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, जिनमें एसटी के लिए 47 और एससी के लिए 35 आरक्षित सीटें शामिल हैं. पीटीआई भाषा के मुताबिक इस चुनाव में 2,280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक तीसरे लिंग के व्यक्ति सहित कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में हैं.
शुरुआती मतदाताओं में मुख्यमंत्री चौहान, कांग्रेस के कमलनाथ रहे शामिल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने शुक्रवार को राज्य में सुबह मतदान शुरू होने के बाद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान किया.
चौहान ने अपनी पत्नी साधना सिंह और अपने दो बेटों के साथ सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट के गांव जैत में वोट डाला, जहां से वह भाजपा के उम्मीदवार हैं. मतदान केंद्र पर जाने से पहले चौहान ने गांव के एक मंदिर में पूजा-अर्चना की.
कमलनाथ, उनके बेटे और लोकसभा सांसद नकुल नाथ और बहू ने भी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले के सौसर विधानसभा क्षेत्र के शिकारपुर में अपना वोट डाला. कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं.
महिलाओं ने रिकार्ड तोड़ मतदान किया
प्रदेश में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में जंहा रिकार्ड तोड़ मतदान हुआ है वंही मण्डला जिला भी इससे अछूता नही रहा है . खासतौर पर महिलाओं ने जिले में रिकार्ड तोड़ मतदान किया है . जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में तो महिलाओं ने कमाल की वोटिंग की है.
देवगांव में 93 प्रतिशत वोटिंग
एम पी सी जी की सीमा में बसे नक्सल प्रभावित गांव देवगांव में तो 93 प्रतिशत वोटिंग हुई जिसमें महिलाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया . हम प्रदेश की बात करें तो जंहा प्रदेश में मतदान प्रतिशत 76,22 रहा है वंही मण्डला जिले में 82 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है. महिलाओं के प्रतिशत की बात करें तो जिले की महिलाओं ने मतदान में 82 प्रतिशत भागीदार की है. खासकर जिले के नक्सल प्रभावित 55 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों में तो महिलाओं ने जबरदस्त हिस्सेदारी की है.
महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा
इन केंद्रों में तो 93 प्रतिशत तक मतदान हुआ है जिसमें महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा है . जिला निर्वाचन अधिकारी सलोनी सिडाना का कहना है कि जंहा महिलाओं में मतदान के प्रति बढ़ता रुझान महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है वंही मतदान केंद्रों में मतदान कर्मियों के लिए की गई व्यवस्थाएं ओर वातावरण भी मतदान प्रतिशत बढ़ने का कारण है.