Blood Deficiency: एनीमिया को आसान भाषा में शरीर में खून की कमी कह सकते हैं. दुनिया की एक बड़ी आबादी इस बीमारी से जूझ रही है. आइए जानते हैं एनीमिया होने की वजहें क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.
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Anemia Symptoms And Prevention: एनीमिया (Anemia) एक गंभीर बीमारी है, जिसमें शरीर में खून की कमी हो जाती है. एनीमिया को रक्ताल्पता (Lack of Blood) भी कहा जाता है. जब शरीर में आरबीसी (Red Blood Cells) की मात्रा कम होने लगती है, तो शरीर में ऑक्सीजन का लेवल भी घटने लगता है और नया खून बनना मुश्किल हो जाता है. इस तरह से शरीर में खून की कमी हो जाती है, इसे एनीमिया या रक्ताल्पता कहा जाता है. 2015 में आई लेंसेंट रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में लगभग एक तिहाई लोगों में खून की कमी है. एनीमिया का शिकार ज्यादातर महिलाएं होती हैं.
एनीमिया के प्रकार
- आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया (Iron Deficiency Anemia)
- सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia)
- विटामिन डेफिशियेंसी एनीमिया (Vitamin Deficiency Anemia)
- थैलेसीमिया (Thalassemia)
- अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia)
एनीमिया के संकेत
- सांस लेने में दिक्कत
- जल्दी थकान होना
- त्वचा का पीला पड़ जाना
- हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना
- हार्ट बीट का अनियमित हो जाना
एनीमिया के कारण
एनीमिया ज्यादातर मामलों में जेनेटिक वजहों से होती है. एनीमिया की मु्ख्य वजह शरीर में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं हो पाना है. ये इम्युन सिस्टम कमजोर होने की वजह से भी हो सकता है. एनीमिया का कारण आयरन की कमी होती है, अगर आपके शरीर में आयरन की पूर्ति नहीं हो पा रही है तो एनीमिया हो सकता है. अगर किसी चोट आदि की वजह से शरीर से ब्लड लॉस हुआ हो तो खून की कमी आ सकती है.
ये हैं बचने के तरीके
- एनीमिया के प्रकारों के हिसाब से इसका इलाज किया जाता है. अगर समय पर अपनी डाइट में बदलाव कर लिया जाए तो एनीमिया के खतरों से बचा जा सकता है.
- एनीमिया दूर करने के लिए डाइट में आयरन से भरपूर चीजें खानी चाहिए. अपनी डाइट में सेब, अनार, चुकंदर, हरी सब्जियां, बीन्स, दालें और ड्राई फ्रूट्स जैसी चीजें शामिल कर आयरन की कमी पूरी की जा सकती है.
- एनीमिया का कारण विटामिन बी 12 की कमी भी है. हरी सब्जियां, चिया सीड्स, मटर, मूंगफली और चावल जैसी चीजों से विटामिन बी 12 की कमी को पूरा किया जा सकता है.
- एनीमिया के लक्षण दिखाई देने पर समय पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इस तरह सही वक्त पर इलाज होने से बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है.