कुछ अन्य खबरों के मुताबिक, डबलिन से कुछ ही मील की दूरी पर एक रहस्यमयी मकबरा मिला है जो गीजा के पिरामिडों से भी पुराना है. इसकी बनावट ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. हाल ही मिले सबूतों के मुताबिक, उत्तरी अमेरिका महाद्वीप पर इंसानों की आमद 30,000 साल पहले हुई होगी.
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लंदन: ब्रिटेन (UK) के कैंब्रिजशायर (Cambridgeshire) में पुरातत्वविदों को करीब दो हजार साल पुराने कंकाल (Skeletons) बरामद हुए हैं. नूब फार्म स्थित तीन रोमन कब्रिस्तानों से मिले इन कंकालों का अध्यन जारी है. शोधकर्ताओं के मुताबिक यहां 52 लोगों को दफनाया गया होगा. अब इनमें जो कंकाल मिले हैं उनमें 17 के सिर धड़ से अलग कर दिए गए होंगे यानी इनका सिर नहीं था. ये 17 कंकाल ब्रिटिश रोमंस (British Romans) के बताए जा रहे हैं. वहीं शोधकर्ताओं में इस बात को लेकर मतभेद है कि आखिर किस वजह से इनके सिर को काटा गया होगा.
जिन 17 लोगों के सिर काट दिए गए थे उनमें 9 कंकाल पुरुष और 8 महिलाओं के हैं. द सन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष से ज्यादा रही होगी. ब्रिटानिया जर्नल में प्रकाशित इस शोध के नतीजों से हैरत अंगेज खुलासे हुए हैं. इनमें बहुत सारे कंकालों की खोपड़ी उनके पैरों की जगह रखी थी. कुछ विद्वानों का मानना है कि ये कंकाल उन अपराधियों के हैं जिन्हें मौत की सजा मिली होगी.
बहुत सारे कंकालों के सिर उनके पैरों के नीचे रखे गए थे. वहीं कुछ शवों के और भी टुकड़े गए होंगे जिनके पेट वाले हिस्से को कब्र में सबसे पहले डाला गया होगा. कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि रोमन सेना के साथ हुए विद्रोह के दौरान करीब तीसरी या चौथी शताब्दी में इन लोगों को मौत के घाट उतारा गया होगा. दरअसल उस दौरान रोमन साम्राज्य के भीतर बहुत सारे गृह युद्ध हो रहे थे. तब के शाषक ऐसे आरोपों के लिए फौरन मृत्युदंड की सजा सुनाते थे.
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शोधकर्ताओं ने जर्नल में लिखा कि कुछ कब्रों से मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं. माना जा रहा है कि इनके परिजनों को अंतिम संस्कार करने के दौरान कुछ प्रथाओं को निभाने की इजाजत दे दी गई होगी. शोध से साफ है कि तीसरी और चौथी सदी में इस तरह के दंड देना सामान्य घटनाक्रम था.
जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि ये भी संभव है कि सभी कंकाल उन लोगों के थे जो गुलाम नहीं थे. क्योंकि उस दौर में गुलामों की स्थिति बहुत खराब थी उन्हें जिंदगी के दौरान और मरने के बाद भी उपेक्षा का शिकार बना कर रखा जाता था. यानी भले ही इनके सिर कलम कर दिए गए हों लेकिन किसी गुलाम को 'सम्मानजनक' तरीके से दफनाने की इजाजत नहीं दी जाती थी.
वहीं कुछ विशेषज्ञ इस विचार से असहमत हैं कि इन लोगों को कानूनी तौर से मौत की सजा सुनाई गई होगी. सेंट एंड्रयूज यूनिवर्सिटी में कानूनी और संवैधानिक अनुसंधान संस्थान के निदेशक कैरोलिन हम्फ्रेस ने लाइव साइंस के अधिकारियों से कहा, 'व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगता है कि उस दौर में रोमन साम्राज्य में मौत के लिए फांसी की सजा चलन में नहीं रही होगी.'
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कुछ अन्य खबरों के मुताबिक, डबलिन से कुछ ही मील की दूरी पर एक रहस्यमयी मकबरा मिला है जो गीजा के पिरामिडों से भी पुराना है. इसकी बनावट ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. हाल ही मिले सबूतों के मुताबिक, उत्तरी अमेरिका महाद्वीप पर इंसानों की आमद 30,000 साल पहले हुई होगी. वहीं ये भी माना जा रहा है कि इसी के साथ इंग्लैड के विशाल सर्न एब्स (Cerne Abbas) की उम्र से जुड़ी मिस्ट्री को भी आखिरकार सुलझा लिया गया है.
रोमन साम्राज्य की नींव ईसा से 6 सदी पहले पड़ी थी. जिसने सैकड़ों सालों तक दुनिया के एक बड़े हिस्से पर राज किया. इसका विस्तार पूरे दक्षिणी यूरोप के अलावा उत्तरी अफ्रीका और मिडिल ईस्ट के कई देशों तक था. किसी दौर में इसके शासक 9 करोड़ की आबादी पर राज करते थे. जूलियस सीजर की गिनती इसके प्रमुख राजाओं में होती थी.
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