US: कोरोना से रिकवरी के बाद वैक्सीन नहीं लगवाने वाले मरीजों के दोबारा संक्रमित होने की संभावना दोगुनी, CDC की स्टडी में दावा
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US: कोरोना से रिकवरी के बाद वैक्सीन नहीं लगवाने वाले मरीजों के दोबारा संक्रमित होने की संभावना दोगुनी, CDC की स्टडी में दावा

सीडीसी की स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना से रिकवरी के बाद वैक्सीन नहीं लगवाने मरीज दोबारा वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. स्टडी में इसके चांस दोगुने पाए गए हैं. इसके बाद CDC ने सभी लोगों को जल्द वैक्सीन लगवाने की सलाह दी है.

सांकेतिक तस्वीर

वाशिंगटन: अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की एक स्टडी में बताया गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों की तुलना में टीका नहीं लगवाने वाले लोगों के कोरोना वायरस (Coronavirus) से दोबारा संक्रमित होने की संभावना दोगुनी है. यह स्टडी केन्टकी राज्य के 246 व्यस्कों (Adults) पर की गई, जो 2020 में संक्रमित होने के बाद इस साल मई और जून में दोबारा संक्रमित हो गए.

  1. अमेरिका की CDC ने स्टडी के बाद किया बड़ा दावा
  2. वैक्सीन नहीं लगवाने वाले कोरोना मरीज दोबारा हो सकते हैं संक्रमित
  3. ऐसे मरीजों के दोबारा संक्रमित होने के चांस दोगुने हैं

संक्रमित होने की संभावना कम

इस दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि फाइजर, मॉडर्ना या जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन से पूरी तरह टीकाकरण करवा चुके लोगों की तुलना में वैक्सीन नहीं लगाने वालों के दोबारा संक्रमित होने की संभावना 2.34 गुना ज्यादा थी. स्टडी में यह भी पता चला है कि संक्रमित होने के बाद शरीर में बनी एंटीबॉडी भी कम समय तक रही और इसके पीछे कोविड-19 के नए वेरिएंट को जिम्मेदार माना गया है.

बीटा वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी कम

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्टडी में ये भी खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस से पहले संक्रमित हो चुके लोगों के ब्लड सैंपल में बीटा वेरिएंट (B.1.351) के खिलाफ एंटीबॉडी रिस्पॉन्स काफी कम है. कोरोना वायरस का बीटा वेरिएंट सबसे पहले पिछले साल मई में साउथ अफ्रीका में पाया गया था. सीडीसी ने इस स्टडी के बाद सिफारिश की है कि सभी व्यक्ति कोविड वैक्सीन लगवा लें, भले ही पिछली बार उनके संक्रमित होने का समय कुछ भी हो.

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ऐसे मरीज तेजी से फैलाते हैं वायरस

इससे पहले सीडीसी ने अपने निर्देशों में स्टडीज के हवाले से कहा था कि पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुके लोगों में गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा काफी कम हो जाता है. अगर आप कोरोना से संक्रमित होते भी हैं तो इसकी बहुत कम संभावना है कि आप दूसरे व्यक्ति में वायरस को फैला सकें, और साथ ही वैक्सीनेट हो चुके लोगों में लक्षण भी काफी हल्के होते हैं. हालांकि बीटा वेरिएंट से संक्रमित मरीज दूसरे में सबसे ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाते हैं.

अब तक आधी आबादी ने लगवाया टीका

सीडीसी की वेबसाइट पर बीते शुक्रवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका की कुल आबादी में से आधी आबादी यानी 165.9 मिलियन से अधिक लोगों को वायरस के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है. अमेरिका ने यह उपलब्धि नए कोविड -19 मामलों में वृद्धि और अमेरिका के कुछ हिस्सों में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के बीच आई, जो बड़े पैमाने पर डेल्टा संस्करण द्वारा संचालित है.

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'कोरोना को हराना तभी मुमकिन जब...'

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में कहा, 'अमेरिका डेल्टा वेरिएंट को वैसे ही हरा सकता है जैसे हम मूल कोविड-19 को हरा सकते हैं. आज ही टीका लगवाएं. यह सबका जीवन बचाएगा. इसका मतलब है कि हमें उस तरह का आर्थिक नुकसान नहीं होने वाला है, जो हमने कोविड -19 के शुरू होने पर देखा था.' रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह की शुरुआत में 70% अमेरिकी एडल्ट्स को कोरोना वैक्सीन का कम से कम एक शॉट मिला है, जो राष्ट्रपति जो बाइडेन के जुलाई के चौथे लक्ष्य से एक महीने पीछे है.

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