CAA News in Hindi: अमेरिका ने भारत में CAA पर आज भारत को बिना मांगे ज्ञान देने की कोशिश की. इस पर अमेरिका की मशहूर सिंगर ने ही मोदी सरकार की तारीफ करते हुए बाइडेन प्रशासन को आइना दिखा दिया.
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Who is Singer Mary Milban: मोदी सरकार ने पड़ोसी देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) क्या लागू किया कि पाकिस्तान के तन-बदन में मिर्ची लग लग गई. पाकिस्तान ही नहीं कतर- तुर्की जैसे मुस्लिम देशों ने इस कानून को मुस्लिम विरोधी बताकर जहर भी उगला. खुद को दुनिया का चौधरी मानने वाला अमेरिका भी इसमें पीछे नहीं रहा. उसने भी CAA को विभेदकारी बताते हुए इस पर चिंता जताई. अमेरिका की इस टिप्पणी पर भारत सरकार ने तो जोरदार जवाब दिया है, वहीं की मशहूर सिंगर मैरी मिलबेन ने बाइडेन प्रशासन को आईना दिखा दिया.
मोदी सरकार के नेतृत्व की सराहना
मिलबेन ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'एक ईसाई और आस्थावान महिला तथा धार्मिक स्वतंत्रता की वैश्विक समर्थक के रूप में, मैं आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन की घोषणा करने के लिए मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सराहना करती हूं. इस कानून के लागू होने से अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी.'
अमेरिकी सिंगर ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भारत सरकार को आपके दयालु नेतृत्व के लिए और सबसे महत्वपूर्ण रूप से सताए गए लोगों का स्वागत करने में धार्मिक स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए धन्यवाद.'
यूएस की मशहूर अफ्रीकी-अमेरिकी सिंगर हैं मैरी मिलबेन
मैरी मिलबेन यूएस की मशहूर अफ्रीकी-अमेरिकी सिंगर हैं. वे ईसाई धर्म को फॉलो करती हैं. अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके मिलबेन ने सीएए लागू करने पर मोदी सरकार की तारीफ की है. मिलबेन ने लिखा, 'अपनी आस्था के कारण उत्पीड़न का सामना करने वाले लोगों को घर उपलब्ध कराने की दिशा में पीएम मोदी ने सराहनीय प्रयास किया है. उन्होंने अपनी पोस्ट में सीएए की खासियत पर प्रकाश डाला, जिसमें ईसाई, हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध सहित विभिन्न गैर-मुस्लिम समुदायों को भारत में बसने का मौका दिया है.'
'पीएम मोदी के नेतृत्व को पहचाने अमेरिका'
बाइडेन प्रशासन को आईना दिखाते हुए अमेरिकी सिंगर ने बाइडेन प्रशासन से पीएम मोदी के नेतृत्व को पहचानने और भारत के साथ बेहतर राजनयिक संबंधों के लिए प्रयास करने की अपील की. उन्होंने अमेरिकी सरकार से कहा कि नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने पर अमेरिका को भारत के साथ अपने संबंध मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा.
@StateDept, PM @narendramodi is demonstrating compassionate leadership towards those being persecuted for their faith and providing a home to them in #India. A pathway to peace for Christians/Hindus/Sikhs/Jain/Buddhists seeking #religiousfreedom. When the PM is reelected for a… https://t.co/Y5tyuWCVAs
— Mary Millben (@MaryMillben) March 15, 2024
मिलबेन ने इस बात पर जोर दिया कि सीएए लोकतंत्र की वास्तविक अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. इससे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के कमजोर समुदायों को सुरक्षा और आश्रय मिलता है. अमेरिकी गायिका ने कहा कि नागरिक संशोधन अधिनियम लोकतंत्र के हित में किया गया एक सच्चा कार्य है.
अमेरिकी विदेश विभाग को दिखाया आईना
मैरी मिलबेन का यह रिएक्शन अमेरिकी विदेश विभाग के उस बयान पर आया है, जो उसने गुरुवार को दिया था. इस बयान में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्त मैथ्यू मिलर ने सीएए की अधिसूचना जारी होने पर चिंता जताई थी और कहा था कि अमेरिका इस एक्ट के काम करने के तरीकों पर बारीकी से निगरानी कर रहा है. मिलर ने यहा भी कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं.
भारत ने भी अमेरिका को लगाई थी लताड़
इससे पहले भारत सरकार ने भी बयान जारी कर अमेरिका के घड़ियाली आंसुओं वाली चिंता को खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने अमेरिकी बयानों की निंदा करते हुए इसे 'गलत, गलत जानकारी वाला और अनुचित' बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक प्रेस वार्ता के दौरान इस बात पर जोर दिया कि सीएए नागरिकता रद्द करने के बजाय नागरिकता प्रदान करने पर केंद्रित है. उन्होंने दोहराया कि कानून का उद्देश्य राज्यविहीन लोगों को आसरा प्रदान करना, मानवीय गरिमा को बनाए रखना और मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का समर्थन करना है.
उन्होंने स्पष्ट किया, 'सीएए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं.'