अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक वीडियो के जरिए लोगों से कहा कि वे सुरक्षा कारणों से अफगानिस्तान से बाहर गए. उन्होंने ये भी कहा कि वो पैसे लेकर नहीं भागे हैं, ये सब आरोप निराधार हैं.
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नई दिल्ली: काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां से भागकर यूएई में शरण लेने वाले राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अब वीडियो मैसेज के माध्यम से अपनी बात कही है. उन्होंने अफगानिस्तान छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि वह शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण चाहते थे लेकिन मर्जी के खिलाफ मजबूरी में देश छोड़ना पड़ा. गनी ने कहा मुझ पर यह आरोप है कि मैं अफगानिस्तान से पैसे लेकर भागा हूं लेकिन ये सब निराधार हैं. इसे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के कस्टम विभाग से क्रॉस चेक (Cross Check) किया जा सकता है. मुझे ऐसे हालात में देश छोड़ना पड़ा कि उस वक्त मेरे पास अपने जूते बदलने तक का समय नहीं था. मेरे सुरक्षा बलों ने मुझे तत्काल जाने के लिए कहा.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ने के बाद पहली बार दुनिया के सामने आकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता. सुरक्षा कारणों की वजह से अफगानिस्तान से बाहर गया. तालिबान से बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल रहा था. उन्होंने कहा कि भगोड़ा कहने वाले मेरे बारे में नहीं जानते हैं. मुझे बताया गया था कि तालिबान काबुल में आ चुका है. यह एक तथ्य है कि हमारे और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था कि तालिबान काबुल में प्रवेश नहीं करेगा, लेकिन उन्होंने प्रवेश किया. मैंने खूनी संघर्ष से बचने के लिए अफगानिस्तान छोड़ने का फैसला किया और मैं मौत से नहीं डरता.
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गनी ने अपने वीडियो संदेश में ये भी कहा कि वह अफगानिस्तान वापस जाने के इच्छुक हैं. इसके साथ ही जोड़ा कि पहले भी कई अफगान शासक अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं और फिर लौटे हैं.
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