बंगाल की खाड़ी के 'Bhasan Char' में भेजे गए Rohingya मुसलमान, खतरे से खाली नहीं है ये Island
Advertisement

बंगाल की खाड़ी के 'Bhasan Char' में भेजे गए Rohingya मुसलमान, खतरे से खाली नहीं है ये Island

बागंलादेश (Bangladesh) में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) को सरकार बासन चार (Bhasan Char) नाम के एक आइलैंड पर भेज रही है. इस टापू का एक बड़ा हिस्सा पानी के अंदर है और यहां बाढ़ (Flood) और चक्रवात (Cyclone) का खतरा रहता है.

बंगाल की खाड़ी के 'Bhasan Char' में भेजे गए Rohingya मुसलमान, खतरे से खाली नहीं है ये Island

ढाका: बांगलादेश (Bangladesh) के कोक्सस बाजार (Cox's Bazar) में करीब 8 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी (Rohingya Refugees) रह रहे हैं. बांगलादेश सरकार अब इनमें से करीब 1 लाख शरणार्थियों को मुख्य भूमि से दूर 'भासन चार' (Bhasan Char) नाम के एक टापू (Island) पर भेज रही है. सवाल ये है कि सालों से भटक रहे इन रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) को क्यों इस टापू पर भेजा जा रहा है और वहां के हालात क्या हैं? बता दें कि 1642 रोहिंग्या मुसलमानों का पहला ग्रुप 4 दिसंबर को यहां लाया जा चुका है. 

  1. 'Bhasan Char' भेजे जा चुके हैं 1642 रोहिंग्या मुसलमान
  2. आइलैंड पर है बाढ़ (Flood) और चक्रवात(Cyclone) का खतरा
  3. 1 लाख रोहिंग्या मुसलमान जाएंगे 'Bhasan Char'

क्या है 'भासन चार'(Bhasan Char) ?
भासन चार (Bhasan Char) बांगलादेश की जमीन से 60 किमी दूर बंगाल की खाड़ी पर बसा एक आइलैंड है. साल 2006 में ये टापू हिमालय की गाद से बना था. रिपोर्टस की मानें तो बांगलादेश (Bangladesh) सरकार इस आइलैंड पर 1 हजार से ज्यादा बिल्डिंग बनाने की तैयारी कर रही है जिनमें 1 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों को रखा जाएगा. 40 वर्ग किलोमीटर में फैले इस टापू का एक हिस्सा अभी भी समुद्र के अंदर है. 

क्या यहां रह पाएंगे रोहिंग्या मुसलमान (Rohingya Muslims) ?
ज्यादातर मिट्टी और रेत से बने इस आइलैंड का बड़ा हिस्सा मानसून में पानी में डूब जाता है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में मानव अधिकार पर रिपोर्ट कर रहीं यांगही ली (Yanghee lee) का कहना है कि इस आइलैंड पर जाने के बाद भी ये कहना मुश्किल है कि ये इंसानों के रहने लायक है या नहीं. बिना योजना और सहमति के रोहिंग्या मुस्लमानों(Rohingya Muslims) को यहां भेजना एक नई मुसीबत को बुलावा देने जैसा होगा. आइलैंड पर बाढ़ (Flood) और चक्रवात(Cyclone) का भी खतरा मंडराता रहता है. 

ये भी पढ़ें: Bangladesh ने शुरू की Rohingya Refugees के स्थांतरण की प्रक्रिया, 1,500 लोगों के पहले समूह को एक द्वीप पर भेजा

रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims)को भासन चार क्यों भेजना चाहती है सरकार?
रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) को भासन चार(Bhasan Char) लाने के इस प्लान की तैयारी साल 2017 से जारी है. 2018 में बांगलादेश (Bangladesh) की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने कहा था कि ये केवल एक अस्थायी व्यवस्था है, वहीं उन्ही के एक मंत्री ने कहा था कि रोहिंग्या मुसलमानों को तब तक यहां से बाहर नही जाने दिया जाएगा जब तक ये वापस म्यांमार नहीं जाते. 

LIVE TV

Trending news