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वॉशिंगटन: मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अमेरिका (America) ने चीन (China) के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. अमेरिकी सीनेट में बुधवार को चीन के शिनजियांग प्रांत (Xinjiang Region) में बनने वाले उत्पादों के आयात पर रोक संबंधी विधेयक पारित हुआ. यानी शिनजियांग निर्मित कोई भी प्रोडक्ट जल्द यूएस में नहीं मिलेगा. राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के इस कदम से ड्रैगन को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. बता दें कि अमेरिका शिनजियांग में वीगर मुस्लिमों (Uyghur Muslims) के शोषण के विरुद्ध लगातार आवाज उठता रहा है.
वीगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम (Uyghur Forced Labour Prevention Act) के अमल में आने के बाद शिनजियांग (Xinjiang) में बनने वाले उत्पादों को अमेरिकी बाजार उपलब्ध नहीं होगा. सीनेट में पास इस बिल को अभी प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) में भी पारित होना है. उसके बाद यह राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस जाएगा और फिर कानून का रूप लेगा. हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि प्रतिनिधि सभा में इसे कब पेश किया जाएगा. मालूम हो कि अमेरिकी कंपनियां बड़े पैमाने पर चीन से माल आयात करती हैं, ऐसे में शिनजियांग निर्मित उत्पादों पर पूरी तरह बैन का मतलब है कि चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
सीनेट में बिल पेश करने वाले रिपब्लिकन सांसद मार्को रुबियो और डेमोक्रेट सांसद जेफ मर्कले (Marco Rubio and Jeff Merkley) ने कहा कि विधेयक को जल्द से जल्द प्रतिनिधि सभा में भी रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम मानवता के खिलाफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) द्वारा किए जा रहे अपराधों पर आंख मूंदकर नहीं बैठ सकते. हमें कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि चीन को समझ आए कि मानवाधिकारों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
सांसदों ने कहा कि शिनजियांग प्रांत में अल्पसंख्यकों का शोषण किया जाता है और हम किसी भी अमेरिकी कंपनियों को उस शोषण से लाभ अर्जित करने नहीं दे सकते. बिल में शिनजियांग निर्मित उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध का प्रावधान है. इसके अमल में आते ही अमेरिकी कंपनियां चीनी प्रोडक्ट आयात नहीं कर पाएंगी. इससे पहले, बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि वह ऐसे उत्पादों का आयात करते पाई जाती हैं, जो जबरन श्रम द्वारा निर्मित हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
शिनजियांग प्रांत में चीन के जुल्म से जुड़ी खबरें आम हो गई हैं. राइट्स ग्रुप, शोधकर्ताओं और कुछ चीनी नागरिकों ने शिनजियांग के डिटेंशन कैंप को लेकर कई खुलासे किए हैं. उनका कहना है कि एक मिलियन से अधिक अल्पसंख्यकों को बंधुआ मजदूरों की तरह इन कैंप में रखा गया है. खासकर वीगर मुस्लिमों पर चीन सबसे प्रताड़ित कर रहा है. चीनी सरकार मुस्लिम आबादी को पूरी तरह खत्म करने के अभियान में जुटी है.