ब्राजील: देश जहां के मुखिया को कहा जाता है ‘ट्रंप’
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ब्राजील: देश जहां के मुखिया को कहा जाता है ‘ट्रंप’

ब्राजील कई मायनों में भारत के जैसा ही देश है. 

ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो दक्षिमपंथी नेता हैं. (फोटो: Reuters)

नई दिल्ली: ब्राजील दक्षिण अमेरिका के मध्यपूर्व में स्थित ऐसा देश है जो भारत से कई मायनों में मेल खाता है. यहां का भौगोलिक विशालता, विविधता, आर्थिक मुद्दे, सामाजिक उत्सवप्रियता, आर्थिक विषमता, खेल (ब्राजील में फुटबॉल और भारत में क्रिकेट) जैसी कई ऐसी बातें हैं जो दोनों देशों को एक जैसा बनाते हैं. इन दिनों ब्राजील आर्थिक मंदी, बढ़ते अपराध जैसी कई समस्याओं से उबरने की कोशिश कर रहा है.

क्यों चर्चा में है ब्राजील
इसी सप्ताह ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने अमेरिका की यात्रा की जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात सबसे महत्वपूर्ण रही. दोनों देशों में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमति जताई और एक दूसरे की तारीफ भी की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वे ब्राजील को एक ‘बड़े गैर-नाटो सहयोगी’ के रूप में देखना चाहते हैं. वहीं दोनों देशों ने ‘वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति जुआन गाएदो’ को मान्यता देते हुए समर्थन देने की बात कही है. ब्राजील की ओर अमेरिका के इस झुकाव को लोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के संदर्भ में देख रहे हैं. अभी तक माना जाता रहा था कि ब्राजील चीन की ओर जा रहा है, लेकिन ट्रंप ने इस धारणा को बदलने की कोशिश की है. 

कौन हैं जेयर बोलसोनारो
पिछले साल अक्टूबर के महीने में हुए राष्ट्रपति चुनावों में 63 वर्षीय बोलसोनारो की जीत हुई. चरम दक्षिणपंथी मानी जाने वाली कन्जरवेटिव सोशल लिबरल पार्टी के उम्मीदवार बोलसोनारो ने 55 प्रतिशत वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी लेफ्टिस्ट वर्कर्स पार्टी के उम्मीदवार फर्नान्डो हद्दाद को हरा दिया. सेना के पूर्व कप्तान रहे बोलसोनारो को उनके उग्र विचारों के चलते ब्राजील का ट्रंप भी कहा जाता है. ब्राजील 1964 से 1985 तक सैन्य शासन में रहा है. राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2014 तक स्थानीय स्तर तक सीमित रहे बोलसोनारो के राष्ट्रीय नेता बनने के पीछे लोकतंत्र और देश के नेताओं के प्रति घटता विश्वास है. पिछले कुछ सालों में देश में हुए घोटालों के साथ ही महंगाई, अपराध और बेरोजगारी जैसी समस्याओं के बढ़ने से जनता ने बोलसोनारो में विश्वास जताया है. बोलसोनारो ने भी परंपरागत चुनाव तरीकों को छोड़कर सोशल मीडिया का बखूबी प्रयोग किया था. 

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दक्षिण अमेरिका के बहुत अहम राष्ट्र है ब्राजील
क्षेत्रफल की दृष्टि से ब्राजील दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश है जबकि भारत सातवां सबसे बड़ा देश है. ब्राजील में दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के लगभग आधा हिस्सा है. यह दक्षिण अमेरिका के मध्य पूर्व में स्थिति है और इसका ज्यादातर हिस्सा भमध्य रेखा के दक्षिण में स्थित है. ब्राजील के उत्तर में फ्रेंच गुयाना सूरीनाम, एवं वेनेजुएला हैं. पश्चिम में कोलंबिया पेरू, दक्षिण पश्चिम में बोलिविया एवं पराग्वे, और दक्षिण में ऊरुग्वे और अर्जेंटीना की सीमा लगती है. पूर्व और उत्तरपूर्व में दक्षिण अटलांटिक सागर है. अधिकांश ब्राजील की विषुवतीय जलवायु है. 

तीन खास भौगोलिक भाग हैं ब्राजील के
ब्राजील तीन प्रमुख भौगोलिक भागों में बंटा है अमेजन बेसिन, ब्राजील उच्च भूमि और गुयाना की उच्च भूमि  है. गुयाना की उच्चभूमि वेनेजुएला के दक्षिण और गयाना की सीमा से लगा पठाई क्षेत्र हैं जो दक्षिण के ओर ढलता जाता है. उत्तर में विषुवत रेखा के पास घने जंगलों में बहती अमेजन नदी दुनिया की सबसे बड़ी (पानी ले जाने के लिहाज से, लंबाई में नहीं) नदी है. इसका अपवाह तंत्र दुनिया का सबसे बड़ा है. यहां के वनों की जैव विविधता दुनिया भर में इस विलक्षण बनाती है. यहां 500 से ज्यादा जनजातियां रहती हैं जिसमें से 50 तो आज भी आधुनिक सभ्यता के संपर्क में नहीं हैं. दक्षिणी भाग में स्थित ब्राजील का पठार त्रिकोणीय आकार है जिसकी दो नदियां के अलावा बाकी अमेजन में जाकर मिलती हैं. पराना नदी दक्षिण में चली जाती है वहीं साओ फ्रांसिस को नदी उत्तर में बहकर पूर्व में मुड़ जाती है और अंततः अटलांटिक महासागर में गिर जाती है.

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भारत से काफी बड़ा है ब्राजील, लेकिन केवल क्षेत्रफल में
दक्षिण अमेरिका और दक्षिणी गोलार्द्ध का सबसे बड़ा देश ब्राजील 8,514,877 वर्ग किलोमीटर (3,287,597 वर्ग मील) में फैला है. वहीं भारत का क्षेत्रफल  3,287,263 वर्ग किलोमीटर है. 2017 में ब्राजील की जनसंख्या 20 करोड़ सत्तर लाख थी जो उसे अपने महाद्वीप की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनाती है, लेकिन यह भारत की उस समय के आबादी (लगभग 134 करोड़) से बहुत ज्यादा है. ब्राजील की राजधानी ब्राजीलीया है. देश का सबसे बड़ा शहर साओ पाओलो यहां की आर्थिक राजधानी है, लेकिन रियो डि जेनेरो  यहां का सबसे मश्हूर शहर है. यहां की भाषा ब्राजीलियन पुर्तगीज है, जो कि पुर्तगाली उपनिवेश के कारण यहां फैली. ब्राजील की मुद्रा ब्राजीलियन रियल है. 

कैसी शासन व्यवस्था है ब्राजील में 
ब्राजील 26 राज्य और एक गणराज्यीय जिला है. 26 में से केवल 9 ही राज्य ऐसे हैं जो समुद्र के नहीं छूते हैं. वहीं भारत के 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं. ब्राजील भी भारत की तरह एक सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में एक है, लेकिन यहां भारत की तरह संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली नहीं बल्कि अध्यक्षीय शासन प्रणाली है जिसमें चार साल के लिए राष्ट्रपति को चुना जाता है. पूरी व्यवस्था अमेरिका की शासन व्यवस्था की तरह ही है. द्विसदनीय विधायिका और राष्ट्रपति के अध्यक्षता में कार्यपालिका और विस्तृत गणतंत्रीय न्यायपालिका यहां की शासन व्यवस्था बनाते हैं. संविधान में भी कई बदलाव हो चुके हैं.

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जानिए इतिहास ने कैसा बनाया आज का ब्राजील
अमेजन बेसिन की प्राकृतिक समृद्धि के चलते यहां 9वीं ईसापूर्व से ही मानव सभ्यता के अवशेष पाए जाते हैं. पुरातन जनजातियां आज भी यहां सदियों से रह रही हैं जिनमें से कुछ तो अब भी आधुनिक दुनिया से अछूती हैं. यहां अनेक भाषा और संस्कृती के समुदाय आपस में लड़ाई भी करते रहे. 16वीं सदी से पहले तक यूरोपीय देशों के उपनिवेश बनाने के लिए आगमन के बाद ही यहां के लोग आधुनिक समाज के सम्पर्क में आए. 17वीं सदी के अंत तक गन्ने की जगह यहां के सोने ने ले ली जिसकी वजह से यहां पुर्तगालियों की संख्या बहुत बढ़ने लगी और उनका यहां के स्थानीय लोगों से उनका संघर्ष बढ़ गया. 

पुर्तगाली उपनिवेश ने किया ब्राजील को एक
16वीं सदी की शुरुआत में पुर्तगाल ने यहां प्रवेश किया और व्यवस्थित तरीके से इस क्षेत्र का औपनिवेशीकरण शुरू किया. 1549 तक यहां ब्राजील का गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया. तब तक गन्ना यहां का प्रमुख निर्यात होने वाला उत्पाद बन गया था. जिसके कारण अफ्रीका के गुलाम बड़ी तादात में यहां लाए गए. 17वीं सदी में ब्राजील के कई हिस्सों पर स्पेनिश और डच लोगों ने यहां के कुछ इलाकों को कुछ समय के लिए अपने कब्जे में ले लिया.

राजनैतिक स्थिरता कभी लंबी न हो सकी
1822 में लिबरल क्रांति के नतीजे से प्रिंस पेड्रो ने ब्राजील साम्राज्य की स्थापना की और ब्राजील पुर्तगाल से अलग हो गया. लेकिन तमाम संघर्षों के बीच 1888 में दासता और दास व्यापार ब्राजील में खत्म हो सके. इसके अगले साल ही सेना ने राजशाही को हटाकर तख्तापलट कर देश में संघीय शासन की स्थापना की जो कि एक सैन्य तानाशाही शासन ही था. इस दौरान दुनिया भर से लोगों का ब्राजील आने का सिलसिला बढ़ता रहा.  इसी बीच सैन्य शासन कमजोर हुआ और राज्यों की ताकत बढ़ी. 1930 में एक और सैन्य तख्ता पलट से गेतुलियो वर्गास के शासन चला जो 1954 तक चला. वार्गोस ने औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देते हुए तेल, स्टील और बिजली के राष्ट्रीयकरण किया. 1942 ब्राजील जर्मनी के खिलाफ विश्व युद्ध में उतर गया. और ब्राजील के सैनिक जर्मन सेना से लड़ने के लिए यूरोप भेजे गए.

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सत्ता परिवर्तन ने कम नहीं की लोगों की समस्याएं
1954 से वर्गास के बाद यहां दस साल तक लोकतंत्र रहा और देश ने तेजी से आर्थिक उन्नति भी की. 1964 से 21 साल तक यहां सैन्य शासन रहा. 1985 में नए संविधान के साथ लोकतंत्र की वापसी हुई जिसमें राष्ट्रपति की शक्तियां कम कर दी गईं. संविधान में बदलाव के बाद भी ब्राजील की आर्थिक समस्याओं में कमी नहीं आई और भ्रष्टाचार, देश पर बढ़ता कर्ज जैसी समस्याएं बढ़ती गई. 2002 में देश में 40 साल बाद वामपंथ का शासन आया जिसमें लुइस लिनासियो लूला डा सिल्वा राष्ट्रपति चुने गए. इनके कार्यकाल में भूमिसुधार और देश का पहला उपग्रह प्रक्षेपण हुआ. 2010 में डिल्मा रोसेफ देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं. इसके बाद कई जनहित योजनाओं के बावजूद देश में लोगों की समस्याओं को लेकर विरोध चलता रहा जिसमें भ्रष्टाचार का मुद्दा भी शामिल था. रोसेफ को हटाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को जेल भेज दिया गया और 2018 में जेयर बोलसोनारो के राष्ट्रपति बनने से ब्राजील में दक्षिणपंथी शासन की वापसी हो गई. 

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  लुइस लिनासियो लूला डा सिल्वा 2002 से 2009 तक देश के राष्टपति रहे जिन्हें पिछले साल ही जेल में डाला गया. (फाइल फोटो)

अर्थ व्यवस्था
ब्राजील की अर्धव्यवस्था दक्षिण अममेरिका की सबसे बड़ी और दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन पिछले कुछ सालों से राजनैतिक घोटालों की बढ़ती संख्या के कारण देश मंदी के दौर से गुजर रहा है. यहां कॉफी, गन्ना, सोयाबीन, गेंहूं, चावल, कोका, रसीले फल आदि प्रमुख कृषि उत्पाद हैं. यहां के प्राकृतिक स्रोतों में बॉक्साइट, सोना, लोह अयस्क, मैगनीज, निकल, फॉस्फेट, प्लैटिनम, टिन, यूरेनियम, पेट्रोलियम, आदि ब्राजील को समृद्धि प्रदान करते हैं. ब्राजील में पर्यटन एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है कई जगहों पर अर्थव्यवस्था का प्रमुख उद्योग है. इसके अलावा जूते, कपड़े, सीमेंट, लोहा, स्टील मशीनी उपकरण, वाहन आदि प्रमुख उद्योगों में शामिल हैं. ब्राजील कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. 

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