BREXIT: जानिये, ब्रिटेन के EU का हिस्‍सा नहीं रहने के बाद भारत पर क्या असर होगा
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BREXIT: जानिये, ब्रिटेन के EU का हिस्‍सा नहीं रहने के बाद भारत पर क्या असर होगा

ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन में रहेगा या नहीं, ब्रिटेन के लोगों ने आज इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी। यूरोपियन यूनियन के जनमत संग्रह के नतीजों से साफ हो गया कि अब ब्रिटेन यूरो जोन का हिस्सा नहीं रहेगा। आर्थिक जानकारों के अनुसार, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने का भारतीय व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा। ब्रिटेन में हुए इस बदलाव का भारत पर खास असर पड़ सकता है। ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन में न रहने के चलते मुंबई शेयर बाजार में आज 900 अंकों की भारी गिरावट देखी गई। वहीं, रुपया भी डॉलर के मुकाबले 78 पैसे गिरकर कारोबार करने लगा। आपको बताते हैं कि ब्रिटेन के इस फैसले से भारत पर कितना असर होगा।

BREXIT: जानिये, ब्रिटेन के EU का हिस्‍सा नहीं रहने के बाद भारत पर क्या असर होगा

नई दिल्‍ली : ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन में रहेगा या नहीं, ब्रिटेन के लोगों ने आज इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी। यूरोपियन यूनियन के जनमत संग्रह के नतीजों से साफ हो गया कि अब ब्रिटेन यूरो जोन का हिस्सा नहीं रहेगा। आर्थिक जानकारों के अनुसार, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने का भारतीय व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा। ब्रिटेन में हुए इस बदलाव का भारत पर खास असर पड़ सकता है। ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन में न रहने के चलते मुंबई शेयर बाजार में आज 900 अंकों की भारी गिरावट देखी गई। वहीं, रुपया भी डॉलर के मुकाबले 78 पैसे गिरकर कारोबार करने लगा। आपको बताते हैं कि ब्रिटेन के इस फैसले से भारत पर कितना असर होगा।

1. ब्रिटेन के EU से बाहर होने के बाद पाउंड में गिरावट संभव है। ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर होने की स्थिति में पाउंड का गिरना तय है। ऐसे में डॉलर के दामों में वृद्धि होना भी तय है। डॉलर के दाम बढ़ने का असर भारतीय रुपए पर भी पड़ेगा और उसकी कीमत में भारी गिरावट की आशंका है।

2. फिलहाल ज्यादातर कच्चे तेल की खरीदारी पेट्रो डॉलर में ही की जाती है। डॉलर का दाम बढ़ने से भारत के लिए भी कच्चे तेल का आयात महंगा हो जाएगा और इसका असर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के रूप में भी दिखाई देगा। इससे बाकी चीजें भी महंगी होना तय है। कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीज़ल का दाम बढ़ेगा।

3. पाउंड के गिरने से डॉलर की मांग बढ़ेगी। इससे आयातित जरूरी चीजों के दामों पर असर पड़ेगा। साथ ही, डॉलर का मूल्य बढ़ने से आयात महंगा होगा।

4. डॉलर महंगा होने से विदेश से खरीदा जानेवाला सोना, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स भी महंगे हो सकते हैं।  
    
4. यूरोपीय यूनियन से अलग होने पर ब्रिटेन और भारत के व्यापारिक संबंधों में तो सुधार आने की संभावना है लेकिन ब्रेक्जिट के जरिये कारोबार कर रहीं सैकड़ों कंपनियों के लिए ये घाटे का सौदा है। अब उन्हें महंगे डॉलर पर निर्भर होना होगा।

5. ब्रिटेन के अलग होने के बाद अब दूसरे देश भी यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए कोशिशें करेंगे। ऐसे में पाउंड की हालत और खराब होगी और डॉलर का रसूख और बढ़ता जाएगा। इन देशों में काम कर रहीं भारतीय कंपनियों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

6. हालांकि, ब्रिटेन के इस कदम के बाद अब भारत के साथ उसे मुक्त व्यापर करने में और आसानी होगी। भारत के अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार में ब्रिटेन 12वें स्थान पर है। जिन 25 देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संतुलन भारत पक्ष में झुका हुआ है उनमें ब्रिटेन सातवें स्थान पर है। ब्रिटेन में निवेश करने के मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है।

7. अब यूरोपियन यूनियन से कारोबारी रिश्ते रखने वाले देशों पर बुरा असर पड़ेगा। बता दें कि भारत के लिए तो यूरोपियन यूनियन सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है।

8. भारतीय आईटी सेक्टर के 6 से 18 फीसदी कमाई ब्रिटेन से ही होती है। भारतीय कंपनियों के लिए यूरोप में घुसने का रास्ता ब्रिटेन से शुरू होता है।  ऐसे में ब्रिटेन के यूरोप से अलग होने पर यूरोप के देशों से नए करार करने होंगे। इससे कंपनियों का खर्च बढ़ेगा।

9. ब्रिटेन के यूरोप से अलग होने पर दुनिया भर के शेयर बाजारों में अनिश्चितता का माहौल रहेगा। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है।

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