Henrietta Lacks: सिर्फ एक सैंपल से बदला दवाओं की दुनिया का इतिहास, शोधकर्ता भी रह गए हैरान
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Henrietta Lacks: सिर्फ एक सैंपल से बदला दवाओं की दुनिया का इतिहास, शोधकर्ता भी रह गए हैरान

Henrietta Lacks Cervical Cells: दवाओं की दुनिया का अपना अलग इतिहास रहा है. लुई पॉश्चर ने मेडिकल दुनिया में क्रांति लाने का काम किया था. ठीक वैसे ही अफ्रीकी अमेरिकल मूल की महिला हेनरीएटा लैक्स की कहानी भी है. उनके सेल पर हुए शोध से पोलियो वैक्सीन, क्लोनिंग और जीन मैपिंग में क्रांतिकारी बदलाव आया.

Henrietta Lacks: सिर्फ एक सैंपल से बदला दवाओं की दुनिया का इतिहास, शोधकर्ता भी रह गए हैरान

Henrietta Lacks Cervical Cell Experiment: मेडिकल फील्ड में समय समय पर चमत्कार होते रहे हैं. उन चमत्कारों की वजह से हम कई असाध्य बीमारियों का सामना करने में कामयाब हुए हैं. उनमें से एक पोलियो है. यहां हम बताएंगे कि किसके योगदान से आज दुनिया के देश पोलियोमुक्त हुए हैं. पोलियो वैक्सीन बनाने की दिशा में एक महिला का हेनरीएटा लैक्स का खास योगदान है. अब वो इस दुनिया में नहीं हैं. हेनरीएटा लैक्स की एक कोशिका ने मेडिकल साइंस में खासतौर से दवाओं के क्षेत्र में जादुई बदलाव किया. आज हम भले ही अपने बच्चों को पोलियो की मार से बचा पाने में कामयाब हो रहे हों लेकिन इसके पीछे की कहानी बेहद मार्मिक है.

1951 में लिया गया था सेल

हेनरीएटा लैक्स, पांच बच्चों की मां थी जिनकी 1951 में सर्विकल कैंसर से मौत हो गई थी उस समय उनकी उम्र महज 31 साल थी. अफ्रीकन -अमेरिकन मूल की लैक्स को बीमारी की वजह से जॉन हापकिंस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल ने उनकी सर्विक्स से दो सैंपल निकाले जिसमें एक स्वस्थ और दूसरा कैंसर से प्रभावित था. लेकिन जब यह सब किया गया उस समय ना तो लैक्स से इजाजत ली गई और ना ही उन्हें बताया गया. उस सेल को डॉ जॉर्ज ऑटो गे को दिया गया और उन्होंने जो कुछ देखा वो आश्चर्यजनक था. लैक्स की सेल को जिंदा रखा गया और पाया गया कि उनमें अनियंत्रित ग्रोथ हो रहा रहा है. गे ने सावधानी से उसे खास सेल को अलग किया और पहले अमर सेल लाइन का विकास किया जिसे हेला नाम भी दिया. इन कोशिकाओं पर टॉक्सिन, वायरस और विकिरण से गुजारा गया. बाद के दिनों में इन कोशिकाओं के जरिए पोलियो वैक्सीन, क्लोनिंग और जीन मैपिंग में मदद मिली.

बिना इजाजत ली गई थी कोशिका

2014 तक वैज्ञानिक करीब 20 टन हेला सेल को विकसित कर चुके है और करीब 11 हजार से अधिक पेटेंट कराए गए हैं. एक शोधकर्ता के मुताबित एक एक हेला सेल को आपस में जोड़ कर धागा बनाएं तो कम से कम तीन दफा आप प्लेनेट को बांध सकते हैं. 2010 में हेला सेल के एक ट्यूब को 260 अमेरिकी डॉलर में बेचा गया था. अगर मौजूदा समय में भारतीय करेंसी से तुलना करें तो एक ट्यूब की कीमत अब 20 हजार रुपए होगी. ये बात अलग है कि हेनरीएटा के परिवार को फायदा नहीं मिला. हेनरीएटा लैक्स की जिंदगी पर जर्नलिस्ट रेबेका स्कलूट ने 2020 में  द इमोर्टल लाइफ ऑफ हेनरीएटा लैक्स किताब लिखी थी.

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