शनिवार की रात चीनी मंत्रालय की वेबसाइट पर 30 पन्नों और 11 हजार शब्दों का एक लेख पोस्ट किया गया, जिसमें इन सभी बातों का खंडन किया गया था. इस लेख की शुरुआत 19वीं सदी के अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन से की गई थी.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के आने के बाद से चीन (China) को वैश्विक रूप से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते अमेरिका (America) से चीन के संबंधों में भी खटास आई है. अब चीन ने कोरोना वायरस मामले पर प्रमुख अमेरिकी राजनेताओं द्वारा बोले गए 24 झूठों पर एक लंबा-चौड़ा खंडन जारी किया है.
पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान से ये घातक वायरस निकला था, तब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ इसे 'चीनी वायरस' या 'वुहान वायरस' कह रहे हैं, और इस वैश्विक संकट के लिए पूरी तरह से चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा हैं.
इसे रोकने के लिए, चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी ज्यादातर प्रेस वार्ताओं में अमेरिकी राजनेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है, जिसमें कहा गया कि चीन ने कोरोना वायरस के बारे में जानकारी नहीं दी थी और ये वायरस वुहान शहर की एक लैब में बनाया गया है.
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शनिवार की रात मंत्रालय की वेबसाइट पर 30 पन्नों और 11 हजार शब्दों का एक लेख पोस्ट किया गया, जिसमें इन सभी बातों का खंडन किया गया था. इस लेख की शुरुआत 19वीं सदी के अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन से की गई थी.
लेख में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दस्तावेजों का हवाला दिया गया है कि वायरस का नाम किसी देश विशेष पर नहीं होना चाहिए.
लेख के शुरुआत में कहा गया 'जैसा कि लिंकन ने कहा, आप कुछ लोगों को हर समय बेवकूफ बना सकते हैं और सभी लोगों को कुछ समय के लिए मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते.'
लेख में कहा गया है कि सभी सबूतों से पता चलता है कि वायरस मानव निर्मित नहीं है और वो लैब इतनी सक्षम ही नहीं है कि वहां कोरोना वायरस को बनाया जा सके.
चीन के बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद भी दुनिया के कई हिस्सों में लोग यही मान रहे हैं कि वायरस की सूचना चीन ने समय पर नहीं दी. इसलिए लेख में ये भी बताया गया है कि किस तरह चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को समय पर, खुले तौर पर और पारदर्शी तरीके से जानकारी दी थी.
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लेख ने बीजिंग के 34 वर्षीय डॉक्टर ली वेनलियांग के मामले को संभालने की पश्चिमी आलोचनाओं को भी खारिज कर दिया, जिन्होंने वुहान में नए वायरस के प्रकोप पर सबको जानकारी देने की कोशिश की थी. COVID -19 से उनकी मृत्यु ने पूरे चीन में रोष और शोक की लहर पैदा कर दी थी.
कई पश्चिमी रिपोर्टों के विपरीत, मंत्रालय के लेख में कहा गया है कि ली ने वायरस की जानकारी सबसे पहले नहीं दी थी और उन्हें कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था.
कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर चीन को बढ़ रहे विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उसके संबंधों में टकराव बढ़ सकता है.
ये घातक वायरस, जो पहली बार चीन के वुहान शहर में दिखा था, इसने अब तक वैश्विक रूप से 4 मिलियन से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है और 2,80,000 से ज्यादा मौतें हुई हैं. इस महामारी में इटली, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.