'नेटवर्क कायम करने के लिए अफगानिस्तान, दक्षिण एशिया में स्थिरता चाहता है चीन'
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'नेटवर्क कायम करने के लिए अफगानिस्तान, दक्षिण एशिया में स्थिरता चाहता है चीन'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जब पाकिस्तान में आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने पर पाकिस्तान की कड़ी निंदा की थी तो उस समय बीजिंग ने पाकिस्तान समर्थन किया था.

शी जिनपिंग का ओबीओआर पहल एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसके जरिए चीन दक्षिण एशिया में अपनी पैठ बना रहा है. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन, अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में स्थिरता चाहता हैं क्योंकि वह क्षेत्र में एक महत्वाकांक्षी आधारभूत संरचना नेटवर्क का निर्माण कर रहा है. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जब पाकिस्तान में आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने पर पाकिस्तान की कड़ी निंदा की थी तो उस समय बीजिंग ने पाकिस्तान समर्थन किया था. मंगलवार (22 अगस्त) को अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया के बारे में अपनी नीति की घोषणा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में अमेरिकियों की हत्या करने वाले ‘अराजकताओं के एजेंटों’ को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान की निंदा की और इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि आतंकवादियों को आश्रय देने से उसे ‘अधिक नुकसान होगा.’

एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के साथ बातचीत में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, ‘मुझे लगता है कि हम देख रहे हैं कि चीन इस क्षेत्र में स्थायित्व चाहता है. उसकी अपना वन बेल्ट और वन रोड (ओबीओआर) परियोजना है जो वह बनाना चाहता है. ऐसे में वह क्षेत्र में स्थायित्व चाहता है.’ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ओबीओआर पहल एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य पूर्वी एशिया और यूरोप से जमीन और एशिया, यूरोप और अफ्रीका के सहयोगियों से जल क्षेत्र के रास्ते चीन को आर्थिक सर्किल से जोड़ना है.

'अफगानिस्तान, दक्षिण एशिया में अमेरिका की साख को कम करने की कोशिश कर रहा है रूस'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नयी अफगान रणनीति को लेकर रूस के प्रतिकूल टिप्पणी करने के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में अमेरिका की साख को कमतर करने की कोशिश कर रहा है. रूस ने कहा था कि इस रणनीति का ‘‘कोई भविष्य नहीं है.’’ ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि रूस की प्रतिक्रिया उम्मीद के मुताबिक है. वे अफगानिस्तान में अमेरिका की भूमिका को लेकर बेहद निराशाजनक दुष्प्रचार करते रहे हैं. आपने संभवत: रूसी अधिकारियों को यह दावा करते देखा होगा कि अमेरिका अफगानिस्तान में आईएसआईएस का समर्थन कर रहा है जोकि एक झूठा बयान है.’’

नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बात कर रहे अधिकारी अफगानिस्तान तथा दक्षिण एशिया को लेकर ट्रम्प की नयी नीति पर रूस के संशय जताने के संबंध में सवालों का जवाब दे रहे थे. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार (25 अगस्त) को मॉस्को में संवाददाताओं से कहा था कि अमेरिका की नयी अफगान रणनीति का ‘‘कोई भविष्य नहीं है.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बदकिस्मती से, रूसियों ने यहां एक बेहद सुनियोजित रुख अपनाया है और वे क्षेत्र में हमारी साख को कमतर करने की कोशिश कर रहे हैं और साथ ही अमेरिकी उद्देश्यों को लेकर फर्जी बातें फैला रहे हैं.’’

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