coronavirus: ऑस्ट्रेलिया ने भी तेवर दिखाए, कहा- चीन के साथ WHO की भी जांच की जाए
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coronavirus: ऑस्ट्रेलिया ने भी तेवर दिखाए, कहा- चीन के साथ WHO की भी जांच की जाए

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पाइन (Marise Payne) ने कहा कि देश वैश्विक महामारी को लेकर जांच चाहता है.

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पाइन

सिडनी: ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस महामारी को लिकर स्वतंत्र जांच की मांग की है. ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पाइन (Marise Payne) ने कहा कि देश वैश्विक महामारी को लेकर जांच चाहता है, जिसमें वुहान में कोरोना के पहले मामले के सामने आने के बाद चीन के रेस्पॉन्स की भी जांच होनी चाहिए. साथ ही इस वायरस को लेकर अलग-अलग देशों का क्या रेस्पॉन्स रहा इसकी भी जांच हो.

चीन के शहर वुहान में साल 2019 के अंत में कोरोना वायरस की शुरुआत हुई थी. 

पब्लिक ब्रॉडकास्टर एबीसी से बात करते हुए पाइन ने कहा कि हम एक स्वतंत्र जांच चाहते हैं, जिसमें हमें हर तरह की जानकारी विस्तार से मिले जिससे हमें इस वायरस की उत्पत्ति और इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए गए इन सभी बातों का पता चल सके. 

पाइन ने कहा कि अलग-अलग देशों ने इससे जुड़ी जानकारियों को कितनी स्पष्टता से रखा. इस जांच के जरिए यह भी पता लग पाएगा.

पाइन ने कहा कि उन्होंने अपनी ये चिंता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी व्यक्त की थी.

ट्रंप ने कहा था कि  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस महामारी के संकट को मिस मैनेज किया और चीन में इसकी शुरुआत के बाद फैलने तक को लेकर जानकारियों को ढंकने की कोशिश की. 

ट्र्रंप ने यह भी घोषणा की थी कि वाशिंगटन संयुक्त राष्ट्र की इस इकाई को फंड नहीं देगा. ये फंड पिछले साल 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.

विदेश मंत्री पाइन ने कहा कि इस महामारी के बाद कई मायनों में ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंध प्रभावित होंगे. क्योंकि बीजिंग ने इसे लेकर पारदर्शिता नहीं बरती है. 

ये भी पढ़ें- ट्रंप ने चीन को दी खुली चेतावनी , 'अगर कोरोना जानबूझकर फैलाया गया तो इसका परिणाम भुगतना होगा'

पाइन की स्वतंत्र जांच की मांग का स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने भी समर्थन किया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने इस वायरस को फैलने से रोकने में सफलता पाई है और इसमें हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह नहीं मानी थी. 

ऑस्ट्रेलिया में 6600 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए और 70 लोगों की मौत हुई है.  ऑस्ट्रेलिया ऐसा पहला देश था जिसने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए ट्रैवल बैन लागू किया. 

​हंट ने कहा कि मुझे पता है कि 1 फरवरी को ट्रैवल बैन लगाने को लेकर हमें आलोचना भी झेलनी पड़ी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी आलोचना की थी.

हंट ने यह भी कहा कि जहां पोलियो, चेचक, मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम में डब्ल्यूएचओ ने अच्छा काम किया वहीं कोरोना वायरस को लेकर ऐसा नहीं हुआ. इस बीमारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के ​रेस्पॉन्स से दुनिया को कोई फायदा नहीं हुआ. हमने इसे फैलने से रोका क्योंकि, हमने अपने खुद के फैसले किए.

हाल में ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के नए मामलों में कमी आई है. हालांकि अगले महीने तक यहां सभी तरह की गतिविधियों और लोगों के जमा होने पर पाबंदिया रहेंगी. 

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