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जेनेवा: ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) हमारी हेल्थ के लिए कितना खतरनाक है, ये बात सब जानते हैं. इसके बावजूद 'शोर' कम करने की कोशिशें पूरी ईमानदारी से नहीं की जातीं, न ही सरकारी स्तर पर और न ही हमारी ओर से. नॉइज पॉल्यूशन पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक रिपोर्ट में इस बढ़ते खतरे का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट यह भी बताती है कि दुनिया के किन शहरों में ध्वनि प्रदूषण सबसे ज्यादा है.
UNEP की रिपोर्ट में दुनिया के 61 प्रमुख शहरों के औसत नॉइज पॉल्यूशन की तुलना की गई है. इस लिस्ट में पहला नाम बांग्लादेश की राजधानी ढाका (Dhaka is the Noisiest City on the Planet) का आता है. इस शहर में 'शोर' का स्तर अक्सर स्वीकार्य सीमा से दोगुने से अधिक रहता है, जिससे स्थानीय लोगों की सेहत प्रभावित हो रही है. उनके शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को लगातार नुकसान पहुंच रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ढाका में सबसे अधिक एवरेज नॉइज फ्रीक्वेंसी रिकॉर्ड की गई है, जो 119 डेसिबल है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 1999 की सिफारिशों के अनुसार, आवासीय क्षेत्रों के लिए अधिकतम स्वीकार्य नॉइज लेवल 55 डेसिबल है. जबकि कमर्शियल क्षेत्रों के लिए यह 70 डेसिबल है. 2018 के संशोधित दिशानिर्देशों में नॉइज फ्रीक्वेंसी लेवल को 53 डेसिबल के भीतर रखने की सिफारिश की गई थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ढाका में कितना बुरा हाल है.
इस लिस्ट में भारत के उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर को दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाला शहर घोषित किया गया है. यहां ध्वनि प्रदूषण 114 dB रिकॉर्ड किया गया है. तीसरे नंबर पर पाकिस्तान का इस्लामाबाद है, जहां नॉइज पॉल्यूशन 105 dB है. इसी तरह, बांग्लादेश का राजशाही 103 dB, विएतनाम का हो ची मिन्ह सिटी 103 dB, नाइजीरिया का इबादान 101 dB, नेपाल का कुपोंडोल 100 dB, अल्जीयर्स 100 dB के साथ सूची में शामिल हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के प्रमुख 61 शहरों में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में सबसे कम ध्वनि प्रदूषण है. यहां ध्वनि आवृत्ति केवल 20 डेसिबल है. इस मामले में स्पेन का बार्सिलोना 22 डेसिबल के साथ दूसरे स्थान पर है. इसके बाद इरबिड (जॉर्डन), मैड्रिड (स्पेन), और ल्यों (फ्रांस) का नंबर आता है. गौरतलब है कि ध्वनि प्रदूषण सिर्फ इंसानों के लिए समस्या नहीं है. जानवरों पर भी शोर का गहरा असर पड़ता है. फैक्ट्री, यातायात और निर्माण से सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण होता है और यह बच्चों, बुजुर्गों और प्केरेग्नेंट महिलाओं लिए सबसे ज्यादा हानिकारक है.