Dogs behaviour: आप जो कुछ कहते हैं 'डॉगी' सब समझते हैं, स्टडी में चौंकाने वाला दावा
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Dogs behaviour: आप जो कुछ कहते हैं 'डॉगी' सब समझते हैं, स्टडी में चौंकाने वाला दावा

Study report: इस रिसर्च में शामिल लोगों ने पाया है कि कुत्तों में इंसानों जैसे सुनने की क्षमताएं तो हैं, और वो बोलने की आवाज पहचान सकते हैं लेकिन वे शब्दों की आवाज में अंतर करने में सक्षम नहीं होते हैं.

Dogs behaviour: आप जो कुछ कहते हैं 'डॉगी' सब समझते हैं, स्टडी में चौंकाने वाला दावा

Dogs understand nouns: कुत्तों को लेकर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में एक रिसर्च हुई है और उसमें जो दावे किये गए हैं वो चौंकाने वाले हैं. कुत्तों को लेकर एक शोध हुआ है उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि कुत्ते मनुष्यों द्वारा बोले गए शब्द और भावों को बखूबी समझ सकते हैं. रिसर्च की रिपोर्ट में लिखा है कि कुत्ते आवाज पहचानने की क्षमता रखते हैं. भले ही इंसानों की बातें उनके लिए मायने न रखतीं हों. अध्ययन से ये भी पता चला है कि कुत्ते संज्ञा (noun) समझते हैं और जानते हैं कि कुछ शब्दों का क्या अर्थ होता है.

चौंकाने वाला खुलासा

'wion' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक कुत्तों को कुछ शब्दों की अच्छी समझ होती है और वे जानते हैं कि इन शब्दों का क्या मतलब है, उनके मस्तिष्क की गतिविधि की रिकॉर्डिंग के आधार पर एक अध्ययन से पता चला है. ये खास रिसर्च बॉर्डर कॉलिज, टॉय पूडल और लैब्राडोर रिट्रीवर्स समेत विभिन्न नस्लों के 18 कुत्तों पर हुई थी.

रिसर्च में खुलासा

इस स्टडी यह पता चला कि कुत्ते 'बैठो' और 'लाओ' जैसे बुनियादी आदेशों से भी आगे पहुंचकर आपका इंस्ट्रक्शन फॉलो कर सकते हैं. स्टडी में शामिल कुत्तों के मालिकों ने अपने पेट डॉगी के लिए पांच परिचित वस्तुओं का चयन किया. प्रयोग के दौरान, उन्होंने इनमें से किसी एक चीज का नाम पुकारा और उनके साथ अलग-अलग ऑप्शन रखे थे. इस रिसर्च में गलती करने का स्ट्राइक रेट लगभग शून्य रहा. 

कैसे हुआ प्रयोग?

रिसर्चर्स ने इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राफी (EEG) का इस्तेमाल करके, हर डॉगी के मस्तिष्क की तरंगों की निगरानी की. उनका उद्देश्य मस्तिष्क गतिविधि में किसी भी भिन्नता का निरीक्षण करना था. इसमें कुत्तों के सिर पर चिपकने वाला इलेक्ट्रोड्स लगाया गया और कुत्ते पर नजर रखी गई. स्टडी में शामिल हुए डॉगीज ने जिन गतिविधियों को किया उन्हें अलग से नोट करके निष्कर्ष निकाला गया.

जब पेट ओनर्स ने एक विशिष्ट वस्तु का नाम लिया- जैसे बॉल, लेकिन उसे बॉल की जगह छड़ी जैसी अलग चीज दिखाई गई तब उन्होंने क्या किया ये भी देखा गया. वहीं उनका जब बोले गए शब्द और सामने रखी गई चीज या सामान दोनों मेल खाते थे, तब उनके मस्तिस्क की तरंगों का अलग लेवल देखा गया. यानी कुत्तों पर उन शब्दों का अधिक स्पष्ट प्रभाव देखा गया जिन चीजों से वो अधिक परिचित थे.

 

 

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