हांगकांग स्वायत्तता कानून पर ट्रंप ने किए हस्ताक्षर, WHO को भी सुनाई खरी खोटी
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हांगकांग स्वायत्तता कानून पर ट्रंप ने किए हस्ताक्षर, WHO को भी सुनाई खरी खोटी

अमेरिका (America) ने चीन (China) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए हांगकांग स्वायत्तता कानून (Hong Kong Autonomy Act) पारित कर दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार को इस पर हस्ताक्षर किये.

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फाइल फोटो

वॉशिंगटन: अमेरिका (America) ने चीन (China) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए हांगकांग स्वायत्तता कानून (Hong Kong Autonomy Act) पारित कर दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार को इस पर हस्ताक्षर किये. इस बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप कहा कि मैंने कानून और एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इसके साथ ही अमेरिका द्वारा हांगकांग (Hong Kong) को मिलने वाली तरजीह समाप्त हो गई है.

  1. अमेरिका द्वारा हांगकांग को मिलने वाली तरजीह समाप्त हो गई है
  2. अमेरिका अब हांगकांग को चीन की तरह ट्रीट करेगा
  3. चीनी राष्ट्रपति से बातचीत नहीं करेंगे ट्रंप
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राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘चीन को हांगकांग के लोगों के खिलाफ दमकनकारी हरकतों के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए अमेरिका ने कानून पारित कर दिया है. हांगकांग स्वायत्तता कानून कांग्रेस में सर्वसम्मति से पारित हुआ है. यह कानून अमेरिकी प्रशासन को हांगकांग की आजादी खत्म करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार प्रदान करता है. हम सब जानते हैं कि वहां क्या हो रहा है. चीन ने हांगकांग के लोगों की आजादी और अधिकार छीन लिए हैं’.

डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका अब हांगकांग को चीन की तरह ट्रीट करेगा. उसे कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा, कोई विशेष आर्थिक सुविधा नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए मुझे लगता है कि हांगकांग कभी भी मुक्त बाजारों में मुकाबला नहीं कर पाएगा. कई लोग हांगकांग छोड़ देंगे और एक प्रतिद्वंद्वी को खो देने के कारण हमारा व्यापार भी बढ़ेगा.

वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से कोरोना वायरस (Corona Virus) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन को दोषी ठहराया. साथ ही उन्होंने साफ किया कि चीन से बातचीत का उनका कोई इरादा नहीं है. ट्रंप ने कहा, ‘WHO चीन की कठपुतली बनकर रह गया है. कोरोना पर उसने चीन का साथ दिया, जिसकी वजह से अमेरिका इससे अलग हो गया है. हम वायरस को छिपाने और उसे दुनिया में फैलाने के लिए पूरी तरह से चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं. चीन कोरोना वायरस को फैलने से रोक सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. लिहाजा, अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत का कोई मतलब नहीं है’.

 

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