काम के बाद बॉस करे फोन तो कर्मचारी कह सकेंगे NO, यहां लागू होने जा रहा कानून
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काम के बाद बॉस करे फोन तो कर्मचारी कह सकेंगे NO, यहां लागू होने जा रहा कानून

Employees Rights in Office: ऑस्ट्रेलिया में एक कानून लागू होने जा रहा है, जहां कर्मचारियों को यह अधिकार मिलेगा कि वह काम के घंटों के बाद बॉस को नो कह सकेंगे. इस नए बिल को 'राइट टू डिस्कनेक्ट' नाम दिया गया है. यह बिल हालांकि फरवरी में पास हो चुका है.

काम के बाद बॉस करे फोन तो कर्मचारी कह सकेंगे NO, यहां लागू होने जा रहा कानून

Australia Work Law: आप कुछ ही देर पहले दफ्तर से निकले हैं और अचानक बॉस का कॉल आता है कि कोई जरूरी काम आ गया है, तुरंत कर दो. आप क्या कहेंगे- जी सर, घर पहुंचकर कर देता हूं. लेकिन मन ही मन आप कहेंगे कि मेरी तो शिफ्ट खत्म हो गई थी. क्या बॉस कल तक का इंतजार नहीं कर सकता था. आप घर आते हैं. बेमन से लैपटॉप खोलते हैं और बॉस के दिए काम को पूरा करने बैठ जाते हैं. 

यह सिर्फ एक कर्मचारी की कहानी नहीं है बल्कि हजारों-लाखों कर्मचारियों का यही हाल है, जिनको बॉस के कहने पर अपने दफ्तर के घंटों के बाद भी काम करना पड़ता है. उस वक्त यह तो जरूर लगता होगा कि काश मैं मना कर पाता. काश ऐसी कंपनी होती, जहां एचआर ही बॉस को यह कहे कि कामकाजी घंटों के बाद आप कर्मचारियों से काम नहीं करा सकते. 

लागू होने जा रहा नया कानून

लेकिन किसी कंपनी नहीं, बल्कि एक देश में ऐसा होने जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया में एक कानून लागू होने जा रहा है, जहां कर्मचारियों को यह अधिकार मिलेगा कि वह काम के घंटों के बाद बॉस को नो कह सकेंगे. इस नए बिल को 'राइट टू डिस्कनेक्ट' नाम दिया गया है. यह बिल हालांकि फरवरी में पास हो चुका है. फोर्ब्स ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक यह नया कानून 26 अगस्त 2024 को लागू हो जाएगा. इस कानून को लाने का सबसे बड़ा कारण दुनिया में अपने कामकाजी लोगों की भलाई की रक्षा करना है.

बिल की दूसरी रीडिंग में ऑस्ट्रेलियाई ग्रीन्स के नेता एडम बैंड्ट ने अपने बयान में कहा, "बहुत लंबे समय से, काम और जीवन के बीच की सीमाएं धुंधली हो गई हैं, काम से लगातार जुड़ाव आम हो गया है और पूरे देश में कामकाजी लोगों पर दिन-रात हर समय उपलब्ध रहने का दबाव बढ़ रहा है." उन्होंने आगे कहा, 'अक्सर कर्मचारियों से उम्मीद की जाती है कि वे ईमेल का जवाब देने, कॉल लेने और हर समय उपलब्ध रहें.  फोर्ब्स के मुताबिक सीनेट की काम और देखभाल समिति ने इस घटना को 'उपलब्धता में इजाफे' के रूप में बताया है.'

कई देशों में कर्मचारियों के पास है अधिकार

हालांकि अगर आप कानून की गहराई में जाएंगे तो ऐसी कई स्थितियां हैं, जहां यह कानून लागू नहीं होगा. उदाहरण के तौर पर, ऐसे मामलों में जहां कॉन्टैक्ट कर्मचारी के लिए मुश्किल बढ़ाने वाला नहीं है या जब कर्मचारी को अतिरिक्त घंटे काम करने के लिए एक्स्ट्रा भुगतान किया जाता हो या कर्मचारी की भूमिका और जिम्मेदारियों के स्तर की प्रकृति अलग हो. ये कुछ ऐसे मामले हैं जहां कानून लागू नहीं होगा.

दिलचस्प बात है कि फ्रांस, जर्मनी और ईयू में कई ऐसे देश हैं, जहां ऐसे ही कानून हैं. इन देशों में कर्मचारी काम के घंटों के बाद अपना फोन स्विच ऑफ कर सकते हैं. 

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