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मेलबर्न: अफवाहों और खून के थक्के जमने (Blood Clots) की खबरों के चलते कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) नहीं लगवा रहे लोगों को विशेषज्ञों ने चेताया है. विशेषज्ञों ने कहा है कि वैक्सीन ही कोरोना (Coronavirus) से बचाव कर सकती है, इसलिए जोखिम मोल लेने से बेहतर है टीका लगवाना. वॉल्टर और एलिजा हॉल संस्थान में जनसंख्या स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा विभाग की डिवीजन हेड रेन पसरीचा और मेलबर्न विश्वविद्यालय के बाल रोग विभाग की प्रोफेसर पॉल मोनागल ने कहा कि वैक्सीन लगवाना हर लिहाज से फायदेमंद है.
‘द कन्वरसेशन’ में उन्होंने लिखा है कि खून से जुड़ी बीमारियों के विशेषज्ञ के रूप में, हम ऐसे कई रोगियों की देखभाल करते हैं, जिन्हें पहले रक्त के थक्के (Blood Clots) बन चुके हों या जो रक्त को पतला करने वाली दवाएं लेते हैं. वे अक्सर पूछते हैं कि क्या मुझे एस्ट्राजेनेका का टीका लगवाना चाहिए?, इसका जवाब निश्चित तौर पर ‘हां है. विशेषज्ञों ने आगे कहा, ‘एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के बाद हमने जो रक्त के थक्के देखे हैं, वे उन थक्कों से एकदम अलग हैं जो नसों की घनास्त्रता या फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता, या दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण बनते हैं’.
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रेन पसरीचा और पॉल मोनागल ने कहा कि इस प्रकार की स्थितियों के इतिहास वाले लोग एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से किसी भी तरह के जोखिम में नहीं दिखते हैं. वास्तव में, इस समूह के लोगों को COVID-19 से अधिक जोखिम हो सकता है, इसलिए उन्हें टीकाकरण में देरी नहीं करनी चाहिए. गौरतलब है कि खून के थक्के जमने की खबर की वजह से अभी भी लोग वैक्सीन लगवाने में आनाकानी कर रहे हैं. यही वजह है कि दोनों विशेषज्ञों ने सामने आकार लोगों की शंकाओं को दूर करने का प्रयास किया है.
इधर, भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है. देश में पिछले 24 घंटों में 91 हजार नए केस सामने आए हैं. इस दौरान, 3400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इससे पहले गुरुवार (10 जून) को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 94 हजार नए मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 6148 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों की वजह से भारत में कोरोना की बेकाबू रफ्तार अब काबू में आ गई है. हालांकि, तीसरी लहर की आशंका के बीच खौफ अभी भी बरकरार है.