Australia News: भारतीय संस्कृति पर झूम रहा ऑस्ट्रेलिया, संसद में इस नए सदस्य ने भागवदगीता पर हाथ रखकर ली शपथ
Advertisement
trendingNow12097843

Australia News: भारतीय संस्कृति पर झूम रहा ऑस्ट्रेलिया, संसद में इस नए सदस्य ने भागवदगीता पर हाथ रखकर ली शपथ

Australia news in Hindi: भारतीय संस्कृति की धूम पर ऑस्ट्रेलिया भी झूम रहा है. वहां की संसद में पहली बार निर्वाचित हुए एक सीनेटर ने भागवदगीता पर हाथ रखकर शपथ ली है. जिस पर ऑस्ट्रेलिया के पीएम और विदेश मंत्री ने खुशी जताई है.

 

Australia News: भारतीय संस्कृति पर  झूम रहा ऑस्ट्रेलिया, संसद में इस नए सदस्य ने भागवदगीता पर हाथ रखकर ली शपथ

Australian Parliament Latest News: एडवोकेट वरुण घोषणा मंगलवार को ऐसे पहले भारतीय मूल के सीनेटर बन गए, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई संसद में भागवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से आने वाले वरुण घोष को प्रांतीय असेंबली और प्रांतीय परिषद ने संघीय संसद के लिए अपना प्रतिनिधि चुना था. शपथ ग्रहण के बाद ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने वरुण घोष का यह कहते हुए स्वागत किया, 'लेबर सीनेट टीम में आपका होना अद्भुत है.'

'आप पहले हैं लेकिन आखिरी नहीं'

पेनी वॉन्ग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से हमारे नवीनतम सीनेटर वरुण घोष का स्वागत है. सीनेटर घोष भगवद गीता पर शपथ लेने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर हैं. मैंने अक्सर कहा है, जब आप किसी चीज़ में प्रथम होते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि आप 'अंतिम नहीं हैं,' 

उन्होंने कहा, 'मैं जानती हूं कि सीनेटर घोष अपने समुदाय और पश्चिम आस्ट्रेलियाई लोगों के लिए एक मजबूत आवाज होंगे.' ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी एल्बनीज ने भी वरुण घोष के सीनेटर बनने पर अपनी बधाई दी. एल्बनीज ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा, 'पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से हमारे नए सीनेटर वरुण घोष का स्वागत है. टीम में आपका होना शानदार है.'

कौन हैं वरुण घोष?

वरुण घोष पर्थ के एक वकील हैं. उन्होंने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी से कला और कानून में डिग्री प्राप्त की है. वे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कानून में कॉमनवेल्थ स्कॉलर थे. उन्होंने पहले न्यूयॉर्क में एक वित्त वकील के रूप में और फिर वाशिंगटन, डीसी में वर्ल्ड बैंक के सलाहकार के रूप में काम किया था.
 
पिछले कुछ वर्षों में वरुण घोष ने एक बैरिस्टर के रूप में काम किया है, जो पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व बैंक के साथ कानूनी मामलों को देखते हैं. वह 2015 में ऑस्ट्रेलिया लौट आए और किंग एंड वुड मैलेसन्स के साथ काम करते हुए बैंकों, संसाधन कंपनियों और निर्माण कंपनियों के लिए कानूनी मामले संभाले. 

कब शुरू हुई राजनीतिक यात्रा?

वरुण घोष की राजनीतिक यात्रा तब शुरू हुई जब वह पर्थ में ऑस्ट्रेलिया की लेबर पार्टी में शामिल हुए. वर्ष 2019 में हुए संघीय चुनाव में वरुण घोष को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी के सीनेट टिकट पर पांचवें स्थान पर रखा गया था, हालांकि वे निर्वाचित नहीं हुए. 1985 में जन्मे घोष 1997 में पर्थ चले गए और क्राइस्ट चर्च ग्रामर स्कूल में पढ़ाई की.

वह सिर्फ 17 साल के थे, जब उनके माता-पिता 1980 के दशक में भारत से चले गए. 1985 में जन्मे घोष 1997 में पर्थ चले गए और क्राइस्ट चर्च ग्रामर स्कूल में पढ़ाई की.  वरुण घोष ने एक बयान में कहा, "मुझे अच्छी शिक्षा का सौभाग्य मिला है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण हर किसी के लिए उपलब्ध होना चाहिए."

(एजेंसी ANI)

Trending news