वक्त का सितम: वित्त मंत्री की कुर्सी संभालने वाला ये शख्स आज टैक्सी चलाने को मजबूर
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वक्त का सितम: वित्त मंत्री की कुर्सी संभालने वाला ये शख्स आज टैक्सी चलाने को मजबूर

किसी जमाने में अफगानिस्तान के वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले खालिद पाएंदा आज अमेरिका में टैक्सी ड्राइवर हैं. परिवार का पेट भरने के लिए वो दिन-रात टैक्सी चलाते हैं. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पहले उन्होंने मुल्क छोड़ दिया था. 

फाइल फोटो

वॉशिंगटन: ‘जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं होता’. अमेरिका में टैक्सी चलाते एक शख्स को देखकर इसका अहसास हो जाता है. आज का ये टैक्सी ड्राइवर गुजरे कल में अफगानिस्तान (Afghanistan) का 6 अरब डॉलर का खजाना संभालता था. लेकिन वक्त ऐसा बदला कि आलिशान गाड़ियों में सफर करने वाला ये शख्स पेट भरने के लिए स्टीयरिंग थामने को मजबूर हो गया. अफगानिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर रहे खालिद पाएंदा (Khalid Payenda) अब यूएस में टैक्सी चलाते हैं.    

  1. आलिशान जिंदगी जीते थे खालिद पाएंदा
  2. तालिबान के कब्जे से पहले छोड़ दिया था मुल्क
  3. पूर्व मंत्रियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

गनी जैसी नहीं है आर्थिक स्थिति

तालिबान (Taliban) से बचने के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी सहित उनके कई मंत्रियों ने मुल्क छोड़ दिया था. खालिद पाएंदा भी उनमें से एक हैं. हालांकि, उनकी आर्थिक स्थिति गनी जैसी नहीं है. वह अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में कैब चलाकर (Cab Driver) गुजारा कर रहे हैं. ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ से बातचीत में खालिद ने कहा, ‘अगले दो दिन में मुझे 50 ट्रिप्स पूरी करनी हैं. इसके बदले मुझे 95 डॉलर का बोनस मिलेगा. घर में पत्नी और चार बच्चे हैं. कुछ पैसे बचाए थे, उनसे भी काम चल रहा है’.

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‘मैं अब कहीं का नहीं रहा’

खालिद ने आगे कहा, ‘मेरी जिंदगी का एक हिस्सा अफगानिस्तान में गुजरा. अब मैं अमेरिका में हूं. सच कहूं तो मैं अब कहीं का नहीं रहा. अपने मुल्क लौट नहीं सकता और यहां का कोई ठिकाना नहीं’. खालिद बताते है कि तालिबान के कब्जे के कुछ दिन पहले उन्होंने अफगानिस्तान के वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. दरअसल, लेबनान की एक कंपनी का पेमेंट नहीं हो पाया था और इसी वजह से राष्ट्रपति अशरफ गनी मुझसे नाराज थे. उन्होंने मुझे खूब खरीखोटी सुनाई थी.

सरकार ने जनता को धोखा दिया

पाएंदा का परिवार पिछले साल अगस्त के पहले हफ्ते में ही अफगानिस्तान से अमेरिका पहुंच चुका था. उन्होंने अपना दुख बयां करते हुए कहा, ‘दुनिया ने हमें 20 साल दिए. हर तरह की मदद दी. बदकिस्मती से हम नाकाम रहे. भ्रष्टाचार की वजह से हमारा सिस्टम बिखर गया. हकीकत ये है कि हमारी सरकार ने मुल्क के लोगों को धोखा दिया. मंत्री जानते थे कि तालिबान मुल्क पर कब्जा कर लेगा. वो वॉट्सएप पर मुल्क छोड़ने के मैसेज भेज रहे थे.

US के कहने पर मिला था पद

खालिद ने अफगानिस्तान में पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनाई थी. वो मानते हैं कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में लोकतंत्र, महिला अधिकार और मानवाधिकार की लंबी लड़ाई लड़ी. 2008 में खालिद पहली बार अमेरिका आए थे और अमेरिका के कहने पर ही अशरफ गनी ने 2016 में उन्हें डिप्टी फाइनेंस मिनिस्टर बनाया था. खालिद लाइफ जीने के बाद इस तरह टैक्सी चलाना खालिद को दुखी तो करता है, लेकिन उनके पास सच्चाई को स्वीकारने के अलावा कोई विकल्प नहीं. 

 

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