इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि वह गाजा में हमास के आतंकियों के खिलाफ हमले नहीं रोकेंगे. पिछले दिनों 6 बंधकों के शव मिलने के बाद वह देश में घिर गए हैं. उन पर हमले रोकने और हमास से समझौता करने का दबाव है लेकिन अब उन्होंने साफ कहा है कि कोई भी उन्हें उपदेश नहीं दे सकता.
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Benjamin Netanyahu on Pressure over Gaza Hostages: गाजा में जबर्दस्त बमबारी के बावजूद इजरायल की सेनाएं अपने बंधकों को रिहा नहीं करा सकी हैं. कुछ दिन पहले छह बंधकों के शव मिलने से लोग गुस्से से भर गए. वे हड़ताल करने लगे हैं. इधर अमेरिका की तरफ से संघर्ष विराम समझौते को लेकर दबाव बढ़ रहा है. ऐसे में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कह दिया है कि वह किसी प्रेशर में नहीं आएंगे. अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में नेतन्याहू ने कहा कि बंधकों को मुक्त कराने के लिए मुझसे ज़्यादा कोई प्रतिबद्ध नहीं है लेकिन कोई भी मुझे उपदेश नहीं दे सकता.
״What has changed in the last 5 days? What has changed?
One thing: these murderers executed 6 of our hostages. They shot them in the back of the head.
And now after this, we’re asked to show seriousness?! We’re asked to make concessions?!
PM @netanyahu
pic.twitter.com/wio2ZqkBUI— Israel (@Israel) September 3, 2024
नेतन्याहू ने कहा कि वह फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर इजरायली नियंत्रण की मांग पर जोर देना जारी रखेंगे. कॉरिडोर यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि हमास सुरंगों के जरिए फिर से हथियार न इकट्ठा कर सके.
उन्होंने बंधकों के सिर में गोली मारी
पीएम ने कहा कि पिछले 5 दिनों में क्या बदला है? क्या बदला है? एक बात- इन हत्यारों ने हमारे 6 बंधकों को मार डाला. उन्होंने उनके सिर के पीछे गोली मारी. और अब इसके बाद, हमसे गंभीरता दिखाने के लिए कहा जा रहा है? हमसे रियायतें देने के लिए कहा जा रहा है?
सड़कों पर उतरे इजरायली
उधर, गाजा में बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने में फेल रहने के विरोध में इजरायल में सोमवार को आम हड़ताल के आह्वान के कारण करीब पूरे देश में बंद का असर दिखा. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में इस आह्वान को नजरअंदाज किया गया जो गहरे राजनीतिक मतभेदों को दर्शाता है. हड़ताल के कारण प्रमुख बाजार और प्रतिष्ठान बंद रहे.
गाजा में रविवार की देर रात छह बंधकों के मृत पाए जाने के बाद इजरायल के हजारों लोग शोक और आक्रोश के बीच सड़कों पर उतर आए. पीड़ित परिवारों और अधिकतर लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को दोषी ठहराया और कहा कि लगभग 11 महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए हमास के साथ समझौते के माध्यम से उन्हें जिंदा वापस लाया जा सकता था. वहीं, कुछ लोग हमास पर लगातार सैन्य दबाव बनाए रखने की नेतन्याहू की रणनीति का समर्थन करते हैं.
हमास की ओर से 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के साथ युद्ध शुरू हो गया था. इजरायल के सबसे बड़े व्यापार संघ ‘हिस्ताद्रुत’ ने सोमवार को आम हड़ताल का आह्वान किया था, जो युद्ध की शुरुआत के बाद पहली हड़ताल है. इसका उद्देश्य बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवा और देश के मुख्य हवाई अड्डे सहित अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को बंद करना या बाधित करना है.
अधिकारियों ने बताया कि यमन के हूती विद्रोहियों के संदिग्ध हमले में सोमवार को लाल सागर में एक जहाज को निशाना बनाया गया. ब्रिटिश सेना के ‘यूनाइटेड किंगडम समुद्री व्यापार परिचालन केंद्र’ ने बताया कि दो मिसाइल या रॉकेट जहाज से टकराए और तीसरा विस्फोट जहाज के पास हुआ.
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