अमेरिका बयान के मुताबिक, 'हनिया का हमास की सैन्य इकाई के साथ नजदीकी संबंध है और वह आम लोगों के संघर्ष सहित सशस्त्र संघर्ष के समर्थक रहे हैं.'
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वॉशिंगटन: अमेरिका ने फिलीस्तीनी संगठन हमास के प्रमुख इस्माईल हनिया को आतंकवादियों की सूची में डाल दिया और उन पर प्रतिबंध लगा दिए. इस कदम से तनाव बढ़ सकता है. अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘हनिया का हमास की सैन्य इकाई के साथ नजदीकी संबंध है और वह आम लोगों के संघर्ष सहित सशस्त्र संघर्ष के समर्थक रहे हैं.’’ उसने कहा, ‘‘वह इजरायली नागरिकों के खिलाफ हिंसा में कथित तौर पर शामिल रहे हैं. आतंकवादी हमलों में 17 अमेरिकी नागरिकों के मारे जाने के लिए हमास जिम्मेदार है.’’ अमेरिका के इस कदम से तनाव बढ़ सकता है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरूशलम को इजरायली राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा की थी.
.@StateDept has designated Ismail Haniyeh, Harakat al-Sabireen, Liwa al Thawra, and Harakat Sawa’d Misr (HASM) as Specially Designated Global Terrorists (SDGTs) under Section 1(b) of Executive Order (E.O.) 13224. Full details: https://t.co/6rmZD6rogE
— State Dept CT Bureau (@StateDeptCT) January 31, 2018
पूर्वी यरूशलम के आसपास इजरायली सेना बनाएगी एकीकृत कमान
वहीं दूसरी ओर इजरायली सेना ने कहा है कि पूर्वी यरूशलम के आसपास के फलस्तीनी इलाकों में वह एक एकीकृत कमान बना रही है. यह कदम 2015 से, इस इलाके से होने वाले हमलों की संख्या बढ़ने के मद्देनजर उठाया जा रहा है. सेना की वेबसाइट ने बीते 29 जनवरी को बताया, ‘‘इसका लक्ष्य एक क्षेत्रीय ब्रिगेड बनाना है जो आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में समन्वय करेगी.’’
इसमें बताया गया है कि सेना, इजरायली पुलिस और शिन बेट सुरक्षा एजेंसी अगले दो साल तक तीन तरफ से शहर को घेरने वाले इस्राइली बैरियर के साथ समन्वय मजबूत करने के लिए काम करेंगे. वेबसाइट के मुताबिक, इसके बाद बैरियर के ठीक पूर्व में वेस्ट बैंक गांवों में एक एकीकृत सैन्य ब्रिगेड तैनात की जाएगी.
यरूशलम ही होगी इस्राइल की राजधानी: प्रधानमंत्री नेतन्याहू
इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बीते 26 जनवरी तो दावोस में कहा कि किसी भी समझौते में यरूशलम ही उनके देश की राजधानी रखनी होगी क्योंकि पिछले 3000 वर्ष से भी ज्यादा समय के इतिहास में उसका यही स्थान रहा है. इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि वह फलस्तीन के साथ शांति के लिए नयी पहल करने को तैयार हैं बशर्ते फलस्तीनी ‘बातचीत’ से पीछे न हटें.
तालिबान से वार्ता नहीं, उसका खात्मा करेंगे : ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान को समाप्त करने की बचनबद्धता पर जोर देते हुए उसके साथ किसी तरह की वार्ता की संभावना से इनकार किया है. ट्रंप ने बीते सोमवार (29 जनवरी) को व्हाइट हाउस में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को बताया, "तालिबान निर्दोष लोगों को मार रहा है. बच्चों पर बमबारी की जा रही है, परिवारों पर बमबारी की जा रही है, पूरे अफगानिस्तान में बमबारी की जा रही है."
उन्होंने कहा, "इसलिए तालिबान से कोई बातचीत नहीं होगी. हम तालिबान से बात नहीं करना चाहते. जो काम हमें करना है, हम उसे पूरा करने जा रहे हैं. जिस काम को कोई नहीं पूरा कर पाया, हम उसे पूरा करने जा रहे हैं." काबुल में तालिबान द्वारा हाल ही में किए गए हमलों में कम से कम 125 लोगों की मौत हो चुकी है, जो ट्रंप प्रशासन के लिए एक सीधी चुनौती है.
(इनपुट एजेंसी से भी)