Election in America: चुनाव के दिन से पहले ही करोड़ों अमेरिकी मतदाता अपना वोट डाल चुके हैं. इस प्रक्रिया को अर्ली वोटिंग कहा जाता है, जिसमें मतदाता पहले से ही मेल द्वारा, रजिस्टर्ड ईमेल के जरिए या निर्धारित मतदान केंद्रों पर जाकर अपना मताधिकार का उपयोग कर सकते हैं.
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Presidential Election: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की तरफ से कमला हैरिस मैदान में हैं. मतदान की तारीख 5 नवंबर है, इसी दिन अगले राष्ट्रपति का चुनाव होना है. इस चुनाव में अमेरिकी मतदाता रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस में से किसी एक को अपना अगला राष्ट्रपति चुनने जा रहे हैं. हालांकि, मेल के माध्यम से हुई वोटिंग के चलते इस बार चुनाव परिणाम में देरी की संभावना है, जिससे अंतिम नतीजे आने में समय लग सकता है. लेकिन तय समय से पहले ही वहां करोड़ों लोग मतदान कर चुके हैं. आइए जानते हैं कि आखिर ये कैसे हुआ.
असल में चुनाव के दिन से पहले ही करोड़ों अमेरिकी मतदाता अपना वोट डाल चुके हैं. इस प्रक्रिया को अर्ली वोटिंग कहा जाता है, जिसमें मतदाता पहले से ही मेल द्वारा, रजिस्टर्ड ईमेल के जरिए या निर्धारित मतदान केंद्रों पर जाकर अपना मताधिकार का उपयोग कर सकते हैं. इस व्यवस्था के तहत वैध नागरिकों को चुनाव के दिन से पहले भी मतदान करने का अवसर मिलता है, जिससे वे अपनी सुविधा अनुसार वोटिंग कर सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के कई प्रांतों में करोड़ों मतदाताओं ने मतदान तिथि (पांच नवंबर) से पहले ही अपने वोट डाल दिए हैं. फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब ट्रैकर’ के आंकड़ों के मुताबिक, 6.8 करोड़ से अधिक अमेरिकी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं. पूरे अमेरिका में मतदाता समय पूर्व मतदान व्यवस्था से मिलने वाली सहूलियत का लाभ उठा रहे हैं, फिर चाहे वह डाक मतपत्रों के माध्यम से हो या फिर मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालकर.
समय पूर्व मतदान व्यवस्था मतदाताओं को खराब मौसम, मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों में लगने, व्यस्तताओं के कारण वोट न डालने या चुनाव के दिन व्यक्तिगत कार्यक्रमों में बदलाव करने के झंझट से मुक्ति दिलाती है. 2020 में भी समय पूर्व मतदान के लिए सौ मतदान केंद्र बनाए गए थे. इस साल यह संख्या डेढ़ सौ है.
लोग समय पूर्व मतदान की सुविधा को लेकर बेहद उत्साहित हैं. वोट डालने पहुंचे एक मतदाता ने कहा कि मुझे इस तरह की लचीली प्रणाली पसंद है. मैं सिर्फ इसलिए अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाहता कि मैं मंगलवार को उपलब्ध नहीं रह पाऊंगा. यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण समय है और हम उस व्यक्ति को वोट नहीं देने का जोखिम नहीं उठा सकते, जो हमारा नेतृत्व करेगा.