Israel vs Iran News: कताइब हिजबुल्लाह नामक शिया मिलिशिया ने इजरायल को धमकी दी है कि अगर उसने इराक पर हमला किया तो वह अमेरिकी सेना को निशाना बनाएगा.
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Israel vs Iran: इराकी शिया मिलिशिया कताइब हिजबुल्लाह ने धमकी दी है कि अगर इजरायल ने इराक पर हमला किया तो वह देश में मौजूद अमेरिकी सेना पर हमला करेगा. ईरान समर्थित शिया मिलिशिया के सिक्योरिटी लीडर अबू अली अल-असकर ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इराकी एयर स्पेस में अमेरिका और इजरायल की तेज गतिविधियां देखी जा रही हैं. ये 'इराक के खिलाफ जायोनी (इजरायली) हमले की संभावना' का संकेत देती हैं. बयान में कहा गया, 'कताइब हिजबुल्लाह अपनी चेतावनी दोहराता है कि उसकी प्रतिक्रिया केवल इजरायल तक ही सीमित नहीं होगी, बल्कि इसमें संपूर्ण अमेरिकी मौजूदगी भी शामिल होगी.'
कताइब हिजबुल्लाह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल और लेबनान के बीच संघर्ष की वजह से पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. इजरायल लगातार लेबनान में एयर स्ट्राइक कर रहा है. उसका दावा है कि वो ईरान समर्थित ग्रुप हिजबुल्लाह को टारगेट कर रहा है. इजरायली हमलों में अब तक 600 से अधिक लेबनानी मारे गए हैं. इस बीच हिजबुल्लाह ने भी पलटवार किया है और इजरायली क्षेत्रों में रॉकेट दागे हैं.
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इजरायल के खिलाफ 'एकजुट' हुए संगठन
रिपोर्ट के मुताबिक, अल-अस्कर ने 'इराक इस्लामिक रेजिस्टेंस', (एक शिया मिलिशिया ग्रुप) से अपने अभियानों की संख्या और पैमाने को बढ़ाने की अपील की. इससे पहले, 'इराक इस्लामिक रेजिस्टेंस' ने 'फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ एकजुटता में' इजरायली ठिकानों पर कई ड्रोन और मिसाइल हमलों की जिम्मेदारी ली. हालांकि इसने यह नहीं बताया कि हमलें किन टारगेट्स पर किए गए और न ही किसी हताहत की सूचना दी.
7 अक्टूबर, 2023 को गाजा में इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष की शुरुआत के बाद से, 'इराक इस्लामिक रेजिस्टेंस' ने फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल और अमेरिकी ठिकानों पर कई हमले किए हैं.
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इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष: 21 दिवसीय युद्धविराम की अपील
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच अमेरिका और सहयोगी देशों ने 21 दिनों के युद्धविराम की अपील है. इजरायली हमलों की वजह से लेबनान में 600 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. यह अपील बुधवार को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और कतर की ओर से की गई.
साझा बयान के अनुसार, '8 अक्टूबर 2023 से लेबनान और इजरायल के बीच हालात बर्दाशत से बाहर हैं और इनकी वजह से व्यापक क्षेत्रीय तनाव का जोखिम पैदा हो गया है. यह किसी के हित में नहीं, न ही इजरायल के लोगों के और न ही लेबनान के.'
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सहयोगियों ने इस बात पर जोर दिया कि निरंतर संघर्ष के बीच कूटनीति सफल नहीं हो सकती. बयान में कहा गया, 'यह समय एक राजनयिक समझौते तक पहुंचने का है, जो सीमा के दोनों ओर के नागरिकों को सुरक्षित अपने घर लौटने की राह तैयार कर सके.' संयुक्त बयान में कूटनीतिक वार्ता के लिए 21 दिवसीय युद्ध विराम की अपील की गई.
यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव (यूएनएससीआर) 1701 के अनुरूप है, जिसने 2006 के इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध को समाप्त किया था. बयान के मुताबिक, 'हम इजरायल और लेबनान की सरकारों सहित सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वे तुरंत युद्ध विराम का समर्थन करें और संकट को हल करने के लिए कूटनीति को वास्तविक अवसर प्रदान करें.' (IANS इनपुट्स)