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नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण गेहूं और अन्य अनाज सहित ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे सप्लाई चेन में रुकावट आ रही है. इससे Inflation हो रहा है. आईएमएफ (IMF) ने चेतावनी देते हुए कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी प्रभाव दुनियाभर में पड़ेगा.
आईएमएफ के मुताबिक, महंगाई का प्रभाव खासकर गरीब परिवारों पर पड़ेगा, जिनके लिए भोजन और ईंधन खर्च का एक उच्च अनुपात है. अगर रूस-यूकेन में युद्ध जारी रहा तो आर्थिक नुकसान और अधिक विनाशकारी होगा.
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रूस पर प्रतिबंधों का वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, अन्य देशों के लिए महत्वपूर्ण स्पिलओवर होगा. कई देशों में संकट पहले से ही बढ़ी हुई महंगाई के रूप में बना हुआ है.
मौद्रिक अधिकारियों (Monetary Authorities) को उचित प्रतिक्रियाओं को जांचने के लिए घरेलू मुद्रास्फीति (Domestic Inflation) में बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के पास-थ्रू की सावधानीपूर्वक निगरानी करने की जरूरत होगी.
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बढ़ती जीवन लागत को ऑफसेट करने में मदद करने के लिए राजकोषीय नीति (Treasury Policy) को सबसे कमजोर परिवारों का समर्थन करने की जरूरत होगी. विश्व अर्थव्यवस्था महामारी संकट से उबरने के साथ-साथ ये संकट नीतिगत परिदृश्य को और जटिल करते हुए जटिल नीतिगत ट्रेडऑफ का निर्माण करेगा.
(इनपुट-आईएएनएस)
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