Eco Friendly Stove: बिजली या गैस पर नहीं, पानी से चलता है यह ईको फ्रेंडली चूल्हा, भारत के राजेश का अविष्कार देख दंग हो रही दुनिया
Advertisement
trendingNow11292937

Eco Friendly Stove: बिजली या गैस पर नहीं, पानी से चलता है यह ईको फ्रेंडली चूल्हा, भारत के राजेश का अविष्कार देख दंग हो रही दुनिया

Trending News: चीन में रह रहे एक भारतीय इनोवेटर राजेश पुरोहित ने हाल ही में इस चूल्हे का निर्माण किया है. पानी से चलने वाले ता है. इस चूल्हे के इस्तेमाल से बेहद कम दाम पर और बिना किसी प्रदूषण के खाना पकाया जा सकता है. राजेश पुरोहित ने बताया कि उनका हाइड्रोजन एटीएम उत्पाद इलेक्ट्रोलिसिस तकनीक पर आधारित है.

ईको फ्रेंडली चूल्हा

Water Fired Stove: जलवायु परिवर्तन (Global Warming) आज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी समस्या बन चुका है. इसका सीधा असर हमारे रोजमर्रा के जीवन पर पड़ रहा है. इससे न सिर्फ मौसम का सिस्टम प्रभावित हुआ है, बल्कि सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान भी हो रहा है. वहीं दूसरी ओर एलपीजी सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी से गृहिणियों से लेकर व्यापारियों तक का बजट प्रभावित हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ऊर्जा प्रणालियों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को खत्म करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया है. इसे लेकर आज तमाम कंपनियां काम भी कर रही हैं.

कम दाम और बिना प्रदूषण बना सकते हैं खाना

इन सबके बीच चीन में रह रहे एक भारतीय इनोवेटर राजेश पुरोहित ने हाल ही में एक ऐसे चूल्हे का निर्माण किया है, जो पानी से चलता है. इस चूल्हे के इस्तेमाल से बेहद कम दाम पर और बिना किसी प्रदूषण के खाना पकाया जा सकता है. राजेश पुरोहित ने बताया कि उनका हाइड्रोजन एटीएम उत्पाद इलेक्ट्रोलिसिस तकनीक पर आधारित है, जिसमें हाइड्रोजन और पानी के अणुओं को अलग (तोड़ा) किया जाता है. ऐसा करने से ऊर्जा का सृजन होता है, और उससे पैदा होने वाली ऊष्मा पारंपरिक विद्युत तापन विधि की तुलना में 5 गुना अधिक होती है. यह एक नवीकरणीय ऊर्जा है और इससे किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता है.

प्रोडक्ट को बनाने में लग गए 9 साल

राजेश पुरोहित ने बताया कि इस प्रोडक्ट के रिसर्च और इसे बनाने में उन्हें 9 साल लग गए. इसे बनाने में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण इसके कल-पुर्जों को डेवलप करना था, क्योंकि इसके कल-पुर्जे आमतौर पर बाजार में उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस समय उनके इस प्रोडक्ट जैसा कोई दूसरा उपकरण बाजार में मौजूद नहीं है. हालांकि वह कहते हैं कि जल्द ही ऐसे प्रोडक्ट बाजार में दिखने लगेंगे. चाहे गीजर हो, हीटर हो या कोई भी अन्य हीटिंग उपकरण हो. लगभग उन सभी में इस टेक्निक का इस्तेमाल होता दिखेगा.

किसी भी अन्य गैस तकनीक की तुलना में सेफ

वह कहते हैं कि ऐसे उत्पादों में एलपीजी, पेट्रोल, डीजल आदि का कोई खर्चा नहीं आता है. साथ ही बढ़ती महंगाई में ये उपकरण काफी हद तक आपकी जेब ढीली होने से बचाएगा. राजेश पुरोहित ने बताया कि आमतौर पर यह तकनीक किसी भी अन्य गैस तकनीक की तुलना में अधिक सुरक्षित है, क्योंकि इसमें कोई भी ईंधन स्टोर नहीं होता है, इसलिए जमा ईंधन टेक्नोलॉजी की तुलना में यह ज्यादा सेफ है.

जलवायु को भी नहीं करेगा प्रभावित

अक्षय ऊर्जा की वकालत करने वाले राजेश पुरोहित कहते हैं कि अक्षय ऊर्जा कभी न खत्म होने वाला स्रोत है और यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. जबकि जीवाश्म ऊर्जा हमारे आसपास की प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर देते हैं और जलवायु को भी प्रभावित करते हैं, इसलिए अब समय आ गया है कि लोगों को अक्षय ऊर्जा की तरफ शिफ्ट हो जाना चाहिए. यह सभी के लिए फायदेमंद है.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

 

Trending news