US Immigration Services latest update: हजारों भारतीय तकनीकी पेशेवरों को बड़ी राहत देते हुए एक अमेरिकी अदालत ने उस मुकदमे को खारिज कर दिया है, जिसमें ग्रीन कार्ड के लिए कतार में लगे एच-1बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को US में कई सालों के लिए काम करने की अनुमति देने से इनकार किया गया था.
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H-1B Visa Holders latest update: अमेरिका की टेक कंपनियों में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को यूएस की एक कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. यहां पर H-1B वीजा के साथ जिंदगी बिता रहे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी विदेशी महिला नागरिक के पास H-1B वीजा है तब उसका जीवनसाथी भी अमेरिका में जाकर काम कर सकता है. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) द्वारा तकनीकी रूप से जारी किए गए नियम को सेव जॉब्स यूएसए द्वारा चुनौती दी गई थी.
जिला न्यायाधीश तान्या एस. चुटकन ने सुनाया फैसला
अमेरिकी जिला न्यायाधीश तान्या एस. चुटकन ने सेव जॉब्स यूएसए के मुकदमे को खारिज कर दिया. सेव जॉब्स यूएसए ने तर्क दिया था कि इस नियम में वैधानिक प्राधिकरण का अभाव है, यह गैर-प्रतिनिधित्व सिद्धांत का उल्लंघन करता है. साल 2017 में इसे प्रस्तावित करने के बाद ट्रंप प्रशासन ने 2019 में एच-4 ईएडी नियम को रद्द करने के लिए एक नियम अधिसूचित किया था जो ट्रंप प्रशासन और सेव जॉब्स यूएसए, इमिग्रेशन वॉयस के बीच एक आउट-ऑफ-कोर्ट समझौता लग रहा था. मुकदमे को खारिज करने के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के भी 4 साल शामिल थे.
भारतीयों को होगा फायदा
सेव जॉब्स यूएसए के द्वारा दाखिल इस याचिका का अमेजॉन, फेसबुक, एप्पल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों ने काफी विरोध किया था. आपको बता दें कि वर्तमान समय में अमेरिका में 1 लाख एच-1बी कर्मचारियों के पार्टनर काम कर रहे हैं. इनमें भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है. बता दें कि बहुत से अमेरिकी युवाओं से सेव जॉब्स यूएसए द्वारा दाखिल की गई याचिका को समर्थन मिला था, वहीं प्रवासियों के बीच कोर्ट के इस फैसले की काफी सराहना की गई है. अब न्यायालय के आदेश ने सभी अनिश्चितता को खत्म कर दिया है.
(इनपुट: एजेंसी)
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