अमेरिका और ईरान के बीच छिड़ी लड़ाई को कई लोग तीसरे विश्वयुद्ध की आहट की तरह भी देख रहे हैं.
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नई दिल्ली: अमेरिका और ईरान के बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के लिए एक तरफ कुआं तो एक तरफ खाई की कहावत चरिततार्थ हो रही है. बुधवार को ईरान ने अमेरिकी एयर स्ट्राइक में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या किए जाने के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए इराक में मौजूद अमेरिका के तीन सैन्य ठिकाने, इरबिर अल-असद और ताजी एयरबेस पर कई रॉकेट दागे. इस हमले ने एक बार फिर ईरान और अमेरिका के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है. ऐसे में ईरान ने अपने 'खास दोस्त' देशों की तरफ सहायता के लिए देखना शुरू कर दिया है. ईरान ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ जारी विवाद में पाकिस्तान से समर्थन की उम्मीद कर रहा है.
ईरान के काउंसलर जनरल ने अहमद मुहम्मदी ने 'जियो न्यूज' से कहा कि उनका देश मौजूदा विवाद में अपने 'इस्लामी भाई पाकिस्तान' से एकजुटता की उम्मीद कर रहा है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विदेशी हस्तक्षेप सभी के खिलाफ होगा. लेकिन पाकिस्तान के लिए ईरान-अमेरिका विवाद में किसी एक देश की तरफ समर्थन जाहिर करना बड़ा जटिल है.
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अमेरिका को नाराज करने के बारे में वह सोच नहीं सकता, दूसरी तरफ ईरान से भी वह अपने रिश्ते को बिगाड़ नहीं सकता जिसकी सीमा उससे लगती है और जिसके पक्ष में पाकिस्तान में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. इससे पहले पाकिस्तान ने ईरान और अमेरिका के विवाद में किसी का पक्ष लेने के बजाए क्षेत्र व विश्व में शांति बनाए रखने की बात कही थी.
अमेरिका और ईरान की जंग रोकेगा भारत?
इसके बाद ईरान ने 'खास दोस्त' से सहायता के लिए मदद मांगी है. उधर अमेरिका और ईरान के बीच छिड़ी लड़ाई को कई लोग तीसरे विश्वयुद्ध की आहट की तरह भी देख रहे हैं. ऐसे में ईरान का मानना है कि दुनिया में शांति बनाए रखने में भारत की अहम भूमिका रहती है इसलिए ईरान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है.
भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने के मुताबिक अमेरिका के साथ तनाव कम करने में अगर भारत की तरफ से कदम उठाया जाता है तो ईरान उसका स्वागत करेगा. भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने ट्विटर पर लिखा है 'हम युद्ध नहीं चाहते हैं, हम क्षेत्र में सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि चाहते हैं. हम भारत के किसी भी कदम और परियोजना का स्वागत करते हैं जो दुनिया में शांति और समृद्धि लाने में मददगार हो.'