Hijab Law: ईरान में महिलाओं के साथ-साथ नए नियम पुरूषों पर भी लागू होंगे. ईरान की संसद ने जिस बिल को पास किया है उसमें क्या है और क्यों इसे ईरान की महिलाओं की आज़ादी छीनने वाला बताया जा रहा है.
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Iran New Hijab Law: पिछले साल ईरान में हिजाब के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुए थे. महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए इन प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई, कई लोगों को सजा-ए-मौत मिली और हजारों लोगों को ईरान की कट्टर सरकार ने जेल में डाल दिया था. ईरान में हिजाब के खिलाफ़ महिलाओं का प्रदर्शन एक ऐसे दौर में पहुंच गया था, जिसमें ईरान जलने लगा था. ईरान की कट्टर सरकार ने आंदोलन और प्रदर्शन को कुचलने के लिए पूरी ताक़त लगाई थी. इसके बावजूद सड़कों पर डटी महिलाएं पीछे हटने को तैयार नहीं थी.
अब एक बार फिर ईरान की कट्टर सरकार महिलाओं को लेकर सख्त हो गई है. ईरानी संसद ने इससे संबंधित एक बिल पास किया है. इस बिल में महिलाओं और पुरूषों दोनों के कपड़ों को लेकर एक ड्रेस कोड लागू करने की बात है. यानि ईरान में महिलाओं के साथ-साथ नए नियम पुरूषों पर भी लागू होंगे. ईरान की संसद ने जिस बिल को पास किया है उसमें क्या है और क्यों इसे ईरान की महिलाओं की आज़ादी छीनने वाला बताया जा रहा है. आइए इसको समझते हैं.
- इस बिल के मुताबिक ईरान में नया dress code लागू होगा.
- नया dress code महिलाओं के साथ पुरुषों पर भी लागू होगा.
- इस बिल के मुताबिक महिलाओं के टाइट कपड़े पहनने पर बैन होगा.
- महिलाएं ऐसे कपड़े नहीं पहन सकती जिसमें शरीर का अंग दिखे.
- महिलाएं अगर बिना हिजाब के पकड़ी जाती हैं और दोषी पाई जाती हैं तो दस साल की सजा होगी.
- पुरुषों को भी नए ड्रेस कोड के हिसाब से कपड़े पहनने होंगे.
- पुरुषों को ऐसे कपड़े पहनने पर रोक होगी जिसमें उनका सीना या फिर टखनों के ऊपर का हिस्सा दिखता हो.
ईरान की कट्टर सरकार इस बिल को ऐसे समय में लाई है जब Mahsa Amini की मौत की बरसी पर महिलाओं की नाराजगी फिर सामने आई है. ईरान सरकार के इस कदम से साफ है कि यहां कि कट्टर सरकार की सोच में महिलाओं को लेकर कोई फर्क नहीं आया है.
- ईरान की संसद ने जिस बिल को पारित किया है उसे अब guardian council के पास भेजा जाएगा.
- ईरान में guardian council मौलवियों और लीगल expert का एक समूह है.
- guardian council की तरफ से पास होने के बाद ये कानून बन जाएगा.
- संसद में इस बिल के समर्थन में 152 वोट पड़े, तो विपक्ष में 34 वोट पड़े. इनके अलावा सात सांसदों ने वोट नहीं किया.
आपको याद होगा पिछले वर्ष ईरान में हिजाब के विरोध में महिलाओं ने बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर अपने बाल काटे थे. महिलाओं ने अपने head scarf में आग लगा दी थी. ईरानी महिलाएं western dress में सड़कों पर उतर आई थी. इस विरोध प्रदरर्शन के आगे इस्लामिक सरकार बेबस हो गई थी. पहली बार ईरान में महिलाओं ने सरकार के खिलाफ इतने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था. इससे Ibrahim Raisi की सरकार भी backfoot पर आ गई थी. इसलिए अब नए बिल को लाकर महिलाओं को एक बार फिर बेड़ियों में जकड़ने की कोशिश की गई है. ताकि आगे से सरकार के खिलाफ कोई भी महिला आवाज ना उठाए. इसलिए जिस बिल को ईरान की संसद ने पास किया है उसमें सज़ा को भी बढ़ाया गया है.
- प्रस्तावित कानून में सजा को बढ़ाकर दस साल किया गया है, जो पहले 10 दिन से 2 महीने थी.
- ईरान में पहले कोई महिला हिजाब नहीं पहनती थी तो उसपर 100 से 800 रूपये तक का जुर्माना लगता था, लेकिन नए बिल में तीन लाख से 6 लाख रुपए तक के जुर्माने की बात कही गई है.
- इनके अलावा मीडिया, NGO या विदेशी सरकार के साथ मिलकर ‘अश्लीलता को बढ़ावा देने’ या हिजाब का मजाक उड़ाने वालों को जुर्माना और जेल तो होगा ही. साथ ही उन वाहन मालिकों पर भी जुर्माना लगेगा जिसमें बिना हिजाब के महिलाएं यात्रा कर रही होंगी.
ईरान एक इस्लामिक देश है और इस देश में महिलाएं आवाज उठाए ये यहां की कट्टर सरकार को पसंद नहीं है. संसद में इस बिल के पास होने के बाद ईरान में एक बार फिर महिलाओं की आजादी को लेकर बड़ी बहस शुरू हो गई है. ये सब गुलाम ईरान में नहीं हो रहा, बल्कि ईरान की मौजूदा सरकार ये सब कुछ अपने ही लोगों के खिलाफ कर रही है । जिस ईरान की पहचान कभी एक प्रगतिशील देश के तौर पर थी, आज उस ईरान में कट्टरता चरम पर है, ये नया बिल भी उसी का एक हिस्सा है.
ईरान की इस्लामिक सरकार ने एक बार फिर महिलाओं की आज़ादी छीनने के लिए नए कानून का दांव खेला है. लेकिन ईरान की महिलाएं अपनी जिंदगी और आजादी के लिए लड़ रही हैं. आजादी उस हिजाब से जो उन्हें जबरदस्ती पहनाया जा रहा है, आजादी उस सोच से जो उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बना देता है. और आजादी उस सामाजिक बेड़ियों से जो उन्हें जकड़ कर रखती है.
दुनिया में सिर्फ ईरान ही ऐसा देश नहीं है जहां हिजाब को लेकर सख्त नियम है. दुनिया के कई देशों में हिजाब बैन है. 2 दिन पहले ही Switzerland ने बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है. 20 सितंबर 2023 को swiss parliament के निचले सदन ने इस पर मुहर लगाई है. इसके मुताबिक
- Switzerland में सार्वजनिक स्थानों पर नाक, मुंह और आंखों को ढकने वाले बुर्के को पहनना गैर कानूनी माना जाएगा.
- ऐसा करने पर एक हजार स्विस फ्रैंक यानी करीब बानवें हजार रुपए का जुर्माना लगेगा.
- इसके साथ ही Switzerland उन यूरोपीय देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने बुर्के को प्रतिबाधित कर रखा है
- इससे पहले France, Belgium, Austria, bulgaria और Netherland जैसे देश इस पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। यूरोप के बाहर China और Sri Lanka में भी बुर्के पर प्रतिबंध है. इतना ही नहीं कई देश ऐसे भी हैं जिन्होंने बुर्के को लेकर सख्त नियम बनाए है. इन देशों में Tunisia, Azerbaijan, Lebanon, Syria और Kosovo जैसे मुस्लिम देश हैं, जहां बुर्के को लेकर कड़े नियम मौजूद हैं. यानि दुनिया के कई देश बुर्के के खिलाफ है और वहां इसको लेकर नियम भी बनाए गए हैं. bulgaria में आतंकी गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा के ख्याल से सरकार ने चेहरा ढकने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है.