क्या Donald Trump के जाने के बाद Iran के साथ परमाणु समझौते में फिर शामिल होगा US?
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क्या Donald Trump के जाने के बाद Iran के साथ परमाणु समझौते में फिर शामिल होगा US?

ईरान (Iran) के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीबजादेह ने कह कि इस्लामिक रिपब्लिक की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ पूर्ण अनुपालन में हैं और ये पूरी तरह से वैध और जायज है.

फोटो साभार: रॉयटर्स

तेहरान: ईरान (Iran) के विदेश मंत्रालय ने 2015 में हुए परमाणु समझौते के लिए फ्रांस (France), जर्मनी (Germany) और यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) से आग्रह किया है कि वे तेहरान के परमाणु अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को अमल में लाए. 

ईरान (Iran) के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीबजादेह ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस (France), जर्मनी (Germany) और यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) जिन्हें परमाणु समझौते के संदर्भ में ई-3 के रूप में भी जाना जाता है, से ईरान के खिलाफ अपने राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के खेल को रोकने और बहुपक्षीय समझौते से संबंधित अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की उम्मीद की जाती है.

आपको बता दें कि ये टिप्पणी हाल ही में ई-3 के एक बयान के जवाब में की गई थी जिसमें ईरान से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) और परमाणु अप्रसार संधि के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आग्रह किया गया था.

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खतीबजादेह ने कहा, 'इस्लामिक रिपब्लिक की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ पूर्ण अनुपालन में हैं और ये पूरी तरह से वैध और जायज है.' उन्होंने कहा कि ईरान ने 2018 में समझौते से अमेरिका के हटने, ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों और ईरान के अधिकारों पर अपने दायित्वों का सम्मान करने में यूरोप की विफलता के जवाब में जेसीपीओए के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को कम कर दिया है.

प्रवक्ता ने कहा कि अगर अन्य पक्ष अपने दायित्तों का पालन करते हैं तो ईरान फिर से अपनी प्रतिबद्धताओं को अपनाने के लिए तैयार है. मई 2018 में, अमेरिका ने इस समझौते से अलग होने और इस्लामिक गणतंत्र के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की बहाली की घोषणा की थी.

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