लेबनान में दनादन एयर स्ट्राइक, गाजा में ट्रक भरकर भेजे शव; अमेरिका की भी नहीं सुन रहा इजरायल
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लेबनान में दनादन एयर स्ट्राइक, गाजा में ट्रक भरकर भेजे शव; अमेरिका की भी नहीं सुन रहा इजरायल

Israel hamas war latest: हमास ने इंसानियत को शर्मसार करते हुए जो नंगा नाच किया था, उसकी कीमत गाजा के लोग चुका रहे हैं. इजरायली अटैक में मारे गए सैकड़ों लोग एक साथ दफनाए जा रहे हैं. इजरायल, लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला पर भी मौत बरसा रहा है, आखिर इजरायल क्यों नहीं रुक रहा, आइए जानते हैं.

लेबनान में दनादन एयर स्ट्राइक, गाजा में ट्रक भरकर भेजे शव; अमेरिका की भी नहीं सुन रहा इजरायल

Israel Hizbullah war: फिलिस्तिनियों पर इजरायल कहर बनकर टूट रहा है. वार शुरू होने के एक साल बाद भी दिल दहलाने वाले सीन सामने आ रहे हैं. इजरायल पर एक अटैक फिलिस्तीन को इतना भारी पड़ेगा. हमास ने ये युद्ध शुरू करने से सोचा भी नहीं होगा. फिलहाल एक गाजा का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें अज्ञात संख्या में लाशों को बुलडोजर से दफनाया जा रहा है. हमास ने जो शुरू किया था अब उसकी कीमत गाजा के लोग चुका रहे हैं. इजरायली अटैक में मारे गए लोग एक साथ दफनाए जा रहे हैं.

इजरायल लेबनानी हिजबुल्ला को भी बख्श नहीं रहा है. पेजर, वाकी-टाकी, टीवी, सोलर पैनल धमाकों से हिजबुल्ला को दहलाने के बाद इजरायली एयर फोर्स चौबीसो घंटे उस पर रुक-रुककर आसमान से बम बरसा रही है. हिज्बुल्ला को इजरायल ने एक और बड़ा झटका दिया है. इजरायली एयर स्ट्राइक में हिज्बुल्ला का ड्रोन कमांडर मोहम्मद हुसैन सुरूर मारा गया है.

ट्रक से ले जाई गई लाशें

गाजा की हेल्थ अथॉरिटी ने 88 फिलिस्तिनियों के बॉडीज को बुलडोजर से एक कब्र खोदकर सामूहिक रुप से दफना दिया. दरअसल इजरायल ने गाजा में अस्पतालों में अटैक के दौरान कई कब्रिस्तान को खोदा था जिसमें फिलिस्तिनियों को दफनाया भी था. और बंधकों के साथ आतंकियों की पहचान के लिए कब्रिस्तान खोदकर लाशें उठा ले गए थे.गाजा हेल्थ अथॉरिटी ने इजरायल पर आरोप लगाया कि उसने अमानवीय तरीके से ले गए लाशों को ट्रक में भरकर शवों को भेज दिया और उनकी पहचान के लिए कोई जानकारी भी नहीं दी.

गाजा में सामूहिक रूप से बुलडोजर के जरिए लाशों को दफनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिस पर लोग दो धड़ों में बंट गए हैं. कुछ लोग आतंकी संगठन हमास को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और बंधकों की याद दिला रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसको निर्दोषों पर अत्याचार बता रहे हैं.

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अमेरिका-फ्रांस सबकी अनसुनी

ब्रिटेन ने अमेरिका और फ्रांस के साथ मिलकर लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्ला और इजराइल के बीच तत्तकालत सीजफायर का आह्वान करते हुए चिंता जताई है कि फौरन कुछ नहीं किया गया तो ये संघर्ष पूर्ण युद्ध की तरफ बढ़ सकता है. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इजराइल पर बीते 11 महीनों में हिजबुल्ला के हमलों की निंदा करते हुए दोहराया कि लेबनान में छिपे हिजबुल्ला के हमलों यानी उकसावे भरी कार्यवाई से लेबनान और इजराइल दोनों तरफ के आम लोगों का जिंदगी नरक बन गई है.

ईरान से अपील 

ब्रिटिश विदेश मंत्री लैमी ने ईरान को भी समझाते हुए कहा, 'संयुक्त राष्ट्र (UN) का उल्लंघन करके आतंकी संगठनों को हथियारों की सप्लाई करना ठीक नहीं है. हम तेहरान से अपील करते हैं कि वो हिजबुल्ला पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उसे कम से कम 21 सीजफायर के लिए राजी करने के लिए कहे.

लैमी ने कहा, ‘ये सर्वाधिक खतरनाक पल हैं. हम नए युद्ध के कगार पर हैं. हालात खतरनाक और स्थिति चिंताजनक है. पूर्ण युद्ध किसी के हित में नहीं है. मैं लगातार लेबनानी हिजबुल्ला और इजराइल के बीच तत्काल युद्धविराम का आह्वान कर रहा हूं. मैं सीजफायर के लागू करने की राजनीतिक योजना को औपचारिक रूप देने के लिए अमेरिका और फ्रांस के साथ मिलकर काम कर रहा हूं. न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर और मैं G7 समेत अन्य भागीदारों से भी ऐसा करने का आग्रह करते रहे हैं.’

मदद के हाथ बढ़े

वहीं FCDO ने कहा है कि वो 50 लाख ब्रिटिश पौंड मानवीय मदद के लिए लेबनान को दे रहा है. जिसे यूनिसेफ जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्चा करेगा. यूके ने साइप्रस में स्टैंड बाय में अपने 700 सैनिक बढ़ाने का ऐलान किया है. जरूरत पड़ने पर मदद के लिए ‘रॉयल एयरफोर्स’ ने भी अपने जेट और चॉपर्स तैयार रखे हैं. आपको बताते चलें कि ब्रिटेन भी हिजबुल्ला को आतंकी संगठन मानता है.

UN महासचिव गुटारेस का कहना है कि लेबनान में स्थिति नारकीय है. भारत, ब्रिटेन समेत कई देश अपने लोगों से कह चुके हैं कि पहली फुसरत में फौरन लेबनान छोड़ दें. 

क्या इसलिए किसी के रोके नहीं रुक रहे नेतन्याहू

जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका इलेक्शन मोड में है. वहां नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होना है. बाइडेन और ट्रंप दोनों के सियासी दल वेट एंड वाच की पॉलिसी पर चल रहे हैं. मिडिल ईस्ट पॉलिसी पर अगला फैसला नई सरकार लेगी. रूस को अमेरिका ने यूक्रेन में उलझा रखा है. यूरोपियन यूनियन भी तत्काल इजरायल के खिलाफ फैसला लेने की मूड में नहीं है. वैश्विक नेता तमाम बातों के मद्देनजर इजरायल को सीजफायर के लिए समझा रहे हैं. 10 दिन बाद इजरायल पर हमास के हमले की पहली बरसी है. ऐसे में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू एक मझे कूटनीतिज्ञ की तरह इजरायल की आत्मा को झकझोर देने वाले मानवता के दो दुश्मनों हमास और हिजबुल्ला को जड़ से मिटाने का कोई भी मौका नहीं गवा रहे हैं.

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