क्या थमने वाला है इजरायल-हमास के बीच युद्ध? ईरान के इस दावे ने दिया बड़ा संकेत
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क्या थमने वाला है इजरायल-हमास के बीच युद्ध? ईरान के इस दावे ने दिया बड़ा संकेत

Hamas: यह अपडेट तब सामने आया है जब रूसी विदेश मंत्रालय ने अचानक बिना कोई और अतिरिक्त विवरण दिए गुरुवार को बताया कि गाजा को नियंत्रित करने वाले फिलिस्तीनी समूह हमास का एक प्रतिनिधिमंडल मास्को का दौरा कर रहा है.

क्या थमने वाला है इजरायल-हमास के बीच युद्ध? ईरान के इस दावे ने दिया बड़ा संकेत

Israel Palestine War: इजरायल हमास युद्ध के बीच एक और खबर निकलकर सामने आई है. ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि हमास इजरायल के साथ युद्ध के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने और उन्हें ईरान को सौंपने के लिए सहमत हो गया है. यह समझौता मॉस्को में रूसी विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में हमास के एक प्रतिनिधिमंडल और रूसी अधिकारियों के बीच हुई बैठक में हुआ. हमास प्रतिनिधिमंडल में मॉस्को में हमास के प्रतिनिधि और राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य डॉ. बासेम नईम भी शामिल थे. बताया गया कि इस बैठक का उद्देश्य गाजा पट्टी पर इजरायल के हमलों और इजरायली युद्ध अपराधों को रोकना था.

मास्को का दौरा
दरअसल, यह अपडेट तब सामने आया है जब रूसी विदेश मंत्रालय ने अचानक बिना कोई और अतिरिक्त विवरण दिए गुरुवार को बताया कि गाजा को नियंत्रित करने वाले फिलिस्तीनी समूह हमास का एक प्रतिनिधिमंडल मास्को का दौरा कर रहा है. इसके बाद यह जानकारी सामने आई है कि हमास के बड़े आतंकियों में से एक मौसा मोहम्मद अबू मरजूक के नेतृत्व में हमास का एक प्रतिनिधिमंडल मास्को में उतर चुका है. खुद रूसी विदेश मंत्रालय ने इस दौरे की पुष्टि की थी.

ईरानी विदेश मंत्री की तरफ से बयान
अब इसी दौरे और बैठक के बाद ईरानी विदेश मंत्री की तरफ से यह बयान सामने आया है. ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि हमास युद्ध के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने और उन्हें ईरान को सौंपने के लिए सहमत हो गया है. इसका मतलब यह हुआ कि जल्द ही इस युद्ध को लेकर कुछ बड़ा अपडेट सामने आ सकता है. हालांकि इसके बाद युद्ध रुक जाएगा, ऐसा नहीं कहा जा सकता है. 

बैठक में हमास प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि फिलिस्तीनियों को अपनी स्वतंत्रता का अधिकार है और वे इजरायल के कब्जे को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि फिलिस्तीनी लोग अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने के हकदार हैं. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 7 अक्टूबर से इजरायली सेना ने फिलिस्तीनी नागरिकों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि इजरायली सेना का हमला किसी भी तरह जायज नहीं है.

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