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वॉशिंगटन: अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की बेटी इवांका ट्रंप (Ivanka Trump) ने ट्वीट किया और हमला करने वालों को देशभक्त कहकर निशाने पर आ गईं. आलोचना के बाद उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया और अब इसको लेकर सफाई दी है.
इवांका ट्रंप (Ivanka Trump) ने ट्वीट किया था, 'अमेरिकी देशभक्तों (American Patriots)- सुरक्षा का किसी भी तरह उल्लंघन या हमारे कानून के प्रति अनादर को स्वीकार नहीं किया जाएगा. हिंसा तुरंत बंद करनी होगी. कृपया शांति बनाए रखें.'
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हिंसा मे शामिल लोगों को देशभक्त कहकर इवांका की आलोचना होने लगी. एक अमेरिकी पत्रकार केट बेनेट ने इवांका को टैग करते हुए लिखा, 'इवांका ट्रंप, सफाई दें. आप कह रही हैं कि ये लोग 'देशभक्त हैं.' इसके बाद इवांका ने ट्वीट किया और लिखा, 'नहीं. शांतिपूर्ण विरोध देशभक्ति है. हिंसा अस्वीकार्य है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए.'
अमेरिकी संसद में हंगामे के बाद ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के अकाउंट को 12 और इंस्टाग्राम ने 24 घंटों के लिए सस्पेंड कर दिया है. इसके बाद वह फिलहाल कोई नया पोस्ट नहीं डाल पाएंगे. इसके साथ ही फेसबुक और यूट्यूब ने भी ट्रंप पर एक्शन लिया और उनका वीडियो रिमूव कर दिया. फेसबुक ने वीडियो हटाते हुए कहा कि यह इमरजेंसी है, ट्रम्प के वीडियो से हिंसा और भड़क सकती है.
अमेरिकी संसद के दोनों सदन यानी सीनेट में गुरुवार को इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती और बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने के लिए बैठक शुरू हुई. इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के सैकड़ों समर्थक संसद के बाहर जुट गए. नेशनल गार्ड्स और पुलिस इन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन कुछ लोग कैपिटल बिल्डिंग के अंदर घुस गए और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की. इस दौरान गोली भी चली और एक महिला समेत 4 लोगों की मौत हो गई. हालांकि अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि गोली किसने चलाई थी.
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए 3 नवंबर को चुनाव हुए थे, जिसमें डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) को 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 232 वोट मिले थे. इसके बावजूद ट्रंप ने हार स्वीकार नहीं की और लगातार आरोप लगाते रहे कि चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. इसको लेकर कई राज्यों में ट्रंप समर्थकों द्वारा केस भी दर्ज कराए गए, लेकिन ज्यादातर मामले कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब ट्रंप समर्थक हिंसा पर उतारू हो गए हैं.