एमडीए अभियान के जरिए 29 जिलों से होगा फाइलेरिया का सफाया
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एमडीए अभियान के जरिए 29 जिलों से होगा फाइलेरिया का सफाया

सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी.हेकाली झिमोमी ने बताया कि एमडीए अभियान में दो दवाओं डीईसी एवं एल्बेण्डाजोल का निःशुल्क वितरण किया जाएगा.

 डॉक्टर ने कहा कि हाथी पांव बीमारी होने के उपरान्त इसका इलाज संभव नहीं है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश से फाइलेरिया को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. हाथी पाव के नाम से जानी जाने वाली इस बीमारी को समाप्त करने के लिए 29 जिलों में 10 से 14 फरवरी के बीच एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान चलाया जाएगा. एमडीए के द्वितीय चरण में 29 जिलों चित्रकूट, बांदा, गोरखपुर, महाराजगंज, बरेली, शाहजहांपुर, बाराबंकी सोनभद्र, भदोही (संत रविदास नगर), मऊ, आजमगढ़, बलिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, देवरिया, कुशीनगर, जालौन, पीलीभीत, जौनपुर, हमीरपुर, महोबा, अम्बेडकर नगर, अमेठी, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, अयोध्या (फैजाबाद) एवं बलरामपुर में यह अभियान चलाया जाएगा. 

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इसमें लोगों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी. सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी.हेकाली झिमोमी ने बताया कि एमडीए अभियान में दो दवाओं डीईसी एवं एल्बेण्डाजोल का निःशुल्क वितरण किया जाएगा. ये दवाएं मानव में इन परजीवियों को मारने में सक्षम हैं और रोग की रोकथाम में मदद करते हैं तथा भविष्य में हाथी पांव होने की आशंका को भी खत्म करती हैं. 

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उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हाथी पांव बीमारी होने के उपरान्त इसका इलाज संभव नहीं है. स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में बिना किसी लक्षण के इस बीमारी के परजीवी शरीर में कई वर्ष तक रह सकते हैं एवं 5 से 10 वर्ष बाद इस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं.

(इनपुट भाषा)

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