Miss Universe Fiji: मंशिका प्रसाद के लिए उस वक्त सारा पासा पलट गया जब संस्था मिस यूनिवर्स फिजी (MUF) ने एक बयान जारी कर कहा कि मिस फिजी प्रतियोगिता के दौरान नियमों का गंभीर उल्लंघन हुआ है.
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Miss Universe: मिस साउथ अफ्रीका को लेकर बवाल अभी थमा भी नहीं है कि एक नया ब्यूटी क्वीन कांटेस्ट विवादों के साए में आकर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोर रहा है. पिछले दिनों साउथ पैसिफिक देश फिजी में ऐसा देखने को मिला. सर्वविदित है कि फिजी में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या रहती है. ऐसी ही एक फिजी इंडियन और एमबीए की छात्रा 24 वर्षीया मंशिका प्रसाद (Manshika Prasad) ने बीते दिनों मिस यूनिवर्स फिजी का ताज जीता. पूरी प्रक्रिया आराम से हुई, जीतने पर उस रात कोई विवाद भी नहीं हुआ. अगले दिन मंशिका प्रसाद ज्यूरी के जजों के साथ फोटोग्राफी, ट्रैवलिंग और बाकी सारी औपचारिकताएं भी निभाती रहीं.
दो दिन बाद बदली तस्वीर
दो दिन बाद मंशिका प्रसाद के लिए उस वक्त सारा पासा पलट गया जब संस्था मिस यूनिवर्स फिजी (MUF) ने एक बयान जारी कर कहा कि मिस फिजी प्रतियोगिता के दौरान नियमों का गंभीर उल्लंघन हुआ है. वोटिंग के दौरान फर्जीवाड़ा हुआ है और मंशिका को इसलिए जिताया गया क्योंकि इवेंट मैनेजर को इससे आर्थिक लाभ होने वाला था. लिहाजा नया संशोधित रिजल्ट जल्दी ही जारी किया जाएगा. उसके कुछ ही घंटों के भीतर मंशिका को बताया गया कि उनसे ताज वापस लिया जाता है और नवंबर में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए वो फिजी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकेंगी.
रनरअप को घोषित किया विजेता
इसके बजाय प्रतियोगिता में रनरअप रहीं 30 वर्षीया नेडिन रॉबर्ट्स (Nadine Roberts) को मिस यूनिवर्स फिजी घोषित कर दिया गया. नेडिन मॉडल मॉडल और ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में प्रॉपर्टी डेवलपर हैं. उनकी मां फिजी की हैं. इस घटनाक्रम से मंशिका प्रसाद को धक्का लगा. उन्होंने एक बयान देकर सोशल मीडिया से दूरी बना ली और कहा कि बहुत कुछ पर्दे के पीछे ऐसा हुआ है जिसके बारे में जनता को पता नहीं है. इसके उलट नेडिन ने मिस यूनिवर्स फिजी को गड़बड़ी दूर करने के लिए तत्काल एक्शन लेने और संशोधित रिजल्ट जारी करने के लिए आभार प्रकट किया.
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कैसे छीना गया ताज
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सात जजों के पैनल में मंशिका ने 4-3 से मुकाबला जीता. अगले दिन वो जजों के साथ बोट ट्रिप पर गईं लेकिन तब तक आधिकारिक रूप से विजेता की घोषणा नहीं की गई थी. लेकिन उस टूर में एक जज रीरी फ्रेबियानी नहीं गईं. वह लक्स प्रोजेक्ट्स (Lux Projects) कंपनी की तरफ से प्रतिनिधि थीं. यह एक प्रॉपर्टी डेवलपमेंट फर्म है. इस कंपनी ने ही फिजी में मिस यूनिवर्स टाइटल कराने का लाइसेंस मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन (MUO) से हासिल किया था. लिहाजा इसका भी एक प्रतिनिधि 7 जजों के पैनल में शामिल था. दरअसल किसी देश में इस तरह की प्रतियोगिता कराने का लाइसेंस खरीदना बेहद महंगा काम होता है इसलिए ही 1981 के बाद पहली बार फिजी में इस तरह का मिस यूनिवर्स फिजी कांटेस्ट आयोजित हो सका. फ्रेंचाइची का लाइसेंस खरीदने के बाद कंपनी आयोजक हो जाती है और संबंधित देश में इवेंट कराती है और अपने खर्च को निकालने के लिए प्रायोजक, स्पांशरशिप और टिकट बेचती है.
बीबीसी के मुताबिक जब रीरी फेब्रियानी नहीं गईं तो उनके साथ रूम शेयर करने वाली दूसरी जज मेलिसा वाइट ने उनसे वजह पूछी तो रीरी ने कहा कि उनको उनके बॉस जेमी ने आज के लिए बहुत काम दिया है. इसलिए वो बोट ट्रिप पर नहीं जा सकेंगी. कुल मिलाकर शाम तक ये स्पष्ट हो गया कि लक्स कंपनी प्रतियोगिता के नतीजों से खुश नहीं थी. इसकी प्रेस रिलीज में कहा गया कि इस प्रतियोगिता का लाइसेंस हासिल करने वाले के पास भी वोटिंग का अधिकार है और मंच के संचालकों ने उसके वोट को नहीं गिना. यानी मंच पर मौजूद 7 जजों के पैनल के अलावा ये आठवां वोट भी गिना जाना चाहिए जोकि प्रतियोगिता का लाइसेंस हासिल करने वाले (लक्स प्रोजेक्ट्स) का है. इसके साथ ही ये भी कहा गया कि उस वोट को ही निर्णायक भी माना जाएगा और ये आठवां वोट उसने नेडिन रॉबर्ट्स को दिया. इस तरह मुकाबला मंशिका प्रसाद और नेडिन रॉबर्ट्स के बीच 4-4 के टाई का हो गया लेकिन लक्स के निर्णायक वोट के कारण विजेता नेडिन को घोषित कर दिया गया.
खुल गया राज
बस फिर क्या था? फिजी में सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक बहस शुरू हो गई. लक्स प्रोजेक्ट्स के बारे में जब छानबीन की गई तो पता चला कि ये कंपनी ऑस्ट्रेलिया के बिजनेसमैन जेमी मैंकइनटायर से संबंधित है और जिमी ने नेडिन रॉबर्ट्स से शादी की है. यानी इस वजह से ही किसी भी तरह नेडिन को जिताने का प्रयास किया गया.
जजों के पैनल ने भी विरोध किया कि आठवां वोट कैसे गिना जाएगा जबकि पूरी प्रतियोगिता के दौरान इस तरह की कोई भी बात नहीं थी. कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया था. कंपनी का एक प्रतिनिधि पहले से ही पैनल में मौजूद भी था तो उसके बावजूद आठवां वोट कैसे मान्य किया जाएगा. जबकि इस तरह की कोई भी मांग प्रतियोगिता के दौरान नहीं की गई.
मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन (MUO) के पास भी ये बात पहुंची और उसने मामले की अपने स्तर पर जांच की. उसके बाद उसने मिस यूनिवर्स फिजी (MUF) संस्था से बात की और अंत में मामला मंशिका प्रसाद के पक्ष में रहा. यानी मंशिका प्रसाद को आखिरकार फिर से मिस यूनिवर्स फिजी घोषित किया गया और नवंबर में मेक्सिको में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में वो आधिकारिक रूप से शामिल होंगी. नेडिन रॉबर्ट्स की दावेदारी को गलत बताया गया. अपना खोया हुआ सम्मान पाकर मंशिका प्रसाद अब बेहद खुश हैं और नवंबर की तैयारियों में लग गई हैं. जबकि नेडिन रॉबर्ट्स ने इंस्टाग्राम पर अब भी खुद को रियल मिस यूनिवर्स फिजी 2024 लिख रखा है.