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मास्को: यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia-Ukraine War) को लेकर अमेरिका (US) और पश्चिमी देश भले ही रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ लामबंदी कर रहे हों. लेकिन कई देश ऐसे भी हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रूस के साथ हैं यानी मॉस्को का समर्थन कर रहे हैं. पुतिन के सहयोगियों की बात करें तो इस सूची में पहला नाम बेलारूस (Belarus) के राष्ट्रपति Alexander Lukashenko का आता है. जिन्होंने हमले का ऐलान होते ही अपनी सीमाएं पुतिन के टैंको के लिए खोल दी थीं. दो देशों के बीच जारी घमासान के बीच बेलारूस के राष्ट्रपति का वो वीडियो वायरल है जिसका प्रसारण सरकारी TV चैनल पर हुआ था. इसी वीडियो के हवाले से ये कहा जा रहा है कि यूक्रेन (Ukraine) को फतह करने के बाद पुतिन का अगला टारगेट मोल्दोवा (Moldova) हो सकता है.
मेल ऑनलाइन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भले ही अबतक की लड़ाई में बेलारूस सीधे तौर पर सामने नहीं आया था. लेकिन हाल ही में यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि उनके देश के खिलाफ युद्ध में बेलारूस खुल कर मैदान में आ गया है. बेलारूस के 300 टैंकों की तैनाती के साथ उसके लड़ाकू विमान भी इधर-उधर चक्कर काट रहे हैं. वहीं बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको की एक मीटिंग से ये संकेत मिल रहा है कि पुतिन की सेना अगले चरण में मोल्दोवा पर हमला करने की तैयारी में है.
दरअसल अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने अपने सुरक्षा अधिकारियों के साथ अहम बैठक की इस दौरान उन्होंने एक वार मैप को दिखाते हुए अपनी रणनीति का ऐलान किया. इस दौरान वो मिलिट्री ऑपरेशंस की चर्चा कर रहे थे. इस नक्शे में रूस, बेलारूस, यूक्रेन और कुछ यूरोपीय देशों की सीमा और सेंटर्स पर निशान लगे हैं. लुकाशेंको एक स्टिक से एक एक प्वाइंट को ब्रीफ कर रहे हैं. इसी दौरान नक्शे पर मोल्दोवा की लोकेशन भी दिख रही है. दरअसल वार मैप में दिख रही ये वो तमाम जगहें हैं जहां रूस की सेना हमला कर चुकी है या ऑपरेशन पूरा करके आगे बढ़ रही है. नक्शे में नॉर्थ डायरेक्शन से कीव की ओर और क्रीमिया से खरसॉन की ओर की मूवमेंट दिख रही है.
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मीटिंग में वो हमलों से जुड़े वो निशान भी दिखा गए जिनपर अभी रूस की एयरफोर्स या सेना ने हमला नहीं किया है. इसी दौरान ओडेसा के पोर्ट सिटी से मोल्दोवा (Moldova) की ओर इशारा करते हुए वो कुछ चर्चा करते हैं जिसके आधार पर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि रूस, निकट भविष्य में यूक्रेन के पड़ोसी हिस्सों मे अपने सैनिकों का मार्च कराने का मन बना चुका है. हालांकि ये अलग बात है कि यूक्रेन के फौजी और वहां की आम जनता भी रूस की सेना का डट कर मुकाबला कर रही है. यूक्रेन का दावा है कि उसे हुए भीषण नुकसान के बावजूद, हमले के सात दिन बाद तक रूस को कोई खास कामयाबी नहीं मिली है. ऐसे में चूंकि बेलारूस की सिक्योरिटी मीटिंग का लाइव लेटिकास्ट हो रहा था इसलिए कहा जा रहा है कि इस गलती की वजह से यूक्रेन के बाद पुतिन के नेक्स्ट टारगेट का खुलासा हो गया है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन को लेकर रूस का रवैया और आक्रामक हो गया है. कई मील लंबा काफिला कीव पर कब्जे के लिए बढ़ चुका है. हमले में आम नागरिकों की मौत की खबरें भी तेजी से सामने आ रही हैं. ऐसे में युद्ध कितने दिन चलेगा और इसकी लपटें यूरोप के किन-किन देशों तक पहुंचेगी ऐसे सवालों पर फिलहाल अनुमान और अटकलें ही लगाई जा रही हैं.